जिंदगी जितनी ज्यादा व्यवस्थित हो, आप उतने ज्यादा हेल्दी रहते हैं। जिस तरह आपने अपने सोने, जागने और रोजमर्रा के दूसरे कामों के लिए समय तय किया है, उसी तरह आपको अपने खानपान का भी समय निश्चित करना चाहिए। कुछ लोगों की आदत होती है कि वो अपने काम को इतना महत्व देते हैं कि काम के चक्कर में कभी जल्दी खाना खा लेते हैं, तो कभी बहुत देर में खाते हैं। आपकी इस आदत का आपके शरीर और सेहत पर बुरा असर पड़ता है।
दरअसल हम सभी के शरीर में एक प्राकृतिक घड़ी मौजूद है, जिसे सर्केडियन रिद्म कहते हैं। ये सर्केडिकन हमारे साइकोलॉजिकल सिस्टम के साथ कनेक्ट होती है और हमारी दिनभर की गतिविधियों के अनुसार शरीर के फंक्शन्स को कंट्रोल करती है। जैसे- आपके रोजाना सोने-जागने और खाने के समय के अनुसार ये हार्मोन्स के रिलीज होने और मेटाबॉलिक सिस्टम को एक्टिवेट करने का काम करती है। इसलिए अगर आप रोजमर्रा के कामों के लिए समय निश्चित कर लेते हैं, तो आपका सर्केडियन रिद्म इसे आपकी आदत मान लेता है। इससे शरीर के लिए फंक्शन करना ज्यादा आसान होता है। यही कारण है कि ऐसे लोग लंबे समय तक स्वस्थ रहते हैं। आइए आपको बताते हैं सुबह और रात के खाने की प्लानिंग करते समय आपको किन बातों का ख्याल रखना चाहिए।
सुबह के खाने की प्लानिंग कैसे करनी चाहिए?
नाश्ता: आमतौर पर रात में 7-8 घंटे के उपवास बाद जब आप सुबह उठते हैं, तो आपको सबसे पहले नाश्ता (ब्रेकफास्ट) करना चाहिए। आपको ब्रेकफास्ट सुबह उठने के 2-3 घंटे के भीतर कर लेना चाहिए। ऐसा न करने से आपके शरीर में इंसुलिन, ब्लड ग्लूकोज, ट्राईग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल का लेवल गड़बड़ होने लगता है। यही कारण है कि हेल्थ एक्सपर्ट्स इस बात पर जोर देते हैं कि सुबह का नाश्ता नहीं छोड़ना चाहिए। आपका नाश्ता थोड़ा हैवी होना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन्स और थोड़े से हेल्दी कार्ब्स हो सकते हैं, जैसे- पोहा, पराठा, ऑमलेट, सैंडविच, ओट्स, नट्स, फल, जूस, दूध, अंडे आदि।
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लंच और स्नैक्स: इसके बाद दोपहर का खाना आपको नाश्ते के 3-4 घंटे बाद ही करना चाहिए। दोपहर का खाना हल्का-फुल्का होना चाहिए, जिसमें आपके शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिल जाएं, जैसे- सब्जियां, रोटी, दाल, जरूरी हो तो थोड़ा सा चावल, चिकन करी, फलियों की सब्जी या डोसा, उत्पम, सलाद आदि। इसके अलावा ब्रेकफास्ट और लंच के बीच भूख लगने पर आप कोई हल्का-फुल्का स्नैक्स ले सकते हैं।
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रात के खाने की प्लानिंग कैसे करें?
रात का खाना आपको सोने से कम से कम 3 घंटे पहले खा लेना चाहिए, क्योंकि इतना समय आपके सिस्टम को खाने को पचाने की क्रिया शुरू करने में लग जाता है। दोपहर के खाने और रात के खाने के बीच भी बहुत सारे लोगों को भूख लगती है। ऐसे लोग दोपहर के खाने के 2-3 घंटे बाद कोई हल्का फुल्का स्नैक्स ले सकते हैं। लेकिन यह ध्यान रखें कि आपका रात का खाना भी हल्का और सुपाच्य होना चाहिए। रात में ऐसी चीजें बिल्कुल न खाएं जिनमें कॉम्प्लेक्स कार्ब्स हो, क्योंकि इन्हें पचाने में आपके पाचनतंत्र को बहुत मेहनत करनी पड़ती है।
अगर किसी कारण से आपको रात के खाने में देर हो गई है, तो देर रात में पूरा खाना न लें, बल्कि हल्के-फुल्के स्नैक्स या लिक्विड डाइट ले लें। देर रात में खाया गया खाना आपके बॉडी फंक्शन को बिगाड़ता है, जिससे कई तरह की परेशानियां शुरू हो जाती हैं। इसके अलावा कुछ लोगों की आदत यह भी होती है कि वो रात में जागकर कुछ मीठा या जंक फूड्स खाने के आदी होते हैं। सेहत के लिहाज से ये आदत भी बहुत गलत है।
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सुबह और रात के खाने में ध्यान रखने वाली जरूरी बातें
अगर आपका वजन ज्यादा है और आप डाइटिंग कर रहे हैं, तो भी आपको अपने सुबह का नाश्ता और दोपहर का खाना नहीं छोड़ना चाहिए। सुबह का नाश्ता ट्राईग्लिसराइड्स और ब्लड शुगर को कंट्रोल रखने के लिए बहुत जरूरी है। बाकी के समय आपको क्या खाना है और कितना खाना है, इस बारे में आप डायटीशियन की मदद ले सकते हैं। कई बार मोटापा सिर्फ खाने-पीने से नहीं, बल्कि किसी रोग या दवा के साइड इफेक्ट के कारण भी होता है, इसलिए एक बार डॉक्टर से चेकअप भी करा सकते हैं।
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