
Air pollution effects: इस समय दिल्ली-NCR प्रदूषण (air pollution in delhi ncr) की चादर तले ढका है। रोज दिल्ली के अलग-अलग इलाकों का AQI 500 के आस-पास रहता है तो कुछ इलाकों की हवा तो और भी बुरी स्थिति में होती है। इस प्रदूषित हवा में सांस लेने के कई नुकसान हैं और इसका असर शरीर के अलग-अलग अंगों पर होता है। ये जहां फेफड़ों के काम काज को प्रभावित करता है वहीं ये दिल की सेहत को भी प्रभावित करता है लेकिन आज हम बात करेंगे कि ये आंखों की सेहत के लिए कैसे नुकसानदेह है? इस प्रदूषण का असर आपकी आंखों पर कैसे हो सकता है और क्या आजकल आपकी आंखें इसकी वजह से ड्राईनेस और रेडनेस की शिकार हैं? जानते हैं इस बारे में Dr. Ashwin Santosh Shetty, Consultant – Ophthalmology, Aster CMI Hospital, Bangalore से।
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आंखों में सूखापन, लालिमा और पानी आने के पीछे क्या है वजह?
आंखों के डॉक्टर Dr. Ashwin Santosh Shetty बताते हैं कि वायु प्रदूषण (air pollution effects on eyes), विशेषकर शहरों में, आंखों के सूखेपन, रेडनेस और पानी आने का एक आम कारण है। डॉक्टरों के अनुसार, आंखें बहुत संवेदनशील होती हैं और अक्सर प्रदूषित हवा के संपर्क में आने वाले पहले अंग होती हैं। धूल, धुआं, वाहनों से निकलने वाला धुआं और औद्योगिक रसायन जैसे प्रदूषक आसानी से आंखों में प्रवेश कर जाते हैं और उनकी प्राकृतिक सुरक्षा को बाधित करते हैं। सामान्यतः, हमारी आंखें आंसुओं की एक पतली परत से ढकी होती हैं जो उन्हें नम रखती है और रोगाणुओं और गंदगी से बचाती है। वायु प्रदूषण इस परत को नुकसान पहुंचाता है। जब यह परत कमजोर हो जाती है, तो आंखें सूखी, खुजलीदार और परेशान करने वाली महसूस होने लगती हैं। इस सूखेपन के कारण आंखें लाल और असहज दिखाई देती हैं।
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आंखों की सतह पर जम जाते हैं PM2.5 के कण
इतना ही नहीं डॉक्टर बताते हैं कि प्रदूषित हवा में PM2.5 और PM10 जैसे छोटे कण भी होते हैं। ये कण आंखों की सतह पर जम जाते हैं और सूजन पैदा कर सकते हैं। इससे आंखें लाल हो जाती हैं, उनमें जलन होती है और ऐसा लगता है जैसे कुछ आंख में फंस गया हो। कुछ लोगों में, आंखें इन हानिकारक कणों को धोने के लिए अधिक आंसू बनाने लगती हैं। यही कारण है कि उच्च प्रदूषण वाले दिनों में आंखों से पानी आना आम बात है।

इसके अलावा कॉन्टैक्ट लेंस पहनने वाले, बाहर काम करने वाले या पहले से ही आंखों की एलर्जी वाले लोग इससे अधिक प्रभावित होते हैं। प्रदूषित वातावरण में लंबे समय तक स्क्रीन देखने से समस्या और बढ़ सकती है क्योंकि पलकें झपकाना कम हो जाता है, जिससे आंखें और भी सूख जाती हैं और ड्राई आई की समस्या (dry eye) होने लगती है।
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बचाव के लिए क्या करें?
डॉक्टर आंखों की सुरक्षा के लिए धूप में चश्मा पहनने, आंखों को रगड़ने से बचने, घर आने के बाद साफ पानी से चेहरा धोने की सलाह देते हैं। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर द्वारा बताई गई आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीना और प्रदूषित हवा के संपर्क में कम आना भी आंखों को स्वस्थ और आरामदायक रखने में मदद कर सकता है।
तो इन टिप्स को अपनाएं और इस बढ़ते प्रदूषण में अपनी आंखों को सुरक्षित रखें ताकि आंखों से जु़ड़ी समस्याएं न हों। साथ ही कोशिश करें कि ज्यादा प्रदूषित जगहों पर जाने से बचें क्योंकि यहां आप कितनी भी कोशिश करेंगे आपके आंखों की सेहत जरूर प्रभावित हो जाएगी।
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FAQ
वायु प्रदूषण से कौन-कौन से रोग हो सकते हैं?
वायु प्रदूषण से आपको अलग-अलग प्रकार रोग हो सकते हैं जैसे कि ये आपको फेफड़ों की बीमारी दे सकता है जैसे कि अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और सीओपीडी। इसके अलावा ये लंबे समय तक रहने वाली गलेकी खिचखिच का भी कारण बन सकता है।आंखों में जलन का कारण कौन सा प्रदूषण है?
नाइट्रोजन ऑक्साइड जो कि इस प्रदूषित हवा में मिला हुआ है आंखों में जलन का कारण बन सकता है और इसकी वजह से लोगों को ज्यादा ड्राई आई और आंखों में खुजली की समस्या होती है।क्या वायु प्रदूषण से आंखों में सूजन हो सकती है?
वायु प्रदूषण में मिलने वाले कुछ कण एलर्जिक कंजंक्टिवाइटिस का कारण बन सकते हैं और आंखों में सूजन की वजह बन सकते हैं। इसलिए अपनी आंखों को प्रदूषण के इन खतरनाक कणों से बचाकर रखें।
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Dec 17, 2025 18:28 IST
Published By : Pallavi Kumari