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ऐसा क्या खाएं जिससे भूख कम लगे? आयुर्वेदाचार्य से जानें

आज के समय में जहां अधिकतर लोग वजन घटाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें हर वक्त भूख लगती रहती है। यहां जानिए, ऐसा क्या खाएं जिससे भूख कम लगे?
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ऐसा क्या खाएं जिससे भूख कम लगे? आयुर्वेदाचार्य से जानें


क्या आप भी उन लोगों में से हैं जिन्हें हर वक्त कुछ न कुछ खाने का मन करता है? चाहे पेट भरा हो या नहीं, दिमाग बार-बार याद दिलाता है कि कुछ तो खा लो। अगर हां, तो यह सिर्फ आदत नहीं, बल्कि शरीर का एक असंतुलन हो सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, अत्यधिक भूख लगना एक प्रकार का रोग है जिसे ''भस्मक रोग'' कहा जाता है। इसमें व्यक्ति का पाचन तंत्र इतना सक्रिय यानी एक्टिव हो जाता है कि जो भी खाया जाता है, वह तुरंत पच जाता है और कुछ ही देर बाद फिर भूख लग जाती है। ऐसे लोग कहते हैं कि मुझे इतनी भूख लगती है कि मैं कुछ भी खा सकता हूं। यही वजह है कि वजन कंट्रोल उनके लिए मुश्किल हो जाता है और बार-बार खाने से शरीर में फैट बढ़ने लगता है, लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इसका इलाज हमारी रसोई और जड़ी-बूटियों में छिपा है। इस लेख में सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, ऐसा क्या खाएं जिससे भूख कम लगे?

ऐसा क्या खाएं जिससे भूख कम लगे? - How To Suppress Hunger

आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अपामार्ग (Achyranthes aspera) एक ऐसा पौधा है जिसके कांटे या बीज अक्सर कपड़ों पर चिपक जाते हैं। पुराने समय में लोग इन कांटों को पीसकर भूख कंट्रोल करने के लिए इस्तेमाल करते थे। यह शरीर की अत्यधिक भूख को शांत करता है और पेट को लंबे समय तक भरा रखता है। दरअसल, अपामार्ग के बीज फाइबर से भरपूर और भारी होते हैं। ये आसानी से पचते नहीं हैं और आंतों में कुछ समय तक रहते हैं, जिससे व्यक्ति को भूख का एहसास नहीं होता। यही कारण है कि यह पौधा प्राकृतिक रूप से भूख को कम करने का काम करता है।

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मुलेठी

मुलेठी (Licorice Root) को आमतौर पर गले की खराश या खांसी के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका एक कम ज्ञात फायदा यह भी है कि यह भूख को कंट्रोल करने में मदद करती है। आयुर्वेद के अनुसार, मुलेठी का स्वभाव मधुर और गुरु यानी मीठा और भारी होता है। इसे खाने के बाद शरीर को एनर्जी तो मिलती है, लेकिन यह पाचन की गति को थोड़ा धीमा कर देता है। इसके फाइबर और भारीपन के कारण पेट देर तक भरा रहता है और भूख की तीव्रता कम होती है। डॉ. श्रेय शर्मा कहते हैं, ''मुलेठी पाउडर और अपामार्ग बीज का मिश्रण भूख को प्राकृतिक रूप से कम करता है। यह उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिन्हें हर वक्त खाने की इच्छा होती है।''

mulethi for hunger

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भस्मक रोग क्या है?

आयुर्वेद में भस्मक रोग एक ऐसी स्थिति है जिसमें व्यक्ति का अग्नि (डाइजेस्टिव फायर) अत्यधिक तेज होता है। इसका मतलब है कि जो भी व्यक्ति खाता है, वह जल्दी पच जाता है और शरीर को ऊर्जा पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पाती। ऐसे लोग कहते हैं कि उन्हें हर वक्त भूख लगती है या खाने के तुरंत बाद भी भूख लगती है। यह रोग न केवल शारीरिक असंतुलन बल्कि मानसिक बेचैनी भी पैदा करता है। डॉ. श्रेय बताते हैं कि ऐसे मामलों में केवल भूख कम करने वाली जड़ी-बूटियां ही नहीं, बल्कि पाचन अग्नि को संतुलित करने वाले आहार और योग भी जरूरी हैं।

निष्कर्ष

भूख को कम करने के लिए दवाओं पर निर्भर रहने की बजाय आयुर्वेदिक उपाय अपनाना एक सुरक्षित और प्राकृतिक विकल्प है। अपामार्ग के कांटे और मुलेठी पाउडर ऐसी दो जड़ी-बूटियां हैं जो शरीर के पाचन संतुलन को बनाए रखते हुए अत्यधिक भूख को नियंत्रित यानी कंट्रोल करती हैं। हालांकि, इनका सेवन किसी योग्य आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह के अनुसार ही करें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या मुलेठी का सेवन वजन घटाने में मदद करता है?

    भूख कम होने से कुल कैलोरी इनटेक घटता है, जिससे वजन कंट्रोल रहता है। साथ ही मुलेठी मेटाबॉलिज्म को बेहतर करती है और फैट डिपॉजिट को कम करने में सहायक होती है।
  • क्या मुलेठी का सेवन सभी लोगों के लिए सुरक्षित है?

    मुलेठी सामान्य रूप से सुरक्षित है, लेकिन अगर किसी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज या किडनी संबंधी समस्या है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन न करें।
  • क्या ज्यादा भूख लगना वजन बढ़ने का कारण बन सकता है?

    जब व्यक्ति बार-बार खाने लगता है, तो शरीर जरूरत से ज्यादा कैलोरी लेता है, जो फैट के रूप में जमा होती है। इससे ओवरईटिंग, वजन बढ़ना और डाइजेशन की समस्या शुरू हो जाती है।

 

 

 

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  • Oct 21, 2025 13:31 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

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