आज के डिजिटल युग में सुबह उठते ही सबसे पहले हम मोबाइल फोन उठाते हैं और नींद आने से ठीक पहले तक उसे हाथ से छोड़ना मुश्किल लगता है। फेसबुक पर दोस्त की पोस्ट, इंस्टाग्राम पर किसी का ट्रैवल रील या व्हाट्सऐप पर लगातार आने वाले नोटिफिकेशन, हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुके हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस लगातार ऑनलाइन रहने की आदत का असर आपके दिमाग पर कितना गहरा पड़ सकता है? सोशल मीडिया का मकसद लोगों को जोड़ना और जानकारी तक आसान पहुंच बनाना था, लेकिन अब यह जुड़ाव कई बार एक निर्भरता (addiction) में बदल जाता है। इस लेख में फोर्टिस अस्पताल, बन्नेरघट्टा रोड, बेंगलुरु के मनोचिकित्सा विशेषज्ञ, डॉ. सचिन बालिगा (Dr. Sachin Baliga, Consultant - Psychiatrist, Fortis Hospital, Bannerghatta Road, Bengaluru) से जानेंगे, क्या सोशल मीडिया की लत से दिमाग की सेहत पर असर पड़ता है?
क्या सोशल मीडिया की लत से दिमाग की सेहत पर असर पड़ता है? - Does Social Media Addiction Affect Brain Health
डॉ. सचिन बालिगा बताते हैं कि सोशल मीडिया की लत मस्तिष्क को उसी तरह प्रभावित करती है जैसे नशे की लत। सोशल मीडिया पर मिलने वाले ''लाइक'', ''शेयर'' और ''नोटिफिकेशन'' हमारे दिमाग में छोटे-छोटे इनाम (रिवॉर्ड) की तरह काम करते हैं। ये इनाम डोपामाइन नामक केमिकल को एक्टिव करते हैं, जो हमें खुशी और संतुष्टि का अहसास कराता है। समय के साथ यह दिमाग के फंक्शन को बदल देता है। ठीक वैसे ही जैसे ड्रग्स या निकोटीन की लत में होता है, हमें बार-बार वही उत्तेजना पाने के लिए सोशल मीडिया पर लौटना पड़ता है। यही वजह है कि लोग बार-बार फोन चेक करने से खुद को रोक नहीं पाते।
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1. ध्यान और याददाश्त पर असर
सोशल मीडिया हमारी कॉग्निटिव फंक्शनिंग यानी ध्यान और याददाश्त को भी कमजोर करता है। लंबे समय तक ऑनलाइन रहने वाले लोगों को किसी काम पर फोकस करने में मुश्किल होती है। उनकी शॉर्ट-टर्म मेमोरी प्रभावित होने लगती है और वे छोटी-छोटी चीजें भी भूलने लगते हैं।
2. नींद और मानसिक शांति पर असर
सोने से पहले घंटों सोशल मीडिया स्क्रॉल करने की आदत नींद के पैटर्न को बिगाड़ देती है। डॉ. सचिन बालिगा बताते हैं कि लगातार अपडेट चेक करने की आदत दिमाग को एक तरह की ''हाई अलर्ट'' स्थिति में रखती है। इसका नतीजा है, नींद न आना, बार-बार नींद टूटना और थकान का बढ़ना। पर्याप्त नींद न मिलना आगे चलकर तनाव, एंग्जायटी और डिप्रेशन का खतरा बढ़ाता है।
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3. इमोशनल हेल्थ और मूड स्विंग्स
सोशल मीडिया की लत से इमोशनल हेल्थ भी प्रभावित होती है। लगातार ऑनलाइन रहने वाले लोग चिड़चिड़े हो जाते हैं, छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करने लगते हैं और उनका मूड बार-बार बदलता रहता है।
4. तुलना और आत्मविश्वास की कमी
इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म पर लोग अपनी जिंदगी का सबसे अच्छा हिस्सा दिखाते हैं। बार-बार इन हाइलाइट रील्स को देखने से अनजाने में हमारी तुलना दूसरों से होने लगती है। इसका असर आत्मविश्वास पर पड़ता है और धीरे-धीरे हम खुद को दूसरों से कमतर महसूस करने लगते हैं।
बचाव कैसे करें?
डॉ. बालिगा के अनुसार, सोशल मीडिया का इस्तेमाल बंद करना जरूरी नहीं है, बल्कि उसे संतुलित करना जरूरी है। इसके लिए कुछ कदम अपनाए जा सकते हैं-
- रोजाना सोशल मीडिया इस्तेमाल करने का एक टाइम-लिमिट तय करें।
- सोने से कम से कम एक घंटे पहले मोबाइल या सोशल मीडिया से दूरी बनाएं।
- ऑफलाइन एक्टिविटीज जैसे पढ़ना, टहलना, योग या परिवार के साथ समय बिताना जरूरी बनाएं।
- माइंडफुल यूज यानी बिना सोचे-समझे स्क्रॉल करने की बजाय जरूरत के मुताबिक ही इस्तेमाल करें।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया मॉडर्न लाइफ का अहम हिस्सा है, लेकिन इसकी लत दिमागी सेहत को नुकसान पहुंचा सकती है। यह हमारी याददाश्त, नींद, भावनात्मक कंट्रोल और आत्मविश्वास को प्रभावित करती है। डॉक्टर का मानना है कि यदि सोशल मीडिया का इस्तेमाल संयमित और सोच-समझकर किया जाए, तो यह कनेक्शन का अच्छा साधन है। लेकिन लत लगने पर यह हमारी मानसिक शांति, रिश्तों और प्रोडक्टिविटी, सभी पर नकारात्मक असर डाल सकता है।
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FAQ
क्या देर रात सोशल मीडिया स्क्रॉल करने से नींद पर असर पड़ता है?
बिलकुल, देर रात फोन देखने से दिमाग हाई-अलर्ट मोड में रहता है जिससे नींद टूटती है या ठीक से आती नहीं है।क्या सोशल मीडिया की वजह से डिप्रेशन और एंग्जायटी हो सकते हैं?
लगातार दूसरों से तुलना करने, कम लाइक्स मिलने या सोशल वैलिडेशन पर निर्भर रहने से डिप्रेशन और एंग्जायटी बढ़ सकती है।सोशल मीडिया की लत से बचने के लिए क्या करें?
टाइम-लिमिट सेट करें, सोने से पहले मोबाइल से दूरी बनाएं, ऑफलाइन एक्टिविटी जैसे पढ़ना, खेलना या परिवार के साथ समय बिताना जरूरी है।
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Sep 24, 2025 16:13 IST
Modified By : Akanksha TiwariSep 24, 2025 16:08 IST
Published By : Akanksha Tiwari