-1760096805388.webp)
Stress And Irregular Periods: हर महिला अपने जीवनकाल में कभी न कभी पीरियड्स की समस्या से दो-चार होती है, जैसे पीरियड्स मिस होता है या एक ही महीने में दो बार पीरियड्स हो जाता है। वैसे दोनों ही स्थितियां सही नहीं है और अगर एक महिला को लंबे समय तक इस तरह की परेशानी हाती है, तो उन्हें इस संबंध में लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्हें तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। बहरहाल, आपने सुना होगा कि कई बार तनाव के कारण भी पीरियड्स पर बुरा असर पड़ता है। आमतौर पर इस स्थिति में पीरियड्स मिस होते हैं। ऐसे में यह सवाल भी मन में उठता है कि क्या स्ट्रेस की वजह से एक महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं? आइए, जानते हैं इस बारे में Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता का क्या कहना है।
क्या स्ट्रेस की वजह से महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं?- Can Stress Cause Periods Twice A Month
डॉ. शोभा गुप्ता की मानें, तो कई बार ऐसा होता है कि महिलाओं को एक महीने में दो बार पीरियड्स हो रहे हैं। आमतौर पर ऐसा हार्मोनल बदलाव के कारण होता है। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या स्ट्रेस की वजह से महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं? इस बारे में डॉ. शोभा गुप्ता क्लियर करती हैं, "हां ऐसा हो सकता है। असल में, स्ट्रेस की वजह से हार्मोन के स्तर में बदलाव हो जाता है। इससे हार्मोनल इंबैलेंस हो जाता है। नतीजतन, बॉडी अधिक मात्रा में कोर्टिसोल रिलीज करने लगती है।" यह एक ऐसा हार्मोन है, जो कि मेंस्ट्रुअल साइकिल को नेगेटिवली प्रभावित कर सकता है।National Institutes of Health (NIH) (.gov) से भी इसकी पुष्टि होती है।
इसे भी पढ़ें: क्या महीने में दो बार पीरियड्स आना नॉर्मल है? डॉक्टर से जानें सही जवाब
स्ट्रेस की वजह से महीने में दो बार पीरियड्स हों तो क्या करें?
स्ट्रेस की वजह से महीने में दो बार पीरियड्स हों, तो इसकी अनदेखी न करें। यह सही नहीं होगा। आपको चाहिए कि सबसे पहले स्ट्रेस के स्तर को मैनेज करें। इसके लिए, अपने दोस्तों के साथ घूमने जाए, अपने मन का कुछ करें और अपनी समस्या का समाधान निकालें। अगर आप स्ट्रेस को खुद से मैनेज नहीं कर पा रही हैं, तो ऐसे में प्रोफेशनल की मदद लेने में देरी न करें। इसके अलावा, यह भी ध्यान रखें कि अगर आपको लंबे समय तक महीने में दो बार पीरियड्स हो रहे हैं, तो यह स्थिति सही नहीं है। इस तरह की कंडीशन में आपको गायनेकोलॉजिस्ट से मिलकर अपनी समस्या बतानी चाहिए।
इसे भी पढ़ें: Women's Health: महीने में 2 बार पीरियड्स आने के पीछे हो सकती है ये 5 वजह, कारण जानें और बरतें एहतियात
महीने में दो बार पीरियड्स होने के अन्य कारण
रिप्रोडक्टिव उम्र में महिलाओं को जब दो बार पीरियड्स होते हैं, तो उसके लिए उनकी मेडिकल कंडीशन की जांच की जाती है। हालांकि, महीने में दो बार पीरियड्स होने के कई अन्य कारण हो सकते हैं, जैसे-
- टीनेजः कई बार ऐसा होता है कि जब लड़कियों के पीरियड्स हाल-फिलहाल में शुरू हुए होते हैं, तो ऐसे में उन्हें महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं या कभी-कभी कई-कई महीनों तक पीरियड्स मिल हो सकते हैं। यह स्थिति पूरी तरह नॉर्मल होती है।
- मेनोपॉजः जब महिला मेनोपॉज की अवस्था से गुजरती है, तब भी ऐसा देखने को मिलता है। दरअसल, मेनोपॉज के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन का स्तर बहुत तेजी से कम होने लगता है। ऐसे में ब्लीडिंग फ्लो पूरी तरह बदल जाता है। कभी हैवी ब्लीडिंग होती है, तो कभी महीने में दो बार पीरियड्स होने लगते हैं।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कहने का मतलब यह है कि अगर किसी भी महिला को महीने में दो बार पीरियड्स हो रहे हैं और ऐसा लंबे समय से हो रहा है। ऐसी कंडीशन को इग्नोर नहीं करना चाहिए। महिलाओं को अपनी जांच करवानी चाहिए। इससे पत चल सकेगा कि स्ट्रेस की वजह से हार्मोनल इंबैलेंस है या इसके पीछे कोई अन्य कारण है। आपको बता दें कि पीसीओएस, पीसीओडी, एंडोमेट्रियोसिस जैसी बीमारियों में भी हार्मोनल इंबैलेंस हो सकता है, जो कि पीरियड्स से संबंधित समस्या का कारण बनते हैं।
All Image Credit: Freepik
FAQ
1 महीने में 2 बार पीरियड क्यों आते हैं?
एक महीने में दो बार पीरियड्स आना नार्मल नहीं है। ऐसा हार्मोनल असंतुलन के कारण हो सकता है। हार्मोनल अंसतुलन की वजहों की बात करें, तो इसमें तनाव, वजन बढ़ना, थाइरायड पीसीओएस जैसी मेडिकल कंडीशन शामिल होते हैं।क्या एक महीने में दो पीरियड्स का मतलब प्रेग्नेंसी हो सकता है?
एक महीने में दो बार पीरियड्स होने का मतलब प्रेग्नेंसी नहीं होता है। इसके बजाय, एक महीने में दो बार पीरियड्स होना असामान्य होता है। अगर किसी महिला के साथ लंबे समय से ऐसा हो रहा है, तो उन्हें डॉक्टर से अपना इलाज करवाना चाहिए।बार-बार पीरियड्स आने का क्या इलाज है?
बार-बार पीरियड्स आना इलाज, इसके कारणों पर निर्भर करता है। अगर हार्मोनल असंतुलन के कारण पीरियड्स की समस्या होती है, तो ऐसे में हार्मोनल दवाएं, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी, या आईयूडी जैसे उपचार किए जा सकते हैं।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 11, 2025 12:05 IST
Published By : Meera Tagore