जीवनशैली और खानपान के कारण इन दिनों लोगों के बीच विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा कई गुणा बढ़ रहा है। इनमें सबसे ज्यादा बीमारियां हार्मोन से जुड़ी होती है। हार्मोन से जुड़ी एक ऐसी ही बीमारी है थायरॉइड। पिछले एक दशक में थायरॉइड जैसी बीमारी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। थायरॉइड एक छोटी सी तितली के आकार की ग्रंथि होती है जो हमारे गले के सामने वाले हिस्से में स्थित होती है। थायरॉइड का असर सिर्फ गले नहीं बल्कि पूरे शरीर पर पड़ता है।
थायरॉइड क्या होता है
दिल्ली की जनरल फिजिशियन और एमबीबीएस डॉ. सुरिंदर कुमार के अनुसार, थायरॉइड ग्रंथि से संबंधित किसी भी परेशानी को थायरॉइड की बीमारी कहा जाता है। आज की जीवनशैली, खानपान और तनाव के कारण थायरॉइड हार्मोन से जुड़ी समस्याएं हो रही हैं। थायरॉइड की बीमारी सिर्फ हार्मोनल असंतुलन नहीं है, यह हृदय, मस्तिष्क, त्वचा, वजन, पाचन, मानसिक स्थिति और फर्टिलिटी सिस्टम को भी प्रभावित करती है। पुरुषों के मुकाबले महिलाओं में थायरॉइड के मामले ज्यादा देखे जाते हैं।
थायरॉइड का मुख्य कारण क्या है-
थायरॉइड की बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
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1. आयोडीन की कमी या ज्यादा
डॉ. सुरिंदर कुमार का कहना है कि आयोडीन थायरॉइड हार्मोन्स बनाने के लिए जरूरी मिनरल है। यदि शरीर में इसकी मात्रा कम या अधिक हो जाए तो थायरॉइड ग्रंथि असंतुलित हो जाती है।
2. ऑटोइम्यून डिसऑर्डर
महिलाओं को होने वाले थायरॉइड की बीमारी में इसका कनेक्शन ऑटोइम्यून डिसऑर्डर से भी देखा गया है। इसमें शरीर की इम्यून सिस्टम ही थायरॉइड ग्रंथि पर हमला कर देती है, जिससे यह ग्रंथि ठीक से काम नहीं कर पाती।
3. जेनेटिक
अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को थायरॉइड की परेशानी है, तो ये आपको भी हो सकती है। माता-पिता के थायरॉइड होने पर बच्चों में इस बीमारी के होने की संभावना कई गुणा ज्यादा होती है।
4. मानसिक तनाव
लंबे समय तक मानसिक तनाव में रहने, नींद की कमी और अत्यधिक मात्रा में कैफीन का सेवन करने से भी थायरॉइड ग्रंथि सही तरीके से काम नहीं करती है।
5. हार्मोनल बदलाव
प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के कारण महिलाओं के शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलावों की वजह से भी थायरॉइड की बीमारी देखी जाती है।
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थायरॉइड के प्रकार और उनके लक्षण
जनरल फिजिशियन बताते हैं कि थायरॉइड मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है। इसमें मुख्य रूप से शामिल हैः
1 हाइपोथायरॉइडिज्म (Hypothyroidism)- इसमें थायरॉइड हार्मोन्स की मात्रा कम हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म होने पर व्यक्ति में नीचे बताए गए 5 लक्षण नजर आते हैं।
- लगातार थकान महसूस होना
- वजन बढ़ना, भूख कम लगना
- कब्ज रहना
- ठंड ज्यादा लगना
- त्वचा का सूखापन
- बाल झड़ना या पतले होना
2 हाइपरथायरायडिज्म (Hyperthyroidism)- हाइपरथायरॉइडिज्म में थायरॉइड हार्मोन की मात्रा अधिक हो जाती है। हाइपोथायरायडिज्म होने पर व्यक्ति में नीचे बताए गए लक्षण नजर आते हैं।
- अचानक वजन घटना
- भूख बहुत लगना
- बार-बार घबराहट होना
- हाथों में कंपन
- पसीना आना
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थायरॉइड की जांच कैसे होती है?
किसी व्यक्ति को थायरॉइड की बीमारी है या नहीं, इसका पता लगाने के लिए कई प्रकार के मेडिकल टेस्ट किए जाते हैं। इसमें शामिल हैः
TSH (Thyroid Stimulating Hormone) टेस्ट
T3 और T4 हार्मोन टेस्ट
एंटीबॉडी टेस्ट
अल्ट्रासाउंड या स्कैन
थायरॉइड से बचाव के लिए क्या करें?
डॉ. सुरिंदर कुमार कहते हैं कि थायरॉइड से बचाव पूरी तरह से मुश्किल है। लेकिन रोजमर्रा की जीवनशैली में कुछ बदलाव करके थायरॉइड को मैनेज जरूर किया जा सकता है।
आयोडीन युक्त संतुलित आहार लें- खाने में आयोडीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे समुद्री शैवाल, दूध, दही, अंडा, मछली, केले, स्ट्रॉबेरी आदि का सेवन करें।
तनाव को मैनेज करें- अगर आप वर्किंग प्रोफेशनल हैं और लाइफ में तनाव ज्यादा हैं, तो इसे मैनेज करने के लिए योग, प्राणायाम और ध्यान का सहारा लें।
पर्याप्त नींद लें- शरीर के सभी अंग सही से काम करें और हार्मोन भी बैलेंस रहें, इसके लिए रोजाना 8 से 9 घंटे की नींद
रिफाइंड और प्रोसेस्ड फूड से बचें- बाजार में मिलने वाले जंक फूड, मैदे की चीजें, केक, बिस्किट, चॉकलेट का सेवन बहुत ही सीमित मात्रा में करें।
थायरॉइड टेस्ट करें- अगर आपके परिवार में किसी व्यक्ति को थायरॉइड की परेशानी है, तो हर 6 से 12 महीने में TSH टेस्ट कराना चाहिए
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निष्कर्ष
डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर हम ये कह सकते हैं कि थायरॉइड की बीमारी आज की आधुनिक जीवनशैली में बहुत सामान्य होती जा रही है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है अगर समय पर इसे पहचाना और नियंत्रित न किया जाए। लेकिन अच्छी बात यह है कि संतुलित आहार, नियमित जांच, योग और ध्यान और डॉक्टरी सलाह के जरिए इसे मैनेज किया जा सकता है।
FAQ
थायराइड होने की वजह
यह हॉर्मोन असंतुलन, आयोडीन की कमी, ऑटोइम्यून डिज़ीज़ (जैसे हाइपोथायरायटिस्म या ग्रेव्स डिज़ीज़), जेनेटिक कारणों और तनाव के कारण हो सकता है।थायराइड का सबसे अच्छा इलाज
सही दवा, नियमित जांच, संतुलित आहार और डॉक्टर की सलाह से इलाज सबसे अच्छा होता है।कौन सा थायराइड खतरनाक है
हाइपरथायरायडिज्म और थायरॉयड कैंसर अधिक खतरनाक माने जाते हैं, यदि समय पर इलाज न हो।