ये 5 संकेत बताते हैं कि आपको भी है स्लीप डिसऑर्डर, जानें कैसे करें पहचान

Signs Of Sleep Disorder: काम की टेंशन के चलते लोगों को नींद से जुड़ी समस्या का सामना करना पड़ता है। आगे जानते हैं इससे बचाव का तरीका  
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 ये 5 संकेत बताते हैं कि आपको भी है स्लीप डिसऑर्डर, जानें कैसे करें पहचान


Signs Of Sleep Disorder: लाइफस्टाइल में बदलाव की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर देखने को मिल रहा है। सुबह देर तक सोना और रात को देर तक जागने के कारण आज के दौर में अधिकतर लोगों को नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सेहतमंद रहने और रोगों को दूर रखने के लिए लोगों को एक निश्चित स्लीप पैर्टन (Sleep Disorder) होना बेहद आवश्यक है। जब आप गहरी नींद लेते हैं तो उस समय आप शरीर मांइड और बॉडी के सेल्स को रिपेयर करने का काम करते हैं। इससे आप अगले दिन खुद को एनर्जेटिक महसूस करते हैं। लेकिन, बीते कुछ सालों में लोगों के खानपान और काम की आदतों में बदलाव आया है। जिसका दुष्प्रभाव उनकी नींद और स्वास्थ्य पर साफ देखा जा सकता है। आगे जानते हैं कि स्लीप डिसऑर्डर के मुख्य संकेत (Signs Of Sleep Disorder) क्या हो सकते हैं। साथ ही, स्लीप डिसऑर्डर कम करने के उपाय भी बताए गए हैं।

स्लीप डिसऑर्डर के लक्षण - Warning Signs Of Sleep Disorder In Hindi

लगातार थकान महसूस होना

पर्याप्त नींद के लेने के बाद भी आपको थकान महसूस हो रही है तो ऐसे में समझ जाए कि आपको नींद से संबंधी विकार हो सकता है। कई बार  नींद की क्वालिटी खराब होने से भी आपको नींद से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। ऐसे में आपको थकान हो सकती है। 

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सोने में परेशानी हो सकती है

यदि आप देर रात तक जागते हैं तो इससे आपका स्लीप पैर्टन खराब हो सकता है। स्लीप पैर्टन में बाधा उत्पन्न होने से आपको स्लीप डिसऑर्डर हो सकता है। साथ ही, नींद आने में परेशानी होती है। ऐसे में आपको स्लीप पैर्टन को फॉलो करना बेहद आवश्यक होता है। 

बार-बार जागना

रात में कई बार जागना स्लीप एपनिया या रेस्टलेस लेग्स सिंड्रोम जैसे नींद संबंधी विकारों का लक्षण हो सकता है। ये स्थितियां शरीर को नींद के चरणों में आगे बढ़ने से रोकती हैं। जिसकी वजह से लोगों को रात में सोते समय बार-बार नींद खुल जाती है। इससे उनकी नींद की क्वालिटी भी खराब होती है। 

दिन में नींद लेना 

दिन में अत्यधिक नींद आना, या दिन के समय में आलस होना भी आपको नींद संबंधी विकार की ओर संकेत करता है। इससे व्यक्ति के रोजाना के कामकाज पर असर पड़ता है। व्यक्ति का किसी भी काम में मन नहीं लगता है। साथ ही, उसकी प्रोडक्टिविटी भी कम हो जाती है। इसका असर दिमाग पर भी पड़ता है। 

खर्राटे लेना

थकान की वजह से कभी कभार खर्राटे आना आम बात है। लेकिन, अगर आपको रोज खर्राटे आते हैं तो यह नींद से संबंधित विकार हो सकता है। खर्राटे में आपको सांस लेने में परेशानी हो सकती है, जिससे आपकी नींद की क्वालिटी खराब होती है। यह भी आपके स्लीप डिसऑर्डर का एक संकेत हो सकता है। 

नींद संबंधी विकारों से बचने के लिए क्या करें - Protection Tips Of Sleep Disorder In Hindi 

  • सोने के लिए कमरे और बिस्तर को आरामदायक बनाएं. 
  • सोने से पहले करीब 30 से 40 मिनट वॉक करें। इससे रात को नींद आने में आसानी होती है। 
  • देर रात तक ऑफिस का काम न करें। इससे भी आपकी नींद प्रभावित होती है। 
  • स्लीप के लिए एक पैर्टन को फॉलो करें। 
  • रात के समय में शराब या कैफीन युक्त ड्रिंक का सेवन न करें। इससे नींद आने में परेशानी हो सकती है।

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रात को नींद लेने में परेशानी हो रही है तो ऐसे में आप लाइफस्टाइल में बदलाव करें। देर रात तक जागने की आदत बहलें। साथ ही, सुबह उठकर योग या एक्सरसाइज करें। इससे आपका शरीर फिट रहता है और आपको कई तरह से बीमारियों से बचाव होता है। यदि, आपको तनाव, स्ट्रेस और मानसिक समस्या के कारण नींद नहीं आती है, तो ऐसे में डॉक्टर से मिलें।  

 

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