Doctor Verified

क्या स्मोकिंग छोड़ने से पुरुषों में (Erectile Dysfunction) नपुंसकता ठीक हो सकती है? बता रहे हैं डॉक्टर

Erectile Dysfunction After Quitting Smoking: स्मोकिंग छोड़ने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या में कमी आ सकती है। हालांकि, इसके साथ-साथ कई अन्य फैक्टर्स भी जिम्मेदार होते हैं। जानें, इस संबंध में हर जरूरी बात।
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या स्मोकिंग छोड़ने से पुरुषों में (Erectile Dysfunction) नपुंसकता ठीक हो सकती है? बता रहे हैं डॉक्टर


Erectile Dysfunction And Smoking: इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को नपुंसकता भी कहते हैं। यह वह स्थिति होती है, जब पुरुषों में यौन संबंध बनाने के लिए पर्याप्त इरेक्शन नहीं होता है या लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में कठिनाई होती है। वैसे तो किसी मेडिकल कंडीशन जैसे हार्ट डिजीज, डायबिटीज या कोई क्रॉनिक बीमारी इसका कारण हो सकते हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनमें भी यह समस्या देखी जा सकती है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ में प्रकाशित एक लेख से यह स्पष्ट होता है कि स्मोकिंग इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का एक बड़ा कारक है और इसकी अनदेखी नहीं की जा सकती है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जो स्मोक करते हैं, स्मोक न करने वालों की तुलना में उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन होने का रिस्क दोगुना होता है। खासकर, जो लोग हैवी स्मोकर्स हैं। तो क्या स्मोकिंग छोड़ने का भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पर असर पड़ता है? आइए, जानते हैं कि क्या स्मोकिंग छोड़ने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या ठीक हो सकती है? इस बारे में जानने के लिए हमने मेडिकवर अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉ. विजय दहिफले से बात की।

क्या स्मोकिंग छोड़ने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन ठीक होता है?- How Does Quitting Smoking Reverse Erectile Dysfunction

does quitting smoking reverse erectile dysfunction 01 (1)

हां, यह सच है कि स्मोकिंग छोड़ने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) की समस्या से सुधार देखा जा सकता है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई की एक रिपोर्ट से होती है। रिपोर्ट में कहा गया है, "स्मोकिंग छोड़ने से ब्लड फ्लो में सुधार होता है और ब्लड वेसल्स भी धीरे-धीरे बेहतर होने लगती हैं। इसका पॉजिटिव असर पुरुषों को मिलता है और लंबे समय तक इरेक्शन बनाए रखने में मदद मिलती है।" डॉ. विजय दहिफले बताते हैं, "हालांकि, स्मोकिंग छोड़ने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) की समस्या में कमी देखी जा सकती है, लेकिन यह प्रक्रिया एक या दो दिन में असर नहीं करती है। कुछ सप्ताह बाद फर्क नजर आता है और सही रिजल्ट करीब 6 माह के बाद दिखने लगता है। साथ ही यह भी ध्यान रखें कि अगर किसी को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की गंभीर समस्या है, तो उनमें बिना डॉक्टर के ट्रीटमेंट की सुधार की संभावना कम हो सकती है। यह पूरी तरह व्यक्ति की मेडिकल कंडीशन पर निर्भर करता है।"

इसे भी पढ़ें: क्या सिगरेट पीने से सेक्स पावर कम होती है? जानें डॉक्टर से

स्मोकिंग छोड़ने का इरेक्टाइल डिस्फंक्शन पर असर

ब्लड सर्कुलेशन में सुधारः जब कोई व्यक्ति लंबे समय से स्मोक करता है, तो ऐसे में उनके लिए उनके ब्लड वेसल्स डैमेज हो जाते हैं या हेल्दी नहीं रहते हैं। ब्लड वेसल्स कमजोर होने की वजह से ब्लड फ्लो पर नेगेटिव असर पड़ता है। वहीं, स्मोक छोड़ने के कुछ दिनों या महीनों बाद ब्लड वेसल्स में सुधार होने लगता है, जिससे पूरी बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर है। यह इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या में कारगर नजर आता है।

ब्लड वेसल्स पर असरः जैसा कि कुछ समय पहले ही जिक्र किया गया है कि स्मोकिंग छोड़ने से ब्लड वेसल्स बेहतर होती हैं। यहां तक कि ब्लड वेसल्स की वॉल तुलनात्मक रूप से ज्यादा फ्लेक्सिबल हो जाती हैं। इरेक्शन के लिए ब्लड वेसल्स का फ्लेक्सिबल यानी लचीला होना बहुत जरूरी होता है।

नेगेटिव असर में कमीः जैसे ही व्यक्ति स्मोकिंग छोड़ता है, बॉडी अपने आप रिपेयर मोड में आ जाती है। इसका मतलब है कि ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम हो जाता है, बॉडी का मेकैनिज्म में सुधार होने लगता है, लंग्स औार लिवर जैसे ऑर्गन बेहतर तरीके से काम करते लगते हैं। इसका पॉजिटिव मेल फर्टिलिटी पर पड़ता है यानी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (ED) की समस्या में कमी नोटिस की जा सकती है।

स्मोकिंग छोड़ने के कितने दिनों बाद इंप्रूवमेंट होती है?

स्मोकिंग छोड़ने के बाद तुरंत राहत नहीं मिलती है। हालांकि, दो सप्ताह के बाद से ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में सुधार होने लगता है और 6 महीने बाद इसका पॉजिटिव असर दिखने लगता है। इस बात का ध्यान रखें कि इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या स्मोकिंग छोड़ने के बाद भी बनी रहे, तो इसको इग्नोर न करें और तुरंत डॉक्टर के पास जाकर अपना इलाज करवाएं।

इसे भी पढ़ें: सेक्सुअल हेल्थ को प्रभावित कर सकती है स्मोकिंग की लत, Dr Cuterus से जानें इस आदत को छोड़ना क्यों है जरूरी?

निष्कर्ष

स्मोकिंग छोड़ना अपने आप में बहुत अच्छी बात है। जो लोग स्मोकिंग करते हैं, उनकी बॉडी का हर ऑर्गन इसके नकारात्मक प्रभाव की चपेट में आ जाता है। इसमें किडनी, लिवर और लंग्स जैसे ही ऑर्गन ही शामिल नहीं हैं, बल्कि इसकी वजह से पुरुषों को मेल इंफर्टिलिटी का सामना करना पड़ता है। उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन जैसी समस्या हो सकती है। इससे बचने के लिए जरूरी है कि आप स्मोकिंग जैसी खराब आदतों को छोड़ दें।

All Image Credit: Freepik

FAQ

  • धूम्रपान छोड़ने के कितने समय बाद शुक्राणु में सुधार होगा?

    धूम्रपान छोड़ने के बाद शुक्राणु की गुणवत्ता में सुधार होने में करीब तीन महीने का समय लग सकता है। हालांकि, किसी पुरुष में स्पर्म क्वालिटी खराब क्यों है, यह बात भी मायने रखती है। उन्हें इसका कारण जानकर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
  • धूम्रपान छोड़ने के बाद फेफड़े कितनी जल्दी ठीक हो सकते हैं?

    धूम्रपान छोड़ने के एक साल के भीतर लंग्स नॉर्मल हो जाते हैं और बेहतर तरीके से काम करने लगते हैं। हालांकि, अगर लंग्स से संबंधित कोई बीमारी हो गई है, तो उसकी रिकवरी संभव नहीं है। इसके ट्रीटमेंट के लिए डॉक्टर के पास जाना आवश्यक है।
  • अगर मैं एक महीने के लिए धूम्रपान बंद कर दूं तो क्या होगा?

    धूम्रपान बंद करने के तुरंत बाद बॉडी रिपेयर मोड में आ जाती है। हालांकि, इसका प्रभाव दिखने में समय लगता है। करीब 8-9 महीने तक धूम्रपान न करने पर लंग्स पहले की तरह सामान्य तरीके से काम करना शुरू करते हैं और पूरी तरह स्वस्थ होने में एक साल का समय लग सकता है।

 

 

 

Read Next

एंड्रोलॉजी समस्याओं में दिखते हैं ये लक्षण

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version

  • Nov 03, 2025 17:29 IST

    Modified By : Meera Tagore
  • Nov 03, 2025 17:29 IST

    Published By : Meera Tagore

TAGS