Does Prostate Cancer Cause Impotence In Hindi: प्रोस्टेट कैंसर एक प्रकार का कैंसर है, जो कि प्रोस्टेट ग्लैंड में होता है। यह पुरुषों की प्रजनन प्रणाली का अहम हिस्सा है। प्रोस्टेट कैंसर एक गंभीर बीमारी है। विशेषज्ञों की मानें, तो प्रोस्टेट कैंसर होने पर शुरुआती चरण में किसी तरह के लक्षण नजर नहीं आते हैं। यही कारण है कि प्रोस्टेट कैंसर का अंतिम एड्वांस स्टेज में पता चलता है। ऐसे में इससे रिकवरी और ट्रीटमेंट काफी मुश्किल हो जाता है। प्रोस्टेट कैंसर के लक्षणों की बात करें, तो यह बीमारी होने पर पुरुषों को पेशाब में खून आना, स्खलन में दर्द होना, पीठ, नितंब और पेल्विस एरिया में तीव्र दर्द होना, पेशाब के दौरान जलन और दर्द महसूस होना शामिल हैं। चूंकि, प्रोस्टेट कैंसर प्रोस्टेट ग्लैंड को प्रभावित करता है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या प्रोस्टेट कैंसर के कारण पुरुषों में नपुंसकता की दिक्कत हो सकती है? जानें, मेडिकवर अस्पताल के यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर विजय दहिफले का क्या कहना है।
क्या प्रोस्टेट कैंसर के कारण नपुंसकता की समस्या हो सकती है?- Does Prostate Cancer Cause Impotence In Hindi
प्रोस्टेट कैंसर, प्रोस्टेट ग्लैंड को प्रभावित करता है। इसका जिक्र हम पहले ही कर चुके हैं। ऐसे में प्रोस्टेट कैंसर के कारण या इसके ट्रीटमेंट की वजह से पुरुषों के कई नर्व्स डैमेज हो जाते हैं। ऐसे में ब्लड फ्लो बाधित होता है। यह स्थिति पुरुषों में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या को खड़ी कर सकता है। इरेक्टाइल डिस्फंक्शन को नपुंसकता भी कहा जाता है। मेयोक्लिनिक की मानें, तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और नपुंसकता लगभग एक जैसी समस्या हैं। प्रोस्टेट कैंसर के शुरुआती ट्रीटमेंट के कारण ज्यादातर पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की समस्या का सामना करना पड़ता है।
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प्रोस्टेट कैंसर में इरेक्टाइल डिस्फंक्शन का कारण
प्रोस्टेट कैंसर होने पर पुरुषों को इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है। ऐसा ट्रीटमेंट के अलग-अलग तरीकों को अपनाने के कारण होता है। यहां समझें इसे विस्तार से-
सर्जरीः प्रोस्टेट कैंसर से रिकवरी के लिए कई बार सर्जरी की जाती है। सर्जरी के दौरान कई बार नर्व डैमेज हो जाती है। ये ऐसी नर्व्स होती हैं, जो इरेक्शन के लिए जिम्मेदार मानी जाती है। हालांकि, जैसे-जैसे नर्व्स में सुधार होता है, इरेक्शन की दिक्कत दूर हो जाती है। साथ ही, इरेक्टाइल डिस्फंक्शन की दिक्कत भी दूर होने लगती है।
हार्मोन थेरेपीः प्रोस्टेट कैंसर के इलाज के तौर पर हार्मोन थेरेपी की मदद ली जाती है। वहीं, अगर पुरुषों में टेस्टेस्टेरान का स्तर कम हो जाता है, तो इससे उनकी लिबिडो प्रभावित होती है। इसके अलावा, इरेक्शन में भी दिक्कत देखने को मिलती है। हालांकि, इसे इरेक्टाइल डिस्फंक्शन नहीं कहा जा सकता है। लेकिन, सही उपचार की मदद से लिबिडो की दिक्कत को दूर किया जा सकता है।
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