Doctor Verified

दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाने से क्या होता है? डॉक्टर से जानें

अक्सर दोपहर का खाना खाने के बाद हमें आलस आने लगता है और मन करता है कि थोड़ी देर आराम कर लिया जाए। यहां जानिए, दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाने से क्या होता है?
  • SHARE
  • FOLLOW
दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाने से क्या होता है? डॉक्टर से जानें


भोजन और नींद, दोनों ही हमारे जीवन के जरूरी हिस्से हैं। शरीर को एनर्जी देने के लिए बैलेंस डाइट और उसे फिर से एक्टिव करने के लिए पर्याप्त नींद दोनों ही जरूरी हैं। लेकिन यदि इन दोनों के समय में तालमेल न हो तो यह सेहत के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। अक्सर देखा जाता है कि लोग दिन में खाना खाने के तुरंत बाद आराम या नींद की अवस्था में चले जाते हैं। यह आदत सुनने में भले ही आरामदायक लगे, लेकिन इसके पीछे छिपे स्वास्थ्य संबंधी नुकसान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। खासकर दोपहर के भोजन के बाद नींद आना एक सामान्य जैविक प्रक्रिया है। ऐसा इसलिए, क्योंकि इस समय शरीर की एनर्जी का एक बड़ा हिस्सा भोजन को पचाने में लग जाता है, जिससे थकान महसूस होती है। यही वजह है कि कई लोग भोजन के बाद तुरंत सोने का विकल्प चुनते हैं। इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज से जानेंगे, दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाने से क्या होता है?

दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाने से क्या होता है? - Effects Of Sleeping Immediately After Eating

1. पाचन पर प्रभाव

खाना खाने के तुरंत बाद शरीर का पाचन तंत्र एक्टिव हो जाता है और पेट में भोजन को पचाने के लिए ज्यादा एनर्जी की जरूरत होती है। अगर आप इस समय सो जाते हैं, तो पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इससे खाना अच्छे से नहीं पच पाता, जिससे गैस, अपच, पेट में भारीपन और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। खासकर तले-भुने या भारी भोजन के बाद सोने से यह खतरा (effects of sleeping right after eating) और बढ़ जाता है।

इसे भी पढ़ें: क्या नींद पूरी न हो तो दिमाग में भ्रम हो सकता है? डॉक्टर से जानें

2. वजन बढ़ना

जब आप खाना खाकर सीधे सो जाते हैं तो शरीर में कैलोरी बर्न नहीं हो पाती। नतीजा यह होता है कि शरीर फैट को इकट्ठा करना शुरू कर देता है। यह धीरे-धीरे वजन बढ़ने और मोटापे की वजह बन सकता है। अगर यह आदत लंबे समय तक बनी रहे तो मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

3. एसिड रिफ्लक्स और सीने में जलन

खाने के बाद तुरंत लेटने या सोने से पेट का एसिड ऊपर की ओर यानी भोजन नली की तरफ बढ़ सकता है, जिसे 'एसिड रिफ्लक्स' कहा जाता है। इससे सीने में जलन, खट्टी डकारें और गले में जलन महसूस हो सकती है। यह समस्या अक्सर उन लोगों में देखी जाती है जो भारी भोजन करने के तुरंत बाद बिस्तर पर चले जाते हैं।

इसे भी पढ़ें: क्या नींद की कमी से दिल की धड़कन तेज हो सकती है? जानें डॉक्टर से

4. नींद की क्वालिटी पर असर

खाना खाने के बाद शरीर पाचन क्रिया में बिजी होता है और इस समय अगर आप सोने की कोशिश करते हैं तो नींद की क्वालिटी पर असर पड़ सकता है। कई बार यह देखा गया है कि खाना खाकर सोने वाले लोगों की नींद हल्की होती है और वे रात में बार-बार जागते हैं। इससे थकावट और चिड़चिड़ापन महसूस होता है।

5. डायबिटीज और हार्ट डिजीज

बार-बार खाना खाने के बाद सोने की आदत से शरीर का मेटाबॉलिज्म प्रभावित होता है। इससे इंसुलिन का सही तरीके से उपयोग नहीं हो पाता, जिससे ब्लड शुगर का लेवल बढ़ सकता है। लंबे समय तक यह आदत डायबिटीज का कारण बन सकती है। साथ ही, खराब पाचन और बढ़ता वजन हार्ट डिजीज का खतरा भी बढ़ाते हैं।

Effects Of Sleeping After Eating

6. आलस्य और एनर्जी की कमी

खाना खाने के बाद नींद आना स्वाभाविक है। ऐसा इसलिए, क्योंकि शरीर का ज्यादा ब्लड पाचन प्रक्रिया में लग जाता है। लेकिन अगर आप तुरंत सो जाते हैं, तो यह एक स्थायी आदत बन सकती है और दिनभर आपको आलस्य और थकावट का अनुभव होने लगता है। इसके कारण कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है।

निष्कर्ष

दिन में खाना खाने के बाद तुरंत सो जाना एक आम लेकिन हानिकारक आदत हो सकती है। यह न सिर्फ पाचन क्रिया को बाधित करता है, बल्कि वजन बढ़ने, नींद की समस्या, एसिडिटी और कई गंभीर बीमारियों का कारण भी बन (side effects of sleeping immediately after eating) सकता है। बेहतर लाइफस्टाइल और छोटी-छोटी आदतों को सुधारकर हम इन स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। खाने के बाद थोड़ी देर चलना, हल्का भोजन करना और सही समय पर सोना न केवल पाचन को दुरुस्त रखता है, बल्कि पूरे शरीर को एनर्जेटिक बनाए रखने में मदद करता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • क्या रात में 6 घंटे सोना ठीक है?

    रात में केवल 6 घंटे सोना कुछ लोगों के लिए पर्याप्त हो सकता है, लेकिन सामान्य रूप से यह नींद कम है। वयस्कों के लिए प्रतिदिन 7 से 8 घंटे की नींद जरूरी मानी जाती है ताकि शरीर और मस्तिष्क पूरी तरह से आराम कर सकें। 6 घंटे की नींद लंबे समय तक चलने पर थकावट, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता की कमी और इम्यूनिटी में गिरावट का कारण बन सकती है। हालांकि, कुछ लोग कम नींद में भी सामान्य महसूस करते हैं, लेकिन यह आदत लंबे समय में स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
  • व्यक्ति को रात में कितने घंटे सोना चाहिए?

    एक स्वस्थ व्यक्ति को रात में औसतन 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए। यह नींद शरीर की मरम्मत और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए जरूरी होती है। पर्याप्त नींद से याददाश्त बेहतर होती है, तनाव कम होता है और इम्यूनिटी मजबूत रहती है। बच्चों, किशोरों और बुजुर्गों को उम्र के अनुसार इससे ज्यादा या कम नींद की जरूरत हो सकती है। लगातार कम नींद लेने से थकान, चिड़चिड़ापन, हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा और डायबिटीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • कम सोने के नुकसान

    कम सोने से शरीर और मस्तिष्क दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इससे थकान, चिड़चिड़ापन, एकाग्रता में कमी और मैमोरी पावर कमजोर हो सकती है। नींद की कमी से इम्यूनिटी कमजोर होती है, जिससे बीमारियां जल्दी लगती हैं। लगातार कम नींद लेने से हाई ब्लड प्रेशर, मोटापा, हार्ट डिजीज और डायबिटीज जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है, जैसे तनाव, चिंता और डिप्रेशन की आशंका बढ़ जाती है।

 

 

 

Read Next

Kishwer Merchant अपने बेटे के ओरल हेल्थ केयर के लिए अपनाती हैं ये 5 ट्रिक्स, आपके भी आएंगे काम

Disclaimer