कोरोना काल के बाद हर जगह हेल्दी खाने की बात हो रही है। लोग दालों, नट्स, ग्रीन वेजिटेबल्स और प्रोटीन से भरपूर डाइट लेना चाहते हैं। इन चीजों के साथ-साथ सोयाबीन और सोया प्रोडक्ट्स हेल्थ लवर्स की पहली पसंद बनते जा रहे हैं। सोया मिल्क, टोफू, सोया चंक्स, सोया आटा और सोया प्रोटीन पाउडर लोग चांव से खा रहे हैं। मेरी मां को भी काफी टाइम से सोया प्रोडक्ट लवर बनीं हुई हैं।
पिछले कुछ समय पहले जब उन्होंने सोया से प्रेम की कहानी अपने डॉक्टर को सुनाई तो उन्होंने जो जबाव दिया उससे मेरी मां शॉक हो गई। डॉक्टर ने मेरी मां को बताया कि सोया प्रोडक्ट उनकी थायरॉइडकी परेशानी को बढ़ा रहा है। मेरी मां की तरह ही ज्यादातर लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होती है कि सोया प्रोडक्ट कैसे उनके थायरॉइड फंक्शन को प्रभावित करता है। इसलिए आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं कैसे सोया थायरॉइड हार्मोन को प्रभावित करता है।
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थायरॉइड क्या है और इसका काम क्या है?
दिल्ली के अंजना कालिया डाइट क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट अंजना कालिया के अनुसार, हमारे गले के आगे, गर्दन के निचले हिस्से में एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है। इसे आम भाषा में थायरॉइड ग्लैंड कहा जाता है। यह हमारे शरीर के लिए बेहद जरूरी हार्मोन बनाती है – T3 (ट्रायआयोडोथायरोनिन) और T4 (थायरॉक्सिन)। थायरॉइड हार्मोन हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म, एनर्जी लेवल, पाचन तंत्रिका, हार्ट रेट, बॉडी टेंपरेचर और यहां तक कि मूड को भी कंट्रोल करते हैं।
जब थायरॉइड हार्मोन कम बनने लगते हैं तो इसे हाइपोथायरॉइडिज्म कहते हैं, और जब ज्यादा बनने लगते हैं तो हाइपरथायरॉइडिज्म। अंजना कालिया के अनुसार, भारत में सबसे ज्यादा लोग हाइपोथायरॉइडिज्म से परेशान रहते हैं। यह खासकर महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है।
सोया थायरॉइड को कैसे प्रभावित कर सकता है?
अंजना कालिया बताती हैं कि सोयाबीन में एक खास तरह का कंपाउंड पाया जाता है – Isoflavones (आइसोफ्लेवोंस)। ये फाइटोएस्ट्रोजेन (प्लांट बेस्ड एस्ट्रोजेन) होते हैं, जो हार्मोन की तरह असर डाल सकते हैं। ये शरीर में आयोडीन के अवशोषण (absorption) को भी प्रभावित कर सकते हैं। अगर किसी को पहले से हाइपोथायरॉइडिज्म है, तो ज्यादा सोया खाने पर दवाइयों (थायरॉक्सिन) का असर थोड़ा कम हो सकता है।
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रिसर्च क्या कहती है?
Journal of Clinical Endocrinology & Metabolism द्वारा की गई एक स्टडी बताती है कि अगर किसी व्यक्ति की डाइट में पर्याप्त आयोडीन हो, तो सामान्य मात्रा में सोया खाने से थायरॉइड को नुकसान नहीं होता है। लेकिन अगर आपको पहले से हाइपोथायरॉइडिज्म है और आप दवा (थायरॉक्सिन) ले रहे हैं, तो ये स्वास्थ्य को नुकसान को पहुंचा सकते हैं।
क्या सोया थायरॉइड का खतरा बढ़ाता है?
इस सवाल का सीधा जवाब है हां। अगर आपको हाइपोथायरॉइडिज्म है, तो सोया प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन आपकी दवाइयों के असर को थोड़ा कम कर सकता है। थायरॉइड ग्लैंड पर ये प्रभाव तभी दिखता है जब आप सोया प्रोडक्ट बहुत ज्यादा मात्रा में खाते हैं और दवाओं के सेवन पर ध्यान नहीं देते हैं। अंजना कालिया के अनुसार, अगर आप हेल्दी हैं, थायरॉइड की कोई समस्या नहीं है और आपकी डाइट बैलेंस्ड है (आयोडीन की कमी नहीं है), तो सोया खाने से थायरॉइड का खतरा नहीं बढ़ता है।
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सोया प्रोडक्ट्स की कितनी मात्रा सुरक्षित है?
इस सवाल का जवाब देते हुए न्यूट्रिशनिस्ट अंजना कालिया बताती हैं कि विभिन्न प्रकार की परेशानियों में अलग-अलग मात्रा में सोया प्रोडक्ट का सेवन करने की सलाह दी जाती है।
1. अगर थायरॉइड की समस्या नहीं है, तो आप दिन में 1-2 कप तक सोया मिल्क पिया जा सकता है। इसके अलावा थायरॉइड की समस्या न होने पर सप्ताह में 1 -2 बार 100 से 150 ग्राम टोफू और 2-3 बार सोया चंक्स खा सकते हैं।
2. अगर हाइपोथायरॉइडिज्म है तो आप भी सोया प्रोडक्ट्स खा सकते हैं, लेकिन थायरॉक्सिन दवा लेने के 3-4 घंटे बाद ही इसका सेवन करें। हाइपोथायरॉइडिज्म की स्थिति में सोया प्रोडक्ट का सेवन करते समय पर अपने डॉक्टर से आयोडीन और थायरॉइड लेवल की जांच करवाते रहें।
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निष्कर्ष
सोया प्रोडक्ट्स थायरॉइड का खतरा नहीं बढ़ाते, अगर आप उन्हें संतुलित मात्रा में और सही तरीके से खाते हैं। जो लोग शारीरिक तौर पर पूरी तरह से हेल्दी हैं, उनके लिए सोया पूरी तरह सुरक्षित है। हालांकि थायरॉइड मरीज सोया खा सकते हैं, बस दवाइयों के समय और मात्रा पर ध्यान रखें। न्यूट्रिशनिस्ट अंजना कालिया कहती हैं कि थायरॉइड प्रॉब्लम का मुख्य कारण ज्यादातर ऑटोइम्यून कंडीशन (Hashimoto’s thyroiditis) या आयोडीन की कमी है, न कि सिर्फ सोया। इसलिए अगर आपको सोया मिल्क पसंद है तो इसे अपनी डाइट में रखें। बस ओवरडोज से बचें और डॉक्टर की सलाह के अनुसार चलें।
FAQ
सोयाबीन खाने से थायराइड बढ़ता है क्या?
सोयाबीन सामान्य मात्रा में खाने से थायरॉइड नहीं बढ़ता, लेकिन हाइपोथायरॉइडिज्म वाले मरीजों में यह दवा के असर को थोड़ा कम कर सकता है। सोया में मौजूद Isoflavones थायरॉइड हार्मोन बनाने वाले एंजाइम को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए थायरॉइड के मरीजों को सीमित मात्रा में ही सोयाबीन खाने की सलाह दी जाती है।थायरॉइड में सबसे ज्यादा क्या खाना चाहिए?
थायरॉइड में आयोडीन युक्त नमक, साबुत अनाज, दालें, अंडे, फल, सब्जियां और नट्स ज्यादा मात्रा में खाने की सलाह दी जाती है। इस तरह के फूड्स को खाने से थायरॉइड ग्लैड सही तरीके से काम करता है और विभिन्न प्रकार की परेशानियां नहीं होती है।मीठा खाने से थायराइड बढ़ता है क्या?
रिसर्च के अनुसार, मीठा ज्यादा खाने से वजन बढ़ता है और मेटाबॉलिज्म स्लो हाो जाता है। इससे थायरॉइड की समस्या बिगड़ सकती है।