
पिछले 20-30 सालों में हमारा खान-पान काफी बदल गया है। पहले के समय में जहां लोग आसपास के इलाकों में पैदा होने वाले अनाज और सब्जियों से खुद ही घर पर खाना बनाते थे, वहीं आजकल घर से बाहर खाने और पैकेटबंद चीजें खाने का चलन काफी बढ़ गया है। इसके साथ ही ग्लोबलाइजेशन के कारण आजकल पिज्जा, बर्गर, कोल्डड्रिंक्स, चिप्स, डोनट्स, मोमोज, चाउमीन जैसे दूसरे देशों के फूड्स भी हर गली-चौराहों पर मौजूद हैं। इसके साथ ही खानों का स्वाद बढ़ाने के लिए नमक, मसालों, टेस्ट इन्हैंसर्स आदि के साथ नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं और बहुत सारे रेडी टू ईट फूड्स बनाए जा रहे हैं। इन सभी फूड्स का सेहत पर धीरे-धीरे बुरा असर पड़ता है।

नया खाना क्यों बना रहा है मोटापे का शिकार?
आजकल नए जमाने का ये खानपान बहुत सारे लोगों को मोटापे का शिकार बना रहा है। दरअसल इन खानों में वसा और कोलेस्ट्रॉल की मात्रा ज्यादा होती है, जबकि फाइबर की मात्रा कम होती है। इसलिए इन खानों को खाने से लोगों के शरीर में चर्बी बढ़ रही है। इसके अलावा मोटापे का एक बड़ा कारण यह भी है कि लोग पहले की अपेक्षा आज मेहनत वाले काम बहुत कम करते हैं। गैजेट्स के कारण घर में एक ही जगह बैठे और लेटे रहने की आदत बढ़ गई है।
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नया खाना क्यों बना रहा है कुपोषण का शिकार?
इस खानपान का एक दूसरा पक्ष भी यह है कि लोगों की बड़ी संख्या कुपोषित भी हो रही है। ये कुपोषण वैसा नहीं है, जैसा खाना कम खाने के कारण आप देखते हैं। नए जमाने का कुपोषण ऐसा है, जिसमें व्यक्ति बाहर से हेल्दी दिखता है, उसका शरीर ठीक-ठाक दिखता है, मगर अंदर से वो बीमार और कमजोर होता है। इसका कारण यह है कि आजकल बाहर मिलने वाले ज्यादातर प्रॉसेस्ड फूड्स में पौष्टिक तत्व बहुत कम होते हैं और पौष्टिक तत्वों की कमी ही कुपोषण कहलाती है।

आजकल के खानपान से बढ़ रही हैं जानलेवा बीमारियां
नमक, चीनी, फैट, कोलेस्ट्रॉल का ज्यादा इस्तेमाल और पोषक तत्वों की कमी के कारण ही पिछले 20-30 सालों में लाइफस्टाइल (जीवनशैली) से जुड़ी बीमारियां तेजी से उभरी हैं। हर साल करोड़ों लोग ऐसी बीमारियों के कारण अपनी जवान गंवाते हैं, जो सीधे या परोक्ष रूप से आपके खानपान से जुड़ी हैं। इन बीमारियों में कैंसर, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस जैसी सैकड़ों बीमारियां शामिल हैं।
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हेल्दी और फिट रहने के लिए खानपान के 5 जरूरी नियम?
- बाजार में बिकने वाले पैकेटबंद फूड्स, प्रॉसेस्ड फूड्स और रेडी टू ईट फूड्स का सेवन कम से कम करें। इनमें स्वाद बढ़ाने के लिए बहुत सारी ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है, जिनका सेवन इंसानों के लिए खतरनाक पाया गया है।
- चीनी और नमक का प्रयोग थोड़ा कम कर दें। आपको इस बात की जानकारी होनी चाहिए कि आप जो कुछ खा रहे हैं, उसमें कितनी कैलोरीज, कितना सोडियम और कितना शुगर मौजूद है। चीनी और नमक ये दोनों आपकी सेहत के लिए जरूरी भी हैं और खतरनाक भी हैं। इसलिए इनका सीमित सेवन करना चाहिए।
- ज्यादातर समय खाना घर पर ही बनाएं। अपने खाने में ताजी सब्जियां, फल, ड्राई फ्रूड्स, नट्स, मोटे अनाज और शुद्ध मसालों को जगह दें।
- अपने क्षेत्रीय खानपान को ही अपनाएं। बहुत अधिक मॉडर्न दिखने के चक्कर बाहरी फूड्स का लालच न करें। मौसमी फलों और सब्जियों का ही सेवन करें, बिना मौसम की सब्जियां सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं।
- रोजाना 10-12 ग्लास पानी जरूर पिएं। पानी आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है और शरीर की गंदगी को साफ करने में मदद करता है। इसके अलावा पानी की कमी से भी बहुत सारी बीमारियां होती हैं।
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