
स्वास्थ्य के जरूरी पहलू के रूप में पोषण को रेखांकित करते हुए निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2020-21 के बजट में पोषण से जुड़े कार्यक्रमों के लिए 35,600 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव रखा। इस बजट में पोशन मिशन 2.0 पर विशेष जोर है। वित्त मंत्री ने बजट सत्र के दौरान 2017-18 में चलाए गए पोषण अभियान का भी जिक्र किया जिसे किशोरियों, प्रेगनेंट व लैक्टिंग मदर्स, 0-6 वर्ष तक के बच्चों के लिए लांच किया गया था। लंबे समय से वन नेशन वन राशन कार्ड की भी मांग उठ रही है। इस बजट में उसे भी शामिल किया गया है। चलिए जानते हैं स्वास्थ्य बजट से जुड़ी जरूरी बातें।

क्या है पोशन मिशन 2.0? (National Nutrition Mission)
इस मिशन की शुरूआत 2018 में हुई थी। इसका उद्देश्य है बच्चे, प्रेगनेंट और लेक्टिंग मदर्स के लिए पोषण से जुड़े परिणामों में सुधार करना। राष्ट्रीय पोशण मिशन नीति आयोग की ओर से तैयार की गई नीति के तहत साल 2022 तक भारत को कुपोषण से मुक्त करना है। इस योजना की मदद से अल्पपोषण, एनीमिया से पीड़ित बच्चे, प्रेगनेंट महिला या किशोर लड़कियों की मदद की जा सकेगी। पब्लिक हेल्थ न्यूट्रिशन एंड डेवेल्पमेंट सेंटर की डायरेक्टर डॉ शीला वीर ने बताया कि इस बजट से न्यूट्रिशन की सप्लाई बेहतर होगी। इस योजना से प्रसव पूर्व केयर, चाइल्ड इम्यूनाइसेशन, न्यूबॉर्न केयर आदि में मदद मिलेगी। बजट में पेयजल, पीडीएस, खेती और शिक्षा पर जोर है। इन सब में इंवेस्ट करने से पोषण से जुड़े हालात सुधरेंगे।
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क्या है पोषण मिशन के फायदे? (Benefits of poshan mission 2.0)

- 1. इस योजना से देश के बच्चे और प्रेगनेंट महिलाओं को पोषण युक्त भोजन मुहिया करवाया जाएगा ताकि उन्हें कुपोषण से बचाया जा सके। इस योजना का उद्देश्य है कि साल 2022 तक कुपोषण को भारत से खत्म करना है।
- 2. इस योजना से 10 करोड़ बच्चों और महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन परिवारों को मदद मिलेगी जो आर्थक रूप से कमजोर हैं और अपने बच्चे या प्रेगनेंट महिला को पोषण युक्त आहार नहीं दे सकते।
- 3. नेशनल न्यूट्रीशन मिशन के तहत पोषण संसाधन केंद्र खोले जाएंगे।
- 4, मिशन के जरिए कम वजन के शिकार बच्चों को मदद मिलेगी जिससे पहले ही साल में 2 प्रतिशत तक इस समस्या को कम किया जा सकेगा।
- 5. खून की कमी यानी एनीमिया से पीड़ित बच्चे व गर्भवती महिलाओं को भी इस मिशन के तहत सही खानपान और देखरेख मिलेगी।
- 6. भारत की आधी से ज्यादा आबादी गरीब तबके से जुड़ी है। वहां पौष्टिक भोजन न मिलने से गर्भवती महिलाएं स्वस्थ्य नहीं रह पातीं और होने वाले बच्चा भी कुपोषण का शिकार होता है। इस मिशन से मेटरनल और चाइल्ड मॉर्टेलिटी रेट में कमी आएगी।
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अब देश में कहीं भी राशन ले सकते हैं लाभार्थी (Buy ration from anywhere across country)
जिन लोगों के पास राशन कार्ड है उन्हें अब लंबी लाइनों में लगने की जरूरत नहीं है। वो पूरे देश में कहीं भी जाकर राशन ले सकते हैं। संसद में आज 2021-22 का आम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि देश में वन राष्ट्र, एक राशन कार्ड की योजना का शुभारंभ किया गया है। इस योजना के तहत आप देश के किसी भी कोने में जाकर राशन खरीद सकते हैं। बहुत से मज़दूर काम के चलते एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करते हैं। उन लोगों के लिए ये योजना मददगार साबित होगी।
क्या है वन नेशन वन राशन कार्ड? (One nation one ration card)
वन नेशन वन राशन कार्ड के तहत किसी भी क्षेत्र का नागरिक राशन कार्ड की मदद से देश के किसी भी कोने से राशन ले सकता है। सरकार का दावा है कि ये योजना हर एक नागरिक को लाभ पहुंचाएगी। इस योजना के तहत देश के 23 राज्यों को 67 करोड़ का फायेदा मिलेगा। योजना के तहत मार्च 2021 तक 100 फीसदी लाभार्थी जुड़ जाएंगे। कोरोना माहमारी के समय हमने देखा कि गरीब और प्रवासी मज़दूरों ने किस तरह सड़कों पर मीलों का सफर तय किया ताकि वे अपने घर पहुंच सकें। इस बीच उन्हें खाने की किल्लत से भी गुजरना पड़ा। इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए ये योजना प्रवासी मजदूरों के लिए खास है।
हेल्थ बजट 2021 के लाभ (Health budget 2021-22 key points)
नई दिल्ली में स्थित सेंटर फॉर फूड एंड न्यूट्रिशन सिक्योरिटी के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डॉ सुजीत रंजन ने बताया कि पोषण मिशन के लांच होने से हमें यूनीवर्सल हेल्थ, पेयजल और सेनिटेशन जैसी सुविधाओं में विस्तार मिलेगा। वहीं वन नेशन वन राशन कार्ड के लांच होने से भी लोगों तक इसका फायेदा पहुंचेगा। भारत कोविड के साथ-साथ कुपोषण से भी लड़ रहा है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक न्यूट्रिशन इंडिकेटर्स बहुत नीचे हैं। उम्मीद है कि नए बजट से स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी। वहीं वी कैन की नैशनल टीम लीडर बीनू आनंद ने बताया कि प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना से हेल्थ सेक्टर में 64180 करोड़ की बढ़ोतरी होगी। पोशन अभियान से 112 जिलों में कुपोषण की समस्या से निजात मिलेगा।
स्वास्थ्य बजट 2021-22 में कुपोषण को जरूरी पहलू बताते हुए लांच की गई योजनाओं का असर जल्द स्वास्थ्य सेवाओं पर देखने को मिलेगा।
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