
थायराइड एक छोटा-सा ग्लैंड जरूर है, लेकिन इसका असर पूरे शरीर और दिमाग पर पड़ता है। जब थायराइड हार्मोन (टी3 और टी4) का लेवल असंतुलित होता है, तो दिमाग की कार्यक्षमता भी प्रभावित होती है। डॉक्टर्स के अनुसार, हाइपोथायराइडिज्म में स्लो ब्रेन फंक्शन, लो मूड, थकान और डिप्रेशन आम है, वहीं हाइपरथायराइडिज्म में घबराहट, चिड़चिड़ापन और स्लीप डिसऑर्डर देखने को मिलते हैं। रिसर्च के मुताबिक, थायराइड से पीड़ित लगभग 60 प्रतिशत मरीजों को कभी न कभी मानसिक लक्षण महसूस होते हैं, लेकिन वे इसे गंभीरता से नहीं लेते। मानसिक स्वास्थ्य पर इसके असर का कारण सिर्फ हार्मोनल बदलाव नहीं है, बल्कि आपकी कुछ डेली लाइफस्टाइल आदतें भी इसमें अहम भूमिका निभाती हैं। अगर आप इन आदतों को वक्त रहते सुधार लें, तो दवा के साथ-साथ मानसिक सेहत भी बेहतर बनी रह सकती है। इस लेख में हम ऐसी 5 अहम आदतें बताएंगे जिनकी मदद से थायराइड में स्ट्रेस, एंग्जाइटी और डिप्रेशन से बचाव संभाव है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. नींद को प्राथमिकता दें- Prioritize Consistent Sleep Hygiene
- डॉक्टरों के अनुसार, थायराइड के मरीजों को कम से कम 7-8 घंटे की गहरी और नियमित नींद लेनी चाहिए। खराब नींद मानसिक संतुलन को बिगाड़ती है और थकान के लक्षण बढ़कर एंग्जाइटी का रिस्क बढ़ा देते हैं।
- क्या करें?: रोज एक ही समय पर सोने और जागने की आदत बनाएं, स्क्रीन टाइम कम करें, और सोने से पहले रिलैक्सिंग रूटीन अपनाएं।
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2. सेलेनियम और आयोडीन की मात्रा चेक करें- Monitor Selenium and Iodine Intake
- सेलेनियम और आयोडीन थायराइड (Thyroid) फंक्शन को संतुलित रखते हैं। इनकी कमी से मानसिक लक्षण और बढ़ सकते हैं।
- क्या करें?: ब्राजील नट्स, दूध और दही जैसे फूड्स को डाइट में शामिल करें। सप्लीमेंट्स लेने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
3. अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड्स से दूरी बनाएं- Avoid Ultra Processed Foods
- पैकेज्ड और जंक फूड्स में मौजूद ट्रांस फैट्स और एडिटिव्स, थायराइड ग्लैंड को नुकसान पहुंचाते हैं और मानसिक थकान को बढ़ाते हैं।
- क्या करें?: घर का बना ताजा खाना खाएं, खासतौर पर हाई-फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट रिच फूड्स का सेवन करें।
4. माइंडफुलनेस और ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें- Practice Mindfulness and Breathing Exercises
- डॉक्टर्स मानते हैं कि 5-10 मिनट की गहरी सांसों की एक्सरसाइज कोर्टिसोल या स्ट्रेस हार्मोन को कम करती है और दिमाग को शांत करती है।
- क्या करें?: सुबह या रात को प्राणायाम, ध्यान या मेडिटेशन करें। थायराइड में थकान के कारण लोग वर्कआउट से बचते हैं, लेकिन हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जैसे योग, वॉकिंग, स्ट्रेचिंग से तनाव कम होता है और मानसिक स्थिति बेहतर होती है।
5. कैफीन और शुगर का सेवन सीमित करें- Limit Caffeine and Sugar Intake
- डॉक्टर्स बताते हैं कि ज्यादा कैफीन और चीनी नर्वस सिस्टम को ओवरएक्टिव बना देते हैं, जिससे थायराइड पेशेंट्स में एंग्जाइटी और मूड स्विंग्स बढ़ सकते हैं।
- क्या करें?: चाय-कॉफी की मात्रा घटाएं और मीठे स्नैक्स की जगह फल या ड्राई फ्रूट्स चुनें।
थायराइड एक हार्मोनल समस्या जरूर है, लेकिन इसकी पकड़ शरीर के साथ-साथ मानसिक सेहत पर भी होती है। स्ट्रेस, एंग्जाइटी और मूड स्विंग्स जैसी मानसिक परेशानियों को केवल दवा से नहीं, बल्कि सही जीवनशैली से भी काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
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