प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इन 9 महीनों के अंदर महिलाएं फिजिकल और मेंटल दोनों तरह के बदलावों का सामना करती हैं। प्रेग्नेंसी के समय में महिलाओं को जी मिचलाना, थकावट और कब्ज जैसी परेशानियां होती हैं। मगर क्या आप जानते हैं कि इन परेशानियों के अलावा, कई मामलों में महिलाओं को स्किन से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती हैं? दरअसल, कई महिलाएं प्रेग्नेंसी में ड्राई स्किन और खुजली की समस्या का सामना करती हैं। ये खुजली पेट, ब्रेस्ट, हिप्स और थाइज के आसपास महसूस हो सकती है। हालांकि, यह बिलकुल सामान्य स्थिति होती है, क्योंकि सर्दियों में ड्राई स्किन और माइल्ड इचिंग होना आम बात है। इस बारे में गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. आस्था दयाल ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया है। आइए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं इचिंग की समस्या से कैसे बच सकती हैं।
प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों होती है इचिंग की समस्या?
जैसा हमने आपको बताया कि प्रेग्नेंसी के समय में ड्राई स्किन और इचिंग होना आम बात है। दरअसल, समय के साथ बच्चा बढ़ता है और पेट की स्किन भी फैलने लगती है। इस स्थिति में रूखापन और खुजली की समस्या हो सकती है। इसके अलावा खुजली टाइट कपड़े पहनने के कारण भी हो सकती है। ऐसे में आपको हल्के और ढीले कपड़े पहनने चाहिए। आइए इस खुजली से बचाव के लिए कुछ आसान उपाय जानते हैं, जिन्हें आप घर पर भी अपना सकती हैं।
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ड्राई स्किन और खुजली से कैसे बचें?
- इस समस्या से बचने के लिए आपको अपनी बॉडी को मॉइस्चराइज रखने की जरूरत होती है। ऐसे में पुरे शरीर पर अच्छी तरह बॉडी लोशन लगाना फायदेमंद साबित होगा। आपको इस बात का ध्यान रखना है कि लोशन खुशबू वाला नहीं होना चाहिए। इस तरह की केमिकल युक्त चीजों का इस्तेमाल करने से बचें।
- खुजली की समस्या से बचने के लिए अगर आप लोशन नहीं लगाना चाहती हैं, तो नारियल तेल का इस्तेमाल कर सकती हैं। इससे स्किन में नमी लॉक हो जाती है और ड्राइनेस से छुटकारा मिलता है।
- इसके अलावा, आपको अच्छी मात्रा में पानी पीना चाहिए। इससे बॉडी हाइड्रेट रहेगी और स्किन की समस्याओं से बचा जा सकता है।
- महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना है कि स्किन को जोर से नहीं खुजलाना है। इससे स्किन इरिटेशन और इन्फेक्शन की समस्या हो सकती है।
- अगर आपको ज्यादा खुजली महसूस हो रही है, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस स्थिति में वह कुछ दवाइयों और स्टेरॉइड्स के इस्तेमाल की सलाह दे सकते हैं। ध्यान रखें कि आपको खुद डॉक्टर नहीं बनना है।
खुजली की समस्या गंभीर कब हो सकती है?
खुजली की समस्या कुछ मामलों में गंभीर भी हो सकती है। जैसे कि अगर किसी महिला को लास्ट ट्राइमेस्टर में हाथों और पैरों के तलवों में खुजली हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इस स्थिति को कोलेस्टेसिस कहा जाता है। इस स्थिति में डॉक्टर कुछ जरूरी टेस्ट करवाते हैं। जैसे कि लिवर फंक्शन टेस्ट, बाइल एसिड टेस्ट आदि। इन टेस्ट को करवाने का लक्ष्य यह जानना होता है कि कहीं महिला को कोलेस्टेसिस हुआ है या नहीं। इसके बाद रिजल्ट के हिसाब से ट्रीटमेंट शुरू किया जाता है।
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प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शरीर में हो रहे छोटे से बड़े बदलाव और समस्या की जानकारी आप डॉक्टर को दें। इससे समय रहते आपको और आपके बच्चे भविष्य में होने वाली किसी भी परेशानी से बचाने की कोशिश की जा सकती है।