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महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस ओव्यूलेशन प्रक्रिया को कैसे करता है प्रभावित, डॉक्टर से जानें

अन्य समस्याओं के साथ ही महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस होने की संभावनाएं अधिक होती है। इस लेख में जानते हैं कि एंडोमेट्रियोसिस किस तरह से ओव्यूलेशन प्रक्रिया को बाधित कर सकता है।
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महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस ओव्यूलेशन प्रक्रिया को कैसे करता है प्रभावित, डॉक्टर से जानें

How Does Endometriosis Affect Ovulation In Hindi: महिलाओं की लाइफस्टाइल में लगातार बदलाव हो रहे हैं। इसका असर उनके स्वास्थ्य पर पड़ता है। ऐसे में महिलाओं को पीरियड्स से संबंधित कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महिलाओं को होने वाले आम समस्याओं में एंडोमेट्रियोसिस को भी शामिल किया जाता है। ये समस्याएं महिलाओं के गर्भाशय से जुड़ी होती है। एक्सपर्ट बताते हैं कि जब महिलाओं के एंडोमेट्रियल टिश्यू यूट्रेस के अंदर और बाहर की ओर बढ़ने लगते हैं तो ऐसे में महिलाओं को पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं के साथ ही पेट दर्द की परेशानी का कारण बन सकते हैं। कुछ महिलाओं में यह समस्या गंभीर हो सकती है, जो उनके द्वारा गर्भधारण करने की प्रक्रिया को बाधित कर सकती है। इस लेख में बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर (Birla Fertility And IVF Center) के आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. राखी गोयल से जानते हैं कि क्या एंडोमेट्रियोसिस किस तरह से ओव्यूलेशन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है?

एंडोमेट्रियोसिस का ओव्यूलेशन प्रक्रिया पर क्या प्रभाव पड़ता है? - How Does Endometriosis Affect Ovulation In Hindi

हार्मोन के स्तर में बदलाव होना

एंडोमेट्रियोसिस महिलाओं के हार्मोनल संतुलन को प्रभावित करता है। ओव्यूलेशन प्रक्रिया काफी हद तक हार्मोन संतुलन (Hormonal Changes) पर निर्भर करता है। डॉक्टर के अनुसार ओव्यूलेशन प्रक्रिया ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) और फॉलिकल स्टिमुलेटिंग हार्मोन (FSH) पर निर्भर करती है। जबकि, एंडोमेट्रियोसिस की वजह से यह दोनों ही हार्मोन्स प्रभावित हो सकते है, जो ओव्यूलेशन को बाधिक कर सकते हैं।

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ओवरी के कार्य पर दबाव पड़ना

एंडोमेट्रियोसिस की वजह से ओवरी में सिस्ट बनने की संभावना अधिक होती है, जिन्हें एंडोमेट्रियोमा (endometrioma ) कहा जाता है। ये सिस्ट ओवरी के कार्य को बाधित कर सकते हैं। ऐसे में महिलाओं की ओव्यूलेशन प्रक्रिया खराब हो सकती है। जब ओवरी से एग्स रिलीज नहीं हो पाते हैं तो ऐसे में गर्भधारण करने में समस्याएं आ सकती हैं।

पेल्विक एरिया में सूजन का बढ़ना

एंडोमेट्रियोसिस की वजह से महिलाओं के पेल्विक एरिया में सूजन (Swelling in pelvic area) और जलन हो सकती है। यह सूजन सीधे रूप से ओव्यूलेशन प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती है। इससे एग्स की क्वालिटी और फर्टाइल करने की क्षमता कम होती है।

फैलोपियन ट्यूब से जुड़ी समस्या

एंडोमेट्रियोसिस की वजह से महिलाओं की फैलोपियन ट्यूब (Fallopian Tubes) हो सकती हैं। इसकी वजह से ट्यूब्स में रुकावट हो सकती है। इस रुकावट की वजह से स्पर्म और एग्स सही तरह नहीं मिल पाते हैं, जिसकी वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी प्रभावित होती है।

एंडोमेट्रियोसिस का कैसे ठीक किया जा सकता है? - How To Manage Endometriosis In Hindi

हालांकि एंडोमेट्रियोसिस का पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है, लेकिन कुछ उपाय और उपचार ऐसे हैं जो ओव्यूलेशन को सुधारने और प्रजनन क्षमता को बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

  • सबसे पहले डॉक्टर महिलाओं की लाइफस्टाइल में आश्यक बदलाव करने की सलाह देते हैं। इसमें रेगूलर एक्सरसाइज, संतुलित आहार और स्ट्रेस को कम करने पर फोकस किया जाता है।
  • लैप्रोस्कोपिक सर्जरी के माध्यम से एंडोमेट्रियोसिस के घाव और सिस्ट को हटाया जा सकता है। यह प्रक्रिया ओव्यूलेशन और प्रजनन क्षमता में सुधार कर सकती है।
  • हार्मोनल थेरेपी ओव्यूलेशन और मेंस्ट्रुअल को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है। बर्थ कंट्रोल पिल्स और गोनाडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) एगोनिस्ट का उपयोग एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को कम कर सकता है।

इसे भी पढ़ें : महिलाओं को एंडोमेट्रियोसिस की समस्या क्यों होती है? डॉक्टर से जानें इसका कारण और इलाज

Endometriosis Affect Ovulation In Hindi: यदि, समय पर एंडोमेट्रियोसिस का इलाज न किया जाए तो यह एक गंभीर समस्या बन सकती है। साथ ही, इसकी वजह से गर्भधारण करने में महिलाओं को परेशानी हो सकती है। यदि, काफी प्रयास के बाद भी गर्भधारण में परेशानी हो रही है तो ऐसे में आप किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या आईवीएफ विशेषज्ञ से संपर्क कर सकते हैं।

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