ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शब्द आजकल काफी सुनने को मिल रहा है। आजकल की बदलती जीवनशैली, स्वास्थ्य समस्याएं और घंटों एक जगह पर काम करना आदि कारण कई बार हमारे स्ट्रेस को बढ़ाते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस उम्र बढ़ने की प्रक्रिया को जल्दी शुरू करता है, जिससे आपकी स्किन पर बुढ़ापे के लक्षण जल्दी नजर आने लगते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस भी एक तरह का स्ट्रेस ही है, जिसके कारण त्वचा का ग्लो चला जाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस आजकल युवाओं में भी काफी देखने को मिल रहा है। आइए जानते हैं इसके बारे में।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्या होता है?
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस का मतलब होता है, शरीर में फ्री रेडिकल्स का बढ़ना, जिसकी वजह से स्किन पर बुढ़ापे के निशान दिखने लगते हैं। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस हमारे शरीर की अंदरूनी सेल्स को नुकसान पहुंचाता है। ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण हमारी त्वचा थकी हुई, सूजी हुई नजर आती हैं, साथ ही स्किन पर झाइयां हो जाती हैं और कई बार स्किन का रंग डार्क होने लगता है। शरीर में ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाली समस्याओं को एंटीऑक्सीडेंट्स रोकते हैं। इसलिए हेल्दी रहने और त्वचा को हेल्दी रखने के लिए ढेर सारे एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर फूड्स खाने की सलाह दी जाती है।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस क्यों होता है
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस शरीर में तब होता है जब फ्री रेडिकल्स और एंटीऑक्सीडेंट्स के बीच तालमेल ठीक से नहीं बैठता है। फ्री रेडिकल्स शरीर के सेल्स को नुकसान पहुंचाते हैं। जब शरीर में फ्री रेडिकल्स बढ़ने लगते हैं, तो शरीर में मौजूद प्रोटीन को नुकसान पहुंचाना शुरू कर देते हैं। इसेइे ही ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस बढ़ता है।
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ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के उपाय
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने के लिए जीवनशैली में बदलाव करें। इससे बचने के लिए स्वस्थ आहार का सेवन करें।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचने के लिए दिनभर में फिजिकल एक्टिविटी पर ध्यान दें। नियमित तौर पर वॉक करने की कोशिश करें।
डाइट में फ्रूट्स और सब्जी की मात्रा को बढ़ाएं।
नियमित 7 से 8 घंटे की नींद लें। नींद न पूरी होने की वजह से शरीर में फ्री रेडिकल्स ज्यादा बनने लगते हैं।
दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी अवश्य पिंए। सही मात्रा में पानी पीने से शरीर स्वस्थ रहता है।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचने के लिए धूम्रपान करने से बचें।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस में शराब का सेवन नहीं करना चाहिए।
ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से पूरी तरह बचना मुश्किल है, इसलिए डाइट में फल को सब्जियों को अधिक शामिल करें। नशीले पदार्थों के सेवन करने से बचें।
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