Myths and Facts About Endometriosis Doctor Explains: एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। एंडोमेट्रियोसिस मुख्य रूप से महिलाओं के पीरियड्स सर्कल से जुड़ा हुआ है। इस बीमारी से जूझने वाली महिलाओं को पीरियड्स के दौरान असहनीय दर्द, क्रैम्प्स और कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। आमतौर पर एंडोमेट्रियोसिस के कारण पीरियड्स का असहनीय दर्द झेलने वाली महिलाओं में जागरूकता की कमी देखी जाती है।
जानकारी का अभाव होने के कारण आज महिलाओं के बीच एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े कुछ मिथक (Myths About Endometriosis) प्रचलित हैं। इन मिथकों के कारण न केवल महिलाओं में सही जानकारी का अभाव होता है, बल्कि मरीजों को सही इलाज मिलने में भी देरी हो सकती है। यही कारण है आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताने जा रहे हैं एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े 5 प्रमुख मिथकों और उनकी सच्चाई के बारे में। इस विषय पर अधिक जानकारी के लिए हमने गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. आस्था दयाल से बात की।
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मिथक 1: एंडोमेट्रियोसिस सिर्फ पीरियड्स के दौरान दर्द का कारण बनता है- Endometriosis only causes pain during periods
सच्चाई: एंडोमेट्रियोसिसके कारण सिर्फ पीरियड्स के दौरान दर्द की समस्या नहीं होती है। बल्कि इस बीमारी के कारण पेल्विक पेन, जरूरत से ज्यादा थकान, पार्टनर के साथ संबंध बनाते समय दर्द, पाचन तंत्र संबंधी परेशानियां और प्रजनन समस्याएं भी होती हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ के अनुसार, एंडोमेट्रियोसिस के कारण महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हैवी ब्लीडिंग की समस्या भी देखी जाती है।
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मिथक 2: प्रेग्नेंसी एंडोमेट्रियोसिस को ठीक कर सकती है- Pregnancy can cure endometriosis
सच्चाई :डॉ. आस्था का कहना है कि एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही है, ज्यादातर महिलाओं के मन में यह गलतफहमी होती है कि अगर वह प्रेग्नेंट हो जाती हैं, तो एंडोमेट्रियोसिस खुद से ही ठीक हो जाएगा। लेकिन सच्चाई इससे कोसो दूर है। प्रेग्नेंस के दौरान हार्मोनल परिवर्तन एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कुछ वक्त के लिए कम कर सकते हैं। लेकिन जैसी ही प्रेग्नेंसी पीरियड खत्म होता है तो फिर से एंडोमेट्रियोसिस की समस्या आपको परेशान कर सकती है।
प्रेग्नेंसी एंडोमेट्रियोसिस का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन दवाओं, सर्जरी और लाइफस्टाइल में बदलाव करके इसे मैनेज किया जा सकता है।
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मिथक 3: एंडोमेट्रियोसिस बुजुर्ग महिलाओं को होता है- Endometriosis is more common in older women
सच्चाई : यह बीमारी पीरियड्स शुरू होने वाली किशोरावस्था से लेकर 40 वर्ष तक की महिलाओं को प्रभावित करती है। ध्यान देने वाली बात यह है कि किशोरावस्था में एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही लड़कियों को इसकी जानकारी नहीं होती है। किशोर लड़कियां एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को सामान्य पीरियड्स ही मानती हैं।
मिथक 4: एंडोमेट्रियोसिस के कारण प्रेग्नेंसी कंसीव नहीं होती है- Pregnancy is not Possible Due to Endometriosis
सच्चाई: एंडोमेट्रियोसिस प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकता है, लेकिन यह जरूरी नहीं है कि इससे जूझने वाली महिलाएं बांझपन का भी शिकार हों। सही समय पर इलाज और दवाओं के जरिए एंडोमेट्रियोसिस की समस्या से राहत जरूर पाई जा सकती है। इस बीमारी से जूझने वाली महिलाएं इलाज के बाद प्रेग्नेंसी कंसीव कर सकती हैं और मां बन सकती हैं।
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मिथक 5: एंडोमेट्रियोसिस को ठीक करने के लिए सर्जरी जरूरी है- Surgery is necessary to cure endometriosis
सच्चाई: एंडोमेट्रियोसिस के हर मामले में सही होने के लिए सर्जरी की जरूरत नहीं होती है। इस बीमारी के हल्के लक्षणों को दवाओं और लाइफस्टाइल के जरिए मैनेज किया जा सकता है।
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निष्कर्ष
एंडोमेट्रियोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसे महिलाओं को समझने और इसके लक्षणों को सही समय पर पहचानाना जरूरी है। जिस तरह से आज महिलाएं पीरियड्स के बारे में खुलकर बात कर रही हैं, ठीक वैसे ही महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस के बारे में बात करनी होगी, ताकि इस बीमारी के प्रति जागरूकता आए और सही समय पर इसका इलाज करवाया जा सके।