-1762412190029.webp)
Can Mouth Breathing Affect Your Heart In Hindi: कई लोग मुंह से सांस लेते हैं और अक्सर ऐसा करने के लिए लोगों को मना किया जाता है। मुंह से सांस लेने के कारण लंग्स के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है, जिसके कारण व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन क्या मुंह से सांस लेना हार्ट पर भी असर डालता है?
मुंह से सांस लेना व्यक्ति के लिए परेशानी का कारण बन सकता है। इसके कारण कई समस्याएं हो सकती हैं, लेकिन क्या इसके कारण हार्ट प्रभावित होता है? ऐसे में आइए पारस हेल्थ, गुरुग्राम के इंटरनल मेडिसिन विभाग के एचओडी, डॉ आरआर दत्ता (Dr. RR Dutta, HOD, Internal Medicine, Paras Health, Gurugram) से जानें क्या मुंह से सांस लेने से हार्ट का स्वास्थ्य प्रभावित होता है?
क्या मुंह से सांस लेने से हार्ट पर असर होता है? - Does Mouth Breathing Affect The Heart?
डॉक्टर के अनुसार, मुंह से सांस लेने से हार्ट पर बुरा असर होता है, साथ ही, इसके कारण हार्ट से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। मुंह से सांस लेने से खून में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिसके कारण ब्लड प्रेशर का कारण बढ़ने लगता है। ऐसे में हाई ब्लड प्रेशर (high blood pressure) की समस्या के कारण हार्ट के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। इसके अलावा, मुंह से सांस लेने से स्लीप एपनिया (sleep apnea) की समस्या भी हो सकती है। इन समस्याओं के कारण हार्ट से जुड़ी गंभीर बीमारियों और हार्ट फेलियर (heart failure) जैसी गंभीर स्थिति का खतरा भी बढ़ सकता है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, मुंह से सांस लेने से डायस्टोलिक (निचला) और औसत रक्तचाप (BP) को कम करता है। नाक से सांस लेना कई हृदय-संबंधी कारणों को कम करता है, जो इसे हृदय के स्वास्थ्य के लिए एक लाभकारी आदत है।
इसे भी पढ़ें: हार्ट अटैक आने के बाद कैसी जीवनशैली अपनानी चाहिए? डॉक्टर से जानें हेल्दी टिप्स
-1762412666934.jpg)
मुंह से सांस लेने हार्ट पर कैसे असर डालता है? - How Does Mouth Breathing Affect The Heart?
मुंह से सांस लेने हार्ट के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालता है। मुंह से सांस लेने से व्यक्ति को हार्ट संबंधी समस्याओं के साथ-साथ सांस लेने में परेशानी होने, एलर्जी होने, अस्थमा की समस्या होने, लंग्स के प्रभावित होने जैसी स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं बढ़ती हैं। ऐसे में इन समस्याओं से बचने के लिए नाक से सांस (nasal breathing) लेने की कोशिश करें।
हाई ब्लड प्रेशर की समस्या
मुंह से सांस लेने से ऑक्सीजन लंग्स तक प्रभावी तरीके से नहीं पंहुच पाती है, जिसके कारण खून में ठीक से ऑक्सीजन नहीं पंहुचती है। इसके कारण ऑक्सीजन को शरीर अलग-अलग हिस्सों तक पंहुचाने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है, जिससे ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ता है। इससे हार्ट के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।
इसे भी पढ़ें: अस्थमा और हार्ट की बीमारी साथ होने पर घबराएं नहीं, समझें इसके लक्षण, कारण और जोखिम
खून में ऑक्सीजन की कमी
मुंह से सांस लेने से खून में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, जिसके कारण हाई ब्लड प्रेशर होने और हार्ट के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है।
स्लीप एपनिया का खतरा
लंबे समय तक मुंह से सांस लेने से, खासकर सोते समय ऐसा करने से व्यक्ति को स्लीप एपनिया की समस्या का खतरा बढ़ सकता है, जिसके कारण हार्ट पर स्ट्रेस पड़ने और हार्ट से जुड़ी अन्य बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
निष्कर्ष
मुंह से सांस लेने से हार्ट के स्वास्थ्य पर बुरा असर होता है। मुंह से सांस लेने से शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं हो पाती है, जिसके कारण शरीर में ब्लड प्रेशर का स्तर बढ़ने, खून में ऑक्सीजन की कमी होने और स्लीप एपनिया जैसी समस्याओं का खतरा बढ़ता है, साथ ही, इससे हार्ट पर स्ट्रेस बढ़ता है और हार्ट फेलियर जैसी गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए नाक से सांस लेने की कोशिश करें। इसके अलावा, लंबे समय तक ब्लड प्रेशर का स्तर हाई रहने और हार्ट के स्वास्थ्य से जुड़ी कोई भी समस्या महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
All Images Credit- Freepik
FAQ
हृदय रोग के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
हार्ट से जुड़ी समस्या होने पर व्यक्ति को सीने में दर्द होने, बेचैनी होने, दिल की धड़कन के अनियमित होने, चक्कर आने, सांस लेने में परेशानी होने, थकान होने, पसीना होने, मतली होने, पैरों और टखनों पर सूजन आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं।दिल की ताकत के लिए क्या खाना चाहिए?
दिल को मजबूती देने और हार्ट को हेल्दी रखने के लिए डाइट में फल, सब्जियों, साबुत अनाज, ड्राई फ्रूट्स और सीड्स को डाइट में शामिल करें। इनसे स्वास्थ्य को कई लाभ मिलते हैं।मुंह से सांस लेना हानिकारक क्यों है?
मुंह से सांस लेने के कारण व्यक्ति को सांस में बदबू आने, मुंह सूखने, नाक बंद होने, गले में इंफेक्शन होने, एलर्जी, लंग्स की क्षमता पर असर, अस्थमा होने या हार्ट से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Nov 06, 2025 12:40 IST
Published By : Priyanka Sharma