बढ़ते प्रदूषण ((Air Pollution) के कारण अक्सर कई तरह की समस्याएं और बीमारियां सामने आती रहती है, ऐसे ही बढ़ते प्रदूषण की स्थिति के कारण बच्चों को भी काफी स्वास्थ्य खतरे होते हैं। हाल ही में एक शोध में खुलासा हुआ है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण एनीमिया का खतरा बढ़ रहा है। जी हां, आप सभी को शायद इस खुलासे के बाद हैरानी हो लेकिन शोध में ये बात सामने आई है कि बच्चों में बढ़ते प्रदूषण के कारण एनीमिया का खतरा भी बढ़ रहा है और प्रदूषण का स्तर अक्सर सर्दियों के दौरान ही बढ़ने लगता है। जिसके कारण कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती है। इस शोध के बाद डॉक्टरों और एक्सपर्ट की राय है कि आप अपने पांच साल तक के बच्चों को बढ़ते प्रदूषण के बीच बाहर निकलने से रोकें। शोध में आई चीजों का सही तरीके से जानने के लिए हमने बात की इस विषय पर हमने बात की पारस अस्पताल , गुरुग्राम में पीडियाट्रिक्स और नियोनेटोलॉजी, मदर एंड चाइल्ड यूनिट के एचओडी, डॉक्टर मनीष मनन से। जिन्होंने एनीमिया और वायु प्रदूषण को लेकर अपनी बातें इस लेख के जरिए सामने रखी।
कैसे प्रदूषण के कारण बच्चों में बढ़ता है एनीमिया का खतरा
हाल ही में आए नए शोध का नेतृत्व इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज ने किया है। शोध में बताया गया है कि वायु प्रदूषण के कारण बच्चों में एनीमिया (Anemia) का खतरा लगभग 1.9 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है जिसके कारण हीमोग्लोबिन का स्तर कम होने लगता है। ऐसा ज्यादातर पांच साल से छोटे बच्चों के साथ देखा जा रहा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि इस शोध के लिए साल 2015 और 2016 के लिए गए आंकड़ों का इस्तेमाल किया है।
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वायु प्रदूषण एनीमिया को विकसित करने में है मददगार- शोध
शोधकर्ताओं के मुताबिक, साल 2015-16 के आंतड़ों को इस्तेमाल करने के बाद ये सामने आया कि जन्म के साल के आधार पर उनके स्वास्थ्य की जांच की गई। इसके साथ ही शोधकर्ताओं का कहना है कि विशलेषण से पता चला है कि वायु प्रदूषण (Air Pollution) भी एनीमिया (Anemia) के विकास और प्रसार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एनीमिया कैसे इतना खतरनाक और जानलेवा हो सकता है इसकी पुष्टि करने के लिए अध्ययन के जरिए मदद ली जा सकती है। जानकारी के मुताबिक, वायु प्रदूषण में मौजूद हानिकारक कण आपको कई तरह से स्वास्थ्य हानि पहुंचाने का काम करते हैं। इसके कारण बच्चों को हृदय समस्याएं, श्वसन और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है।
क्या है एक्सपर्ट की राय
एक्सपर्ट का कहना है कि प्रदूषण के कारण पुरानी सूजन लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बुरी तरह से प्रभावित कर सकता है। इसी कड़ी के कारण बच्चों के तंत्र कमजोर होने के साथ ही प्रदूषण के कारण उनका जीवन खतरे में आता है। इतना ही नहीं बल्कि सूजन बढ़ने के कारण एनीमिया (Anemia) का खतरा बढ़ता है, क्योंकि एनीमिया और सूजन एक-दूसरे से संबंधित माने जाते हैं। जिसके कारण अगर बच्चे के शरीर में हल्के एनीमिया के लक्षण भी होंगे और वो लगातार वायु प्रदूषण के संपर्क में आ रहा है तो इससे बच्चे का इसकी गंभीर स्थिति का भी सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा जरूरी है कि बढ़ते प्रदूषण के कारण सिर्फ एनीमिया ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य संबंधित अन्य समस्याएं भी पैदा होने लगती है। इसका ज्यादा ख्याल आपको सर्दी के दौरान रखने की जरूरत है क्योंकि सर्दी के दौरान ही ्प्रदूषण का स्तर तेजी से बढ़ता है जिसके कारण स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ती है।
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बचाव के क्या है तरीके
- एक्सपर्ट वायु प्रदूषण से होने वाले एनीमिया (Anemia) के खतरे को काफी हद तक सही मानते हैं साथ ही सलाह देते हैं कि बच्चों को कैसे बचाकर रखा जा सकता है।
- पांच साल या पांच साल से कम उम्र के बच्चों को बढ़ते प्रदूषण के बीच बाहर जाने से रोकें, इससे आप फेफड़ों की समस्या, हृदय रोग और एनीमिया जैसे रोगों से बच्चे को बचा सकते हैं।
- अगर आप अपने बच्चे को कहीं बाहर लेकर जा रहे हैं तो कोशिश करें कि उसके मुंह को किसी हल्के कपड़ से ढ़क दें जिससे हानिकारक उनके मुंह के जरिए शरीर में न घुस पाए।
- एनीमिया बच्चों में एक आम समस्या है, इससे बचाव के लिए जरूरी है कि आप जब इसके लक्षण देखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर संबंधित जांच कराएं।
- बच्चे को बाहर का खाने से रोकने के साथ आप उनकी डाइट में बहुत सारे फल और सब्जियों को शामिल करें और उन्हें खिलाने की कोशिश करें।
(इस लेख में दी गई जानकारी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के टीएच. चान स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में सेंटर फॉर एटमॉस्फेरिक साइंसेज के शोध और एक्सपर्ट से बात करके दी है)।
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