Post-Delivery Massage for Back Pain: प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव होते हैं। जिसकी वजह से कमर दर्द, पीठ में दर्द, थकान और जोड़ों में परेशानी की समस्या होती है। विशेषतौर पर डिलीवरी के बाद कमर दर्द बहुत ही आम समस्या है। 10 में 7 महिलाओं को डिलीवरी के बाद कमर दर्द का सामना करना पड़ता है।
डिलीवरी के बाद होने वाले कमर दर्द से राहत दिलाने में हर्बल तेलों से नियमित मालिश एक प्राकृतिक और प्रभावशाली उपाय है जो मांसपेशियों को आराम देती है। हर्बल तेलों से कमर की मालिश करने से कमर के आसपास के हिस्सों का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और दर्द से राहत मिलती है।
1. अश्वगंधा तेल- Ashwagandha Oil
दिल्ली के आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. चंचल शर्मा का कहना है कि अश्वगंधा तेल शरीर में एक आयुर्वेदिक टॉनिक की तरह काम करता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। डिलीवरी के बाद अश्वगंधा तेल से कमर और पीठ की मालिश करने से सूजी हुई मांसपेशियों को आराम मिलता है। इससे शरीर की जकड़न, थकान और दर्द की परेशानी दूर होती है। अश्वगंधा तेल शरीर में ऊष्मा (warmth) पैदा करता है, वात-दोष का भी संतुलन बना रहता है।
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2. नारियल तेल - Coconut Oil
नारियल तेल में एंटी-इंफ्लेमेटरी और दर्द निवारक गुण पाए जाते हैं। डिलीवरी के बाद शरीर की नारियल तेल से मालिश करने से शरीर का दर्द कम होता है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि नारियल तेल में लॉरिक एसिड होता है। डिलीवरी के बाद इससे मालिश करने से हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बनाने में मिलती है। इसके पोषक तत्व कमर दर्द के साथ-साथ शरीर में होने वाले अन्य परेशानियों को भी कम करते हैं। नारियल तेल को हल्का गुनगुना करके सुबह और रात को सोने से पहले मालिश करना लाभदायक होता है।
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3. तिल का तेल- Sesame Oil
आयुर्वेद में तिल का तेल खास महत्व रखता है। डिलीवरी के बाद कमर और पीठ पर तिल के तेल की मालिश करने से जकड़न व दर्द से राहत मिलती है। तिल के तेल में कैल्शियम, मैग्नीशियम और विटामिन E जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो डिलीवरी के बाद कमजोर हुई हड्डियों को मजबूत बनाते हैं।
4. अरंडी का तेल - Castor Oil
अरंडी का तेल कमर दर्द और सूजन के लिए बहुत प्रभावी होता है। इसमें मौजूद राइसीनोलिक एसिड सूजन को कम करता है और रक्त प्रवाह को बेहतर बनाता है। डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, आयुर्वेद में तिल का तेल गरम प्रकृति का माना गया है। यह वात दोष को शांत करता है। कमर दर्द आमतौर पर वात के असंतुलन के कारण होता है, जिसे यह तेल ठीक करता है। अरंडी के तेल से मालिश करने के बाद उस हिस्से की गर्म पानी की बोतल से सिंकाई करने से ज्यादा फायदा मिलता है।
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5. बाला तेल- Bala Tailam
बाला तेल मुख्य रूप से "सिद्दा बाला" (Sida cordifolia) नाम की जड़ी-बूटी से मालिश के लिए तैयार किया जात है। बाला तेल में शक्तिवर्धक, वातनाशक और सूजन-रोधी गुण होते हैं। डिलीवरी के बाद होने वाले दर्द से राहत दिलाने में बाला तेल फायदेमं होता है। यह नसों को ताकत देता है और डिलीवरी के बाद हुई शारीरिक कमजोर ठीक करता है।
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डिलीवरी के बाद हर्बल तेल मालिश के फायदे- Benefits of herbal oil massage after delivery
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि डिलीवरी के बाद हर्बल तेल से मालिश करने से महिलाओं को कई प्रकार के फायदे मिलते हैं।
- तेल मालिश कमर और पीठ के ब्लड सर्कुलेशन को सुधारता है, जिससे दर्द से राहत मिलती है।
- हर्बल तेल की मालिश मांसपेशियों और नसों के दर्द को दूर करती है।
- डिलीवरी के दौरान बच्चे के जन्म के लिए महिलाओं को काफी ताकत लगानी पड़ती है। इससे शारीरिक थकान होती है। हर्बल तेलों की मालिश शारीरिक तनाव को कम करके थकान को दूर करती है।
- डॉक्टर का कहना है कि डिलीवरी के बाद महिलाओं को 40 दिनों तक लगातार हर्बल तेलों से मालिश करवानी चाहिए। इससे शरीर की रिकवरी मे तेजी आती है। साथ ही, यह दर्द और अन्य परेशानियों को कम करता है।
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निष्कर्ष
डिलीवरी के बाद महिला का शरीर शारीरिक और मानसिक रूप से थका हुआ होता है। ऐसे समय में हर्बल तेलों की मालिश शरीर को आराम देने में मददगार होती है।
FAQ
डिलीवरी के बाद पीठ दर्द क्यों होता है?
प्रेग्नेंसी के दौरान पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है। इससे रीढ़ की हड्डी को सहारा नहीं मिल पाता है और पीठ पर अतिरिक्त दवाब पड़ता है। डिलीवरी के दौरान महिला को बच्चे को बाहर निकालने के लिए जोर लगाना पड़ता है, जिससे पीठ और पेल्विक एरिया पर दवाब पड़ता और यही पीठ के दर्द का कारण बनता है।डिलीवरी के बाद कमर दर्द से कैसे छुटकारा पाएं?
डिलीवरी के बाद कमर दर्द होना एक आम बात है। इससे राहत पाने के लिए तेलों से मालिश, गर्म पानी से सिंकाई, योग और हल्की एक्सरसाइज करना फायदेमंद होता है। डिलीवरी के बाद कमर दर्द की परेशानी 2 से 3 महीने से ज्यादा होती है, तो इस विषय पर डॉक्टर से बात करें।सिजेरियन डिलीवरी के बाद कमर में दर्द क्यों होता है?
सी-सेक्शन के दौरान अधिकतर महिलाओं को स्पाइनल या एपिड्यूरल एनेस्थीसिया दिया जाता है। यह इंजेक्शन रीढ़ की हड्डी के पास दिया जाता है, जो अस्थायी रूप से दर्द से राहत देता है। लेकिन लंबे समय यह कमर दर्द की परेशानी हो सकती है। मौसम बदलने पर सिजेरियन डिलीवरी के बाद कमर में होने वाला दर्द और भी बढ़ जाता है।