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पर्याप्त नींंद लेने के बाद भी चिड़चिड़ापन रहता है तो करें ये काम, तुरंत मिलेगा फायदा

आज के समय में लोगों में स्ट्रेस और तनाव बढ़ने लगा है। यही वजह है कि कुछ लोगों को पर्याप्त नींद लेने के बाद भी चिड़चिड़ापन बना ही रहता है। इस लेख में जानते हैं कि सुबह के चिड़चिड़पन से बचने के लिए क्या उपाय अपनाना चाहिए? 
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पर्याप्त नींंद लेने के बाद भी चिड़चिड़ापन रहता है तो करें ये काम, तुरंत मिलेगा फायदा

आज के दौर में किसी को काम की टेंशन है तो किसी को पढ़ाई की, ऐसे में लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर कई तरह के प्रभाव देखने को मिलते हैं। ऐसे में यदि आपकी नींद पूरी न हो आपको बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता है। इन सभी के बीच कुछ लोगों की नींद पूरी होने के बाद भी उनको सुबह उठने पर चिड़चिड़ापन और सिर में भारीपन महसूस होता है। यह लक्षण बताता है कि आपका दिमाग आराम चाहता है, जो लंबे समय के बाद भी पूरा नहीं हो पा रहा है। ब्रेन को आराम पहुंचाने के लिए आप कई तरह के योग कर सकते हैं। इस तरह आप रोजाना स्लीप मेडिटेशन का अभ्यास कर मानसिक थकान और चिड़चिड़ेपन को धीरे-धीरे कम कर सकते हैं। इस लेख में एएस फिटनेस सेंटर के हेल्थ और योगा एक्सपर्ट साईं श्रीवास्तव बताते हैं कि स्लीप मेडिटेशन क्या है, यह चिड़चिड़ापन को कैसे कम करता है, और इसे कैसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

लोगों को क्यों होता है चिड़चिड़ापन - Causes Of Irritation In Hindi

एक्स्पर्ट्स बताते हैं कि जब आप लगातार ज्यादा स्ट्रेस लेते हैं या किसी विषय को बार-बार सोचते हैं तो ऐसे में आपका ब्रेन थकान महसूस करता है। इसकी वजह से आपको चिड़चिड़ापन महसूस होने लगता है। इसके अलावा, शरीर में हार्मोनल बदलाव, शारीरिक थकान, आदि के कारण भी आपको मानसिक थकान और चिड़चिड़ापन की समस्या हो सकती है। 

चिड़चिड़ापन को कम करने के लिए स्लीप मेडिटेशन के फायदे - Benefits of Sleep Meditation To Reduce Irritability In Hindi 

स्लीप मेडिटेशन एक विशेष प्रकार का ध्यान (मेडिटेशन) है जिसे सोने से ठीक पहले किया जाता है। इसका उद्देश्य मस्तिष्क को शांति देना, स्ट्रेस का कारण बनने वाले विचारों को शांत करना और शरीर को गहरी नींद के लिए तैयार करना होता है। यह ध्यान अक्सर गाइडेड ऑडियो, सॉफ्ट म्यूज़िक या ब्रीदिंग एक्सरसाइज के माध्यम से किया जाता है। आगे जानते हैं कि चिड़चिड़ेपन को कम करने में यह कैसे फायदेमंद हो सकता है। 

मानसिक तनाव में कम करना

स्लीप मेडिटेशन आपके फोकस को वर्तमान समय पर केंद्रित करता है, जिससे तनाव और चिंता से राहत मिलती है। जब मन शांत होता है, तो छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आना भी कम हो जाता है।

Benefits of Sleep Meditation To Reduce Irritability In

गहरी नींद में मदद करता है

स्लीप मेडिटेशन शरीर और मन को रिलैक्स करता है, जिससे व्यक्ति जल्दी और बेहतर नींद में जा पाता है। गहरी नींद मस्तिष्क को रीसेट करती है और मूड को स्थिर बनाती है, जिससे सुबह उठते ही आप तरोताजा और शांत महसूस करते हैं।

पोजीविट हार्मोन और कैमिकल्स को रिलीज करना

स्लीप मेडिटेशन डोपामीन, सेरोटोनिन और मेलाटोनिन जैसे हार्मोन्स की रिलीज को बढ़ाता है, जो मूड को स्थिर और सकारात्मक बनाए रखते हैं।

सेल्फ एवेयरनेस में बढ़ोतरी

मेडिटेशन से व्यक्ति अपने विचारों और भावनाओं को समझना सीखता है। यह आत्म-जागरूकता चिड़चिड़े व्यवहार को पहचानने और नियंत्रित करने में मदद करती है।

प्रतिक्रियाओं पर नियंत्रण

मेडिटेशन आपके मस्तिष्क के रिएक्टिव हिस्से को शांत करता है और आपको सोच-समझकर प्रतिक्रिया देने की आदत सिखाता है। इससे चिड़चिड़ेपन पर स्वाभाविक नियंत्रण बनता है।

स्लीप मेडिटेशन कैसे करें? - Step Of Sleep Meditation in Hindi 

  • सोने से पहले आप हाथ पैरों को साफ से धो लें। 
  • इसके बाद मन को शांत करें। 
  • कमरे की लाइट को कम करें और स्क्रीन जैसे मोबाइल और टीवी से दूरी बनाएं। 
  • इसके बाद आप आरामदायक स्थिति जैसे पीठ के बल पर लेट जाएं। शरीर को रिलैक्स करने दें। 
  • आंखें बंद करें और धीरे-धीरे गहरी सांस लें। नाक से अंदर और मुंह से बाहर।
  • इस प्रक्रिया को 5-10 बार दोहराएं।
  • सारा ध्यान अपने शरीर पर लगाएं। 
  • यदि मन में विचार आएं, उन्हें रोके नहीं, बस आते-जाते देखें।
  • धीरे-धीरे आप सो जाएंगे। 
  • हर दिन एक ही समय पर इसे दोहराएं। 
  • कुछ दिनों के बाद आपको व्यवहार में बदलाव नजर आने लगेगा। 

इसे भी पढ़ें: तनाव और चिड़चिड़ापन से बचने के लिए जानें टिप्स

चिड़चिड़ापन हमारे मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है, लेकिन इसका समाधान जटिल नहीं है। स्लीप मेडिटेशन एक ऐसा सरल, प्राकृतिक और प्रभावी तरीका है जो ना केवल आपको बेहतर नींद देता है, बल्कि आपको भीतर से शांत और संतुलित भी बनाता है। रोजाना कुछ मिनट का ध्यान आपके जीवन को नई दिशा दे सकता है।

FAQ

  • क्या चिड़चिड़ापन एक मानसिक बीमारी का संकेत है?

    क्रोध, चिड़चिड़ापन और बैचेनी की भावनाओं मानसिक समस्या या तनाव का लक्षण हो सकता है। सामान्य रूप से तो यह किसी गंभीर समस्या का संकेत नहीं होता है, लेकिन यदि यह लगातार बना रहे, तो यह अवसाद या चिंता जैसी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का कारण बन सकता है।
  • शरीर में चिड़चिड़ापन क्यों आता है?

    कई कारक चिड़चिड़ापन का कारण बन सकते हैं या इसमें योगदान दे सकते हैं, जिसमें जीवन का तनाव, नींद की कमी और हार्मोनल परिवर्तन शामिल हैं। जब कोई व्यक्ति चिड़चिड़ा महसूस करता है, तो छोटी-छोटी बातें जो आमतौर पर उसे परेशान नहीं करतीं, 

 

 

 

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