Can Thyroid Affect Brain Function: थायराइड महिलाओं में होने वाली एक गंभीर समस्या है। यह स्थिति तब पैदा होती है, जब हमारे थायराइड ग्लैंड अपना काम ठीक से नहीं कर पाती है। दरअसल, थायराइड ग्रंथि दो महत्वपूर्ण हार्मोन्स बनाती है T3 और T4। ये दोनों ही हार्मोन्स शरीर में अन्य हार्मोन्स के संतुलन को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी होते हैं। लेकिन जब थायराइड ग्लैंड किसी एक हार्मोन का अधिक और दूसरे का कम उत्पादन करती है, तो इससे थायराइड की समस्या होती है। जब थायराइड ग्रंथि हार्मोन का अधिक उत्पादन करती है, तो इस स्थिति को हाइपरथायराइड कहा जाता है और अगर जरूरत से कम उत्पादन करती है तो इससे हाइपोथायराइड की समस्या होती है। शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त रखने के लिए दोनों ही हार्मोन्स का पर्याप्त मात्रा में बनना जरूरी होता है। क्योंकि शरीर में अन्य थायराइड को बनाने के लिए मेटाबॉलिज्म की बहुत अहम भूमिका होती है। यही कारण है कि थायराइड से पीड़ित महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन की समस्या बहुत देखने को मिलती है। लेकिन क्या आप जानते हैं थायराइड की वजह से आपकी मेंटल हेल्थ भी प्रभावित हो सकती है? जी हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा! थायराइड मानसिक स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है, इस विषय पर आयुर्वेदिक चिकित्सक और थायराइड एक्सपर्ट डॉ. अल्का विजयन ने अपनी एक इंस्टाग्राम पोस्ट में विस्तार से बताया है।
क्या थायराइड से ब्रेन फंक्शन प्रभावित होती है- Does Thyroid Affect Brain Function In Hindi
डॉ. अल्का की मानें, तो यह सही है कि कुछ लोगों में थायराइड के कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंच सकता है। क्योंकि मैं खुद मेरे पेशेंट के ऐसा देख चुकी हूं। अभी हाल ही में क्लीनिक में थायराइड से पीड़ित एक 26 वर्षीय महिला मेरे पास आईं, जिनका एस. प्रोलैक्टिन का स्तर भी बढ़ा हुआ था। प्रोलैक्टिन का अधिक स्तर पिट्यूटरी ग्लैंड की फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। यह ग्रंथि मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस के नीचे स्थित होती है। जबकि यह ग्रंथि हार्मोन्स को जारी करने में बहुत अहम भूमिका निभाती है। जब पिट्यूटरी ग्लैंड ठीक से काम नहीं करती है, तो यह मूड में बदलाव का कारण बनती है।"
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इसके अलावा "थायराइड हार्मोन मस्तिष्क के विकास के लिए बहुत जरूरी होते हैं। जब थायराइड ग्रंथि ठीक से फंक्शन नहीं करती है, तो इसकी वजह से मस्तिष्क के कार्य भी प्रभावित होते हैं। वयस्कों में थायराइड की वजह से सुस्ती, हाइपोरिफ्लेक्सिया, भावनात्मक रोग, डिप्रेशन और संज्ञानात्मक फंक्शन खराब होने जैसी समस्याएं भी देखने को मिल सकती हैं।"
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एक्सपर्ट क्या सलाह देती हैं?
डॉ. अल्का के अनुसार "थायराइड रोगियों में प्रोलैक्टिन के बढ़े हुए स्तर को बिना दवाओं के आसानी से कम किया जा सकता है। साथ ही, इसके लक्षणों को कम करने में भी मदद मिल सकती है। इसके लिए आप एक अच्छे आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श कर सकते हैं। वह आपकी प्राकृतिक तरीके से थायराइड को रिवर्स करने में आपकी मदद कर सकते हैं।
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