शरीर की मालिश भारतीय परंपरा और आयुर्वेद का एक जरूरी हिस्सा है, इसे केवल आराम पाने का साधन नहीं माना जाता, बल्कि यह थकान दूर करने, ब्लड सर्कुलेशन सुधारने, स्किन को पोषण देने और मानसिक शांति प्राप्त करने का एक नेचुरल तरीका भी है। लेकिन आजकल बाजार में उपलब्ध कई तरह के तेलों के बीच लोग असमंजस में रहते हैं कि कौन-सा तेल उनके लिए सबसे उपयुक्त है। इन्हीं में से एक है नीलगिरी का तेल (Eucalyptus Oil), जिसे अक्सर इसकी तीव्र खुशबू, मच्छर भगाने और सांस संबंधी समस्याओं में उपयोग के लिए जाना जाता है। लेकिन जब बात आती है शरीर की मसाज की, तो लोग अक्सर पूछते हैं क्या नीलगिरी का तेल शरीर की मालिश के लिए सही है? इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या नीलगिरी का तेल शरीर की मालिश के लिए अच्छा है?
क्या नीलगिरी का तेल शरीर की मालिश के लिए अच्छा है? - Can eucalyptus oil be used for body massage
नीलगिरी का तेल, जिसे अंग्रेजी में Eucalyptus oil कहा जाता है, नीलगिरी के पेड़ की पत्तियों से प्राप्त किया जाता है। इसकी तीव्र, तेज गंध और शीतल प्रकृति इसे एक शक्तिशाली औषधीय तेल बनाती है। यह तेल विशेष रूप से नाक बंद होने, खांसी-जुकाम, सिरदर्द और सांस की तकलीफों में उपयोगी माना जाता है। डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, 'नीलगिरी के तेल का सबसे अच्छा उपयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति की नाक बंद हो या उसे सर्दी-जुकाम हो। इसकी तीव्र सुगंध नासिका मार्ग खोलने में मदद करती है और इससे राहत मिलती है।'
नीलगिरी का तेल अनेक फायदे प्रदान करता है, लेकिन जब बात आती है शरीर पर मालिश करने की, तो डॉक्टर श्रेय शर्मा इससे सावधान रहने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि नीलगिरी के तेल से शरीर पर मालिश करने पर व्यक्ति को अधिक कूलिंग इफेक्ट महसूस होता है, जो कि हर किसी के लिए उचित नहीं है। डॉ. शर्मा कहते हैं, 'नीलगिरी का तेल शरीर को बहुत अधिक ठंडक पहुंचाता है। यदि इसे पूरी बॉडी मसाज में उपयोग किया जाए, तो इसकी वजह से व्यक्ति को असहजता महसूस हो सकती है। शरीर में ठंडी सनसनाहट और चुभन जैसा अहसास हो सकता है।'
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यदि मालिश के लिए तेल चुनना हो, तो अपने शरीर की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) और मौसम को ध्यान में रखकर ही सही निर्णय लें।
1. नींद में बाधा पहुंचा सकता है
आमतौर पर मसाज का उद्देश्य होता है शरीर को शांत करना और व्यक्ति को रिलैक्स करना। लेकिन नीलगिरी के तेल से मसाज करने पर, अत्यधिक ठंडक की वजह से व्यक्ति को राहत की बजाय बेचैनी महसूस हो सकती है। डॉ. शर्मा के अनुसार, 'इसकी शीतल प्रकृति के कारण व्यक्ति मसाज के बाद आराम से सो नहीं पाएगा, जो कि आमतौर पर मसाज का मुख्य उद्देश्य होता है।'
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2. ब्लड सर्कुलेशन पर नकारात्मक असर
नीलगिरी के तेल की शीत प्रकृति ब्लड सर्कुलेशन को आवश्यक रूप से उत्तेजित नहीं करती। अन्य मालिश तेल, जैसे तिल का तेल या नारियल का तेल रक्त संचार को बेहतर बनाते हैं। लेकिन नीलगिरी का तेल ऐसा नहीं करता, बल्कि यह रक्त प्रवाह को सुस्त कर सकता है।
नीलगिरी का तेल किस काम आता है?
- सिरदर्द में हल्के हाथ से माथे पर लगाएं।
- नाक बंद होने पर स्टीम या रूम फ्रेशनर के रूप में इस्तेमाल करें।
- मच्छर भगाने के लिए शरीर के खुले हिस्सों पर हल्का लगाएं।
निष्कर्ष
नीलगिरी का तेल अपने औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, लेकिन इसका उपयोग समझदारी से करना बेहद ज़रूरी है। यदि आप इसे श्वसन तंत्र को बेहतर करने या मच्छरों से बचाव के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं, तो यह फायदेमंद हो सकता है। लेकिन इसे शरीर की मालिश के लिए नियमित रूप से उपयोग करना आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से उपयुक्त नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह ठंडक, चुभन और बेचैनी पैदा कर सकता है।
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FAQ
मालिश करने के लिए सबसे अच्छा तेल कौन सा है?
आयुर्वेद के अनुसार, मालिश के लिए सबसे अच्छा तेल व्यक्ति की प्रकृति (वात, पित्त, कफ) और मौसम पर निर्भर करता है। सर्दियों में तिल का तेल सबसे उत्तम माना जाता है क्योंकि यह वात को शांत करता है, शरीर को गर्मी देता है और रक्त संचार को बेहतर बनाता है। नारियल का तेल गर्मियों में ठंडक देने के लिए अच्छा होता है, जबकि सरसों का तेल जोड़ों के दर्द और सर्दियों में उपयोगी होता है।मसाज कब नहीं करवाना चाहिए?
मालिश शरीर के लिए फायदेमंद होती है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में मसाज करवाने से बचना चाहिए। यदि आपको तेज बुखार, स्किन पर फोड़े-फुंसी, खुला घाव, या सर्जरी के बाद रिकवरी चल रही हो, तो मसाज नहीं करनी चाहिए। हड्डी टूटने या मांसपेशियों में खिंचाव की स्थिति में भी मसाज से बचना चाहिए। गर्भवती महिलाएं, खासकर पहले तीन महीने में, बिना डॉक्टर की सलाह के मसाज न करवाएं। हमेशा किसी डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लेकर ही मसाज करवाना बेहतर होता है।नीलगिरी तेल के क्या फायदे हैं?
नीलगिरी तेलके कई आयुर्वेदिक और चिकित्सकीय फायदे हैं। यह खासतौर पर सांस संबंधी समस्याओं जैसे बंद नाक, खांसी, सर्दी और ब्रोंकाइटिस में राहत देता है। इसकी तीव्र खुशबू नाक के मार्ग को साफ करने में मदद करती है। यह मच्छर भगाने के लिए एक प्राकृतिक उपाय है।