Does Endometriosis affect the Sexual relation : एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं को होने वाली एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है। एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर क्रॉनिक बीमारी है जिसमें गर्भाशय की आंतरिक परत (endometrium) गर्भाशय के बाहर भी विकसित हो जाती है। जीवनशैली, खानपान और कई कारणों से महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस की समस्या तेजी से बढ़ रही है। जिस तरह से एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis) के मामले बढ़ रहे हैं, महिलाएं इस पर खुलकर बात भी करना चाहती हैं।
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जो न केवल महिला के शरीर को बल्कि उसके मानसिक स्वास्थ्य, रिश्तों और खासकर सेक्सुअल लाइफ (Can Endometriosis affect the Sexual relation) को भी गहराई से प्रभावित करती है। एंडोमेट्रियोसिस से जूझने वाली महिलाएं अक्सर ये सवाल पूछती हैं कि क्या इस बीमारी का असर उनकी सेक्सुअल लाइफ पर भी पड़ता है? इस लेख में हम इसी सवाल का जवाब तलाशेंगे।
एंडोमेट्रियोसिस क्या है- What is Endometriosis
डॉ. दीपक एस कोलाटे, डी.पी.यू. सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, पिंपरी, पुणे में एसोसिएट प्रोफेसर और कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिशियन गाइनेकोलॉजिस्ट इनफर्टिलिटी लेप्रोस्कोपिक सर्जन (Dr Dipak S Kolate, Associate Professor & Consultant Obstetrician Gynaecologist Infertility Laparoscopic Surgeon at DPU Super Speciality Hospital, Pimpri, Pune) के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी एक गंभीर बीमारी है। एंडोमेट्रियोसिस में गर्भाशय की अंदरूनी परत (एंडोमेट्रियम) जैसी ऊतकें गर्भाशय के बाहर उगने लगती हैं। ये ऊतक महिलाओं को हर महीने के पीरियड्स सर्कल में मोटा होता है, टूटता है और खून बहने लगता है।
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सेक्सुअल रिलेशन पर एंडोमेट्रियोसिस का प्रभाव- The effect of endometriosis on sexual relations
एंडोमेट्रियोसिस केवल एक शारीरिक रोग नहीं है, यह महिलाओं की सेक्सुअल टीस, रिश्ते और मानसिक स्थिति को भी प्रभावित करता है। आइए जानते हैं सेक्सुअल रिलेशन का एंडोमेट्रियोसिस पर क्या प्रभाव पड़ता है।
1. संभोग के दौरान दर्द- Dyspareunia
डॉ. दीपक एस कोलाटे कहते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस से जूझने वाली महिलाओं को पेल्विक दर्द होता है। ये दर्द सेक्स के दौरान और भी ज्यादा बढ़ जाता है। ये दर्द इतना ज्यादा होता है कि महिलाएं सेक्स से डरने लगती हैं और धीरे-धीरे उनके मन में यौन क्रिया के प्रति नकारात्मकता आने लगती है। जब सेक्सुअल रिलेशन हेल्दी नहीं होते हैं, तब पति-पत्नी के रिश्ते में तनाव आता है।
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2. सेक्स की इच्छा में कमी- Low Libido
एंडोमेट्रियोसिस के कारण लगातार दर्द, थकान, हार्मोनल असंतुलन और मानसिक तनाव के कारण महिलाओं की सेक्स की इच्छा में भी गिरावट आ सकती है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाले शारीरिक कष्ट मानसिक थकावट में बदल जाते हैं, जिससे रोमांटिक या सेक्सुअल रिलेशन बनाने की इच्छा कम होने लगती है।
3. भावनात्मक प्रभाव
एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाले क्रोनिक दर्द के कारण महिलाओं को मानसिक तनाव होना आम बात है। डॉ. दीपक कोलाटे बताती हैं कि एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाला तनाव महिलाओं में यौन इच्छा को कम कर देती है।
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4. ऑर्गैज्म में परेशानी
एंडोमेट्रियोसिस के कारण पेल्विक एरिया में सूजन और नर्व एंडिंग्स पर असर होता है। इस परेशानी के कारण महिलाओं को ऑर्गैज्म नहीं मिल पाता है। इससे सेक्स के दौरान होने वाले दर्द के बाद महिलाएं पूरी तरह से शांत नहीं पाती हैं। इससे सेक्सुअल रिलेशन में परेशानी आती है।
5. प्रजनन संबंधी परेशानी
एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन संबंधी समस्याओं और सामाजिक आर्थिक बोझ का कारण बन सकता है, जिससे गर्भधारण करने की कोशिश कर रहे कपल्स के लिए और अधिक तनाव और चिंता बढ़ जाती है। भावनात्मक बोझ और प्रजनन संबंधी परेशानी भी सेक्सुअल रिलेशन को प्रभावित करती है।
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6. मानसिक अकेलापन
एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाएं खुद को अकेला महसूस करने लगती हैं। इससे उनके सेक्स करने की अच्छी कम हो जाती है।
7. बातचीत करने से बचाव
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ की मानें तो एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित महिला पार्टनर के साथ बातचीत करने में कतराती है। इससे मेल पार्टनर को लग सकता है कि उसे नकारा जा रहा है। कई बार यह भी देखा गया है कि जब पुरुष इस बीमारी की गहराई को नहीं समझते, तो रिश्तों में दूरी आने लगती है। बातचीत की दूरी भी सेक्स करने की इच्छा को कम कर देती है।
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एंडोमेट्रियोसिस को कैसे ठीक करें- How to cure endometriosis
डॉ. दीपक एस कोलाटे के अनुसार, महिलाओं को होने वाला एंडोमेट्रियोसिस पूरी तरह से ठीक होने वाली बीमारी नहीं है। लेकिन रोजमर्रा की आदतों में कुछ बदलाव करके एंडोमेट्रियोसिस को मैनेज किया जा सकता है और सेक्सुअल लाइफ को बेहतर बनाने में मदद मिलती है।
1. पेन किलर्स- एंडोमेट्रियोसिस के कारण होने वाले दर्द में कुछ पेनकिलर फायदेमंद होते हैं। लेकिन पेन किलर्स का सेवन हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए।
2. हार्मोनल थेरेपी- बर्थ कंट्रोल पिल्स, GnRH एगोनिस्ट्स जैसी हार्मोनल थेरेपी एंडोमेट्रियल ग्रोथ को रोकती हैं। इससे एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।
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3. काउंसलिंग- कई बार महिला को सेक्सुअल रिलेशन में वापसी के लिए मनोवैज्ञानिक मदद की आवश्यकता होती है। सेक्स थेरेपी, काउंसलिंग या रिलेशनशिप थेरेपी इससे मददगार होती है।
4. सेक्स पोजीशन में बदलाव- कुछ सेक्स पोजीशन एंडोमेट्रियोसिस की वजह से होने वाले दर्द को कम कर सकती है। इसलिए पार्टनर के साथ सेक्स पोजीशन बदलकर सेक्स करें।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि भारत जैसे समाज में अभी भी एंडोमेट्रियोसिस जैसे विषयों पर खुलकर बात नहीं होती। इसे केवल महिलाओं की पीरियड्स से जुड़ी सामान्य परेशानी मान लिया जाता है, जबकि इसकी गंभीरता कहीं अधिक है। जागरूकता की कमी के कारण कई महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस को डायग्नोसिस नहीं पा पाती हैं और इसका इलाज मुश्किल हो जाता है।
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निष्कर्ष
एंडोमेट्रियोसिस एक गंभीर बीमारी है। यह केवल शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक और सामाजिक रूप से भी महिला की जिंदगी को प्रभावित करता है। एंडोमेट्रियोसिस का प्रभाव महिलाओं के शरीर के साथ-साथ सेक्सुअल रिलेशन पर भी पड़ता है। अगर आप एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही हैं तो समय रहते इसका इलाज करवाएं।
FAQ
एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य कारण क्या है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ हेल्थ के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस का मुख्य कारण एन्डोमेट्रियल ऊतक का गर्भाशय के बाहर बढ़ना है, जिससे सूजन, दर्द और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं होती हैं।क्या एंडोमेट्रियोसिस खतरनाक है?
एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के लिए एक खतरनाक स्थिति है। एंडोमेट्रियोसिस के कारण पीरियड्स के दौरान तेज दर्द, इनफर्टिलिटी और आंतरिक अंगों में सूजन की परेशानी होती है। डॉ. अंजलि कुमार के अनुसार, अगर एंडोमेट्रियोसिस का इलाज समय पर न किया जाए तो ये भविष्य में बांझपन का कारण बन सकता है।घर पर एंडोमेट्रियोसिस की पहचान कैसे करें?
एंडोमेट्रियोसिस की पहचान घर पर करना बहुत ही आसान काम है। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजलि कुमार का कहना है कि अगर किसी महिला को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द हो रहा है और ये दर्द 1 पेनकिलर से ठीक नहीं हो रहा है तो एंडोमेट्रियोसिस है।