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प्रेग्नेंसी के साथ थायरॉइड है पर हेल्‍दी बेबी चाह‍िए, तो डॉक्‍टर के इन 5 ट‍िप्‍स को जरूर करें फॉलो

Thyroid in Pregnancy: थायरॉइड के साथ प्रेग्नेंसी में घबराएं नहीं, इन 5 जरूरी डॉक्टरी टिप्स को फॉलो कर हेल्दी और स्मार्ट बेबी को जन्म देना मुमकिन है।
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प्रेग्नेंसी के साथ थायरॉइड है पर हेल्‍दी बेबी चाह‍िए, तो डॉक्‍टर के इन 5 ट‍िप्‍स को जरूर करें फॉलो


सीतापुर की रहने वाली सोनाली सक्‍सेना, 30 साल की एक वर्किंग वुमन हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी के पहले महीने में थायरॉइड (हाइपोथायरॉइडिज्म) डायग्नोसिस हुआ। शुरुआत में वह बहुत घबरा गईं, क्योंकि उन्हें डर था कि कहीं इसका असर उनके बच्चे की सेहत पर न पड़े। लेकिन उन्होंने नियमित थायराइड टेस्ट करवाना शुरू किया और डॉक्टर की सलाह पर दवा ली। सोनाली ने आयोडीन युक्त डाइट ली, स्ट्रेस कम करने के लिए रोजाना प्रेग्नेंसी योग किया और हर हफ्ते डॉक्टरी चेकअप से अपने थायरॉइड लेवल पर नजर रखी। नतीजा ये हुआ कि उन्होंने 38वें हफ्ते में एक हेल्दी और एक्टिव बेबी गर्ल को जन्म दिया, जिसका वजन और विकास दोनों नॉर्मल थे। सोनाली का यह केस इस बात का उदाहरण है कि प्रेग्नेंसी में थायरॉइड (Pregnancy Mein Thyroid) होने के बावजूद अगर महिला सतर्क रहे, तो हेल्दी बेबी की उम्मीद पूरी तरह मुमक‍िन है।
अगर आप प्रेग्नेंट हैं और आपको थायरॉइड की समस्या है (Thyroid in Pregnancy), तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है, बस सही जानकारी और नियमित देखभाल से आप एक हेल्दी और स्मार्ट बेबी को जन्म दे सकती हैं। थायरॉइड हार्मोन भ्रूण के द‍िमाग और तंत्रिका तंत्र के विकास में अहम भूमिका निभाता है। खासतौर से प्रेग्नेंसी के पहले तीन महीनों में बेबी की ग्रोथ पूरी तरह मां के थायरॉइड हार्मोन पर निर्भर करती है। इसलिए अगर थायरॉइड का लेवल सही नहीं रहा, तो बच्चे के विकास पर असर पड़ सकता है। थायरॉइड दो तरह का होता है- हाइपोथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन की कमी) और हाइपरथायरॉइडिज्म (थायरॉइड हार्मोन ज्‍यादा होना)। दोनों ही स्थितियों में अगर इलाज और मॉनिटरिंग न हो, तो यह मिसकैरेज, प्री-मैच्योर डिलीवरी या बच्चे में विकास संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है। लेकिन घबराइए नहीं, कुछ टिप्स को फॉलो करके आप थायरॉइड कंट्रोल में रख सकती हैं और एक हेल्दी प्रेग्नेंसी इंजॉय कर सकती हैं। इन ट‍िप्‍स को आगे व‍िस्‍तार से जानेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के झलकारीबाई हॉस्‍प‍िटल की वर‍िष्‍ठ गाइनोकॉलोज‍िस्‍ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।

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1. रेगुलर थायरॉइड टेस्ट कराएं- Regular Thyroid Monitoring

प्रेग्नेंसी की शुरुआत से लेकर पूरी गर्भावस्था में थायरॉइड लेवल को मॉनिटर करना जरूरी है। डॉक्टर टीएसएच (TSH), टी3 और टी4 टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं। पहली तिमाही में टीएसएच लेवल 2.5 mIU/L से कम होना चाहिए। हर 4-6 हफ्ते में ब्लड टेस्ट करवाएं।

इसे भी पढ़ें- प्रेग्नेंसी में थायराइड लेवल क‍ितना होना चाह‍िए? जानें डॉक्‍टर से

2. सही समय पर दवा लें- Take Thyroid Medicine at Right Time

  • थायरॉइड कंट्रोल में रखने के लिए दवाएं समय पर लें।
  • आयरन या कैल्शियम सप्लीमेंट लेने के 4 घंटे बाद ही थायरॉइड की दवा लें।

3. आयोडीन युक्त आहार लें- Include Iodine-Rich Foods in Diet

थायरॉइड हार्मोन के निर्माण के लिए आयोडीन जरूरी है, खासकर प्रेग्नेंसी में। डब्‍ल्‍यूएचओ के अनुसार, गर्भवती महिलाओं को 250 माइक्रोग्राम आयोडीन, हर द‍िन लेना चाहिए। आयोडीन युक्त नमक, दूध, दही, अंडा और केला खाएं। डॉक्टर से पूछकर आयोडीन सप्लीमेंट भी ले सकती हैं।

4. स्ट्रेस को दूर करें- Manage Stress for Healthy Pregnancy

थायरॉइड और प्रेग्नेंसी दोनों में स्ट्रेस बड़ा फैक्टर होता है। ज्यादा स्‍ट्रेस लेने से हार्मोनल असंतुलन और ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। हर दिन 20 मिनट मेडिटेशन या प्रेग्नेंसी योग करें। म्यूजिक सुनें, किताबें पढ़ें और पॉजिटिव सोचें।

5. डाइट को कंट्रोल करें- Eat Balanced Diet

  • थायरॉइड और प्रेग्नेंसी दोनों में न्यूट्रिशन बैलेंस जरूरी होता है।
  • ज्यादा ऑयली, प्रोसेस्ड और शुगर फूड्स से परहेज करें।
  • फल, हरी सब्जियां, प्रोटीन और होल ग्रेन्स को डाइट में शामिल करें।
  • सोया प्रोडक्ट्स और ब्रोकली जैसी फूड्स से बचें क्योंकि ये थायरॉइड फंक्शन को ब्लॉक कर सकते हैं।

थायरॉइड की समस्या होने पर भी एक हेल्दी और नॉर्मल प्रेग्नेंसी मुमकिन है, बस आपको सतर्क रहना होगा। समय पर जांच, दवा, संतुलित आहार और मानसिक शांति से न केवल आपकी सेहत बेहतर रहेगी, बल्कि आपके शिशु का संपूर्ण विकास भी सही तरीके से होगा।

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FAQ

  • गर्भवती महिला को थायराइड होने से क्या होता है?

    थायराइड होने पर बच्चे के दिमागी विकास, वजन और प्रेग्नेंसी की अवधि पर असर पड़ सकता है। हेल्‍दी प्रेग्नेंसी के ल‍िए न‍ियम‍ित चेकअप करवाना जरूरी है।
  • प्रेगनेंसी में थायराइड लेवल कितना होना चाहिए?

    पहली तिमाही में टीएसएच लेवल 2.5 mIU/L से कम और दूसरी-तीसरी में 3.0 mIU/L से कम होना चाहिए।
  • क्या मां से बच्चे में थायराइड ट्रांसफर होता है?

    हां, शुरुआती हफ्तों में बच्चे की थायरॉइड जरूरतें पूरी तरह मां के हार्मोन पर निर्भर करती हैं। इसल‍िए मां से बच्‍चे को थायराइड हो सकता है।

 

 

 

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