Doctor Verified

अगर दिखें ये शुरुआती संकेत तो समझ लें दिल पर बढ़ रहा है स्ट्रेस, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें

हमारे शरीर की तरह दिल (Heart) भी रोज मेहनत करता है, हर मिनट धड़कता है, ब्लड पंप करता है और शरीर के हर हिस्से को ऑक्सीजन पहुंचाता है। यहां जानिए, दिल पर स्ट्रेस के लक्षण क्या होते हैं?
  • SHARE
  • FOLLOW
अगर दिखें ये शुरुआती संकेत तो समझ लें दिल पर बढ़ रहा है स्ट्रेस, कार्डियोलॉजिस्ट से जानें

हमारा दिल हर दिन हजारों बार धड़कता है, शरीर के हर हिस्से में ब्लड पंप करता है और हमें जीवित रखता है, लेकिन जब यही दिल थकने लगता है या तनाव (Heart Stress) में आता है, तो यह हमें कुछ शुरुआती संकेत देने लगता है। समस्या यह है कि हम इन संकेतों को अक्सर नजरअंदाज कर देते हैं। यही लापरवाही आगे चलकर गंभीर बीमारियों जैसे हार्ट अटैक (Heart Attack), हार्ट फेल्योर (Heart Failure) का कारण बन सकती है। गुरुग्राम स्थित पारस हेल्थ के एसोसिएट डायरेक्टर, कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. विकास गोयल (Dr. Vikash Goyal, Associate Director, Cardiology, Paras Health, Gurugram) बताते हैं, ''जब आपका दिल ज्यादा दबाव में होता है, तो वह पहले से ही चेतावनी संकेत देने लगता है, जैसे सीने में दर्द, थकान, सांस फूलना या टखनों में सूजन। इन लक्षणों को हल्के में लेना बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।''

दिल के थकने के ये शुरुआती संकेत (Early Signs of Heart Stress) इस बात का इशारा करते हैं कि आपका हार्ट प्रभावी ढंग से ब्लड पंप नहीं कर पा रहा, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों तक ऑक्सीजन की सप्लाई घट जाती है। यह स्थिति लंबे समय तक जारी रही तो यह कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) का रूप ले सकती है। इस लेख में जानिए दिल के थकने के शुरुआती लक्षण, उनसे जुड़ी सावधानियां और डॉ. विकास गोयल की एक्सपर्ट सलाह कि कैसे आप अपने दिल को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं।

दिल पर स्ट्रेस के शुरुआती लक्षण - Early Signs Your Heart Is Under Stress

कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. विकास के अनुसार, ''जब दिल पर ज्यादा दबाव पड़ता है, तो वह पहले से ही चेतावनी संकेत देने लगता है। इन संकेतों को समय रहते पहचानना बहुत जरूरी है, क्योंकि हार्ट डिजीज अक्सर धीरे-धीरे बढ़ती हैं और शुरुआत में लक्षण हल्के लगते हैं।'' डॉ. विकास गोयल बताते हैं कि दिल से जुड़ी बीमारियां अक्सर "साइलेंट प्रोग्रेशन" करती हैं यानी धीरे-धीरे बढ़ती हैं और लक्षण शुरुआत में मामूली लगते हैं। कई बार मरीज उन्हें थकान, उम्र या तनाव का रिजल्ट समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन यही लक्षण आगे चलकर गंभीर रूप ले सकते हैं।
समय रहते जांच और इलाज कराने से इन जटिलताओं को रोका जा सकता है।

इसे भी पढ़ें: क्या PCOD से बढ़ता है हार्ट डिजीज का रिस्क? जानें डॉक्टर से सच्चाई

1. सीने में भारीपन या दर्द

यह हार्ट स्ट्रेस का सबसे प्रमुख लक्षण है। अगर सीढ़ियां चढ़ते समय या हल्का काम करने पर सीने में दबाव, जलन या कसाव महसूस होता है, तो यह संकेत है कि आपका दिल पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पा रहा।

2. हल्के काम के बाद भी थकान

अगर आप पहले आसानी से काम कर लेते थे लेकिन अब मामूली एक्टिविटीज पर भी थकान महसूस होती है, तो यह दिल की कमजोरी या ब्लड पंपिंग में कमी का संकेत हो सकता है।

3. सांस फूलना या सांस लेने में कठिनाई

दिल अगर प्रभावी ढंग से ब्लड नहीं पंप कर पा रहा, तो फेफड़ों में फ्लूड जमा होने लगता है, जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। यह विशेष रूप से तब महसूस होती है जब आप लेटते हैं या सीढ़ियां चढ़ते हैं।

इसे भी पढ़ें: हार्ट अटैक आने के बाद कैसी जीवनशैली अपनानी चाह‍िए? डॉक्‍टर से जानें हेल्‍दी ट‍िप्‍स

Early Signs Heart in Stress

4. दिल की धड़कन का असंतुलन

दिल की धड़कन का बहुत तेज होना, अनियमित होना या 'धक-धक' महसूस होना भी कार्डियक स्ट्रेस का संकेत है।

5. चक्कर आना या बेहोशी

जब दिल शरीर को पर्याप्त ब्लड नहीं भेज पाता, तो दिमाग तक ऑक्सीजन कम पहुंचती है, जिससे चक्कर या ब्लैकआउट जैसी स्थिति हो सकती है।

6. टखनों या पैरों में सूजन

दिल की पंपिंग क्षमता घटने पर शरीर में फ्लूड जमा होने लगता है। इसकी शुरुआत आमतौर पर टखनों या पैरों में सूजन के रूप में होती है, यह हार्ट फेल्योर का शुरुआती संकेत हो सकता है।

हार्ट की सुरक्षा के लिए जरूरी सावधानियां - Important precautions to protect your heart

  • कम नमक, कम फैट और फाइबर से भरपूर भोजन खाएं। फल, हरी सब्जियां, ओट्स, नट्स और मछली जैसे हार्ट-फ्रेंडली फूड्स को डाइट में शामिल करें।
  • रोजाना कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या कोई भी कार्डियो एक्सरसाइज करें। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और दिल मजबूत बनता है।
  • लगातार मानसिक तनाव दिल पर सीधा असर डालता है। ध्यान, मेडिटेशन या गहरी सांस लेने के अभ्यास से मानसिक शांति बनाए रखें।
  • स्मोकिंग और अल्कोहल दिल की धमनियों को नुकसान पहुंचाते हैं और ब्लड प्रेशर बढ़ाते हैं। इन्हें छोड़ना हार्ट हेल्थ के लिए सबसे अहम कदम है।
  • ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल की नियमित जांच कराएं, खासकर अगर परिवार में किसी को हार्ट डिजीज या डायबिटीज है।

निष्कर्ष

दिल के थकने के संकेत हमेशा धीरे-धीरे सामने आते हैं, सीने में हल्का दर्द, थोड़ी थकान या सांस फूलना शायद मामूली लगे, लेकिन यही हार्ट की परेशानी की शुरुआत हो सकती है। अगर ऐसे लक्षण दिखें तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से संपर्क करें। एक बैलेंस लाइफस्टाइल, हेल्दी डाइट और नियमित चेकअप न सिर्फ आपके दिल को मजबूत रखते हैं, बल्कि जीवन को लंबा और हेल्दी बनाते हैं।

All Images Credit- Freepik

यह विडियो भी देखें

FAQ

  • स्ट्रेस के मुख्य कारण क्या हैं?

    स्ट्रेस के कई कारण हो सकते हैं, काम का दबाव, पारिवारिक जिम्मेदारियां, आर्थिक समस्या, रिश्तों में तनाव, नींद की कमी या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां। लगातार स्ट्रेस रहना मानसिक और शारीरिक दोनों सेहत को नुकसान पहुंचाता है।
  • क्या स्ट्रेस से दिल की बीमारी हो सकती है?

    लंबे समय तक बना रहने वाला स्ट्रेस दिल पर सीधा असर डालता है। यह ब्लड प्रेशर बढ़ाता है, हार्ट रेट तेज करता है और धमनियों में सूजन पैदा कर सकता है, जिससे हार्ट अटैक (Heart Attack) या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (Cardiovascular Disease) का खतरा बढ़ता है।
  • क्या योग और मेडिटेशन से स्ट्रेस कम हो सकता है?

    योग, प्राणायाम और मेडिटेशन स्ट्रेस को कम करने के सबसे प्रभावी नेचुरल तरीके हैं। ये मन को शांत करते हैं, सांसों को कंट्रोल करते हैं और शरीर में हार्मोनल बैलेंस बनाए रखते हैं।

 

 

 

Read Next

क्या मुंह से सांस लेने से आपके दिल पर असर पड़ सकता है? डॉक्टर से जानें

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Nov 08, 2025 08:01 IST

    Published By : Akanksha Tiwari

TAGS