
Drinking water benefits for air pollution: आज दिल्ली-NCR एयर पॉल्यूशन के साथ घने कोहरे के ढकी है। लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि इससे उनकी सेहत पर कैसा असर हो सकता है। दरअसल, एयर पॉल्यूशन का असर पूरे शरीर पर व्यापक तरीके से होता है जिसमें कि फेफड़े की सेहत के साथ आंख और दिल की सेहत भी प्रभावित होती है। ऐसी स्थिति में कई बार डाइट से लेकर लाइफस्टाइल तक में कुछ बदलाव करना एयर पॉल्यूशन के असर को कम करने में मदद कर सकता है जैसे कि पानी पीना। जी हां, भले ही आपको ये अजीब लग रहा हो लेकिन पानी पीना एयर पॉल्यूशन के असर को कम करने में मदद कर सकता है। कैसे? आइए जानते हैं इस बारे में Dr. Sunil Kumar K, Lead Consultant - Interventional Pulmonology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
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क्या पर्याप्त मात्रा में पानी पीना एयर पॉल्यूशन के असर को कम कर सकता है-Can proper hydration reduce air pollution effects in body
Dr. Sunil Kumar K बताते हैं कि जी हां, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से शरीर पर वायु प्रदूषण के कुछ प्रभावों को कम करने में मदद मिल सकती है, लेकिन यह सभी वायु प्रदूषकों को पूरी तरह से डिटॉक्स नहीं कर सकता। हालांकि, वायु प्रदूषण के कण खून के जरिए शरीर में सर्कुलेट हो जाते हैं और ऐसी स्थिति में पर्याप्त पानी पीने से शरीर के नेचुरल डिटॉक्स सिस्टम, मुख्य रूप से किडनी और लिवर, को सहायता मिलती है। जब आप पर्याप्त रूप से हाइड्रेटेड होते हैं, तो ये अंग मूत्र और पसीने के माध्यम से खून से वेस्ट और विषाक्त पदार्थों को निकालने में बेहतर ढंग से कार्य करते हैं। हाइड्रेशन नाक, गले और फेफड़ों में श्लेष्मा झिल्लियों को नम रखने में भी मदद करता है। यह नमी कुछ छोटे वायु प्रदूषकों और धूल के कणों को रोक सकती है, जिससे शरीर के लिए उन्हें खांसी या छींक के माध्यम से बाहर निकालना आसान हो जाता है।
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इस दौरान पानी पीना क्यों है फायदेमंद-Drinking water benefits for body during air pollution
डॉ. सुनील बताते हैं कि पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से हेल्दी ब्लड सर्कुलेशन में सहायता मिलती है, जिससे ऑक्सीजन और पोषक तत्व उन कोशिकाओं तक पहुंचते हैं जो प्रदूषण के संपर्क में आने से प्रभावित हो सकती हैं। यह प्रदूषकों के कारण होने वाली सूजन को कम करने में भी मदद करता है, विशेष रूप से फेफड़ों और त्वचा में। पानी पीने से अशुद्धियों को बाहर निकालकर और प्रदूषित हवा के कारण होने वाले ड्राइनेस को कम करके त्वचा के स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है।

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इसके अलावा NIH के इस शोध की मानें तो जब आप हाइड्रेटेड रहते हैं तो आपके शरीर के तमाम अंग सही से काम करते हैं जैसे कि हाइड्रेशन कंजेशन को कम करने के साथ कफ को तोड़ने में भी मददगार है। इसके अलावा पानी पीना डाइजेशन को कम करने के साथ कब्ज को भी कम करने में भी मददगार है जो कि सर्दियों के इस मौसम में सबसे ज्यादा परेशान करती है।
हालांकि, केवल पानी ही हानिकारक वायु प्रदूषकों जैसे कि महीन कण पदार्थ या विषाक्त गैसें जो फेफड़ों या रक्तप्रवाह में गहराई तक प्रवेश करती हैं, को बेअसर या पूरी तरह से नहीं हटा सकता। प्रदूषण से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए, पर्याप्त मात्रा में पानी पीने के साथ-साथ एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्वस्थ आहार लेना चाहिए, उच्च प्रदूषण वाले क्षेत्रों में मास्क पहनना चाहिए, प्रदूषण के चरम घंटों के दौरान बाहरी गतिविधियों से बचना चाहिए और घर के अंदर एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना चाहिए।
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FAQ
प्रदूषण का फेफड़ों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
प्रदूषण का फेफड़ों पर बेहद गहरा असर होता है। ये फेफड़ों की पुरानी बीमारियों को ट्रिगर करने के साथ अस्थमा, निमोनिया, सीओपीडी और तमाम समस्याओं का कारण बन सकता है।एयर पॉल्यूशन से कौन-कौन सी बीमारी होती है?
एयर पॉल्यूशन की वजह आपको आंखों में एलर्जी, फेफड़ों की बीमारी और दिल की बीमारियों का खतरा हो सकता है। इसके अलावा ये नवजात शिशु की सेहत को भी नुकसान पहुंचा सकता है।वायु प्रदूषण से मानव शरीर में सबसे अधिक प्रभाव अंग कौन सा है?
वाय प्रदूषण का सबसे ज्यादा असर फेफड़ों और श्वसन तंत्र पर देखा जाता है। ये बार-बार खांसी और गले में जलन जैसी समस्याओं को भी ट्रिगर करने में मददगार है।
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Dec 18, 2025 12:43 IST
Published By : Pallavi Kumari