आज के समय में पढ़ाई, नौकरी और करियर की दौड़ में मानसिक थकान आम बात हो गई है। लगातार मोबाइल, कंप्यूटर और सोशल मीडिया का इस्तेमाल मस्तिष्क पर ज्यादा दबाव डालता है, जिससे एकाग्रता कम होती है और याददाश्त प्रभावित हो सकती है। ऐसे में कई लोग नेचुरल और आयुर्वेदिक उपायों की ओर रुख करते हैं और ब्राह्मी (Bacopa monnieri) उनमें सबसे चर्चित नाम है। ब्राह्मी को आयुर्वेद में ''बुद्धिवर्धक'' और मेध्य रसायन कहा जाता है, जिसका अर्थ है कि यह मस्तिष्क की शक्ति और स्मरण क्षमता बढ़ाने में मदद करता है। यह पौधा छोटे पत्तियों वाला और हरा-भरा होता है, जो भारत में सदियों से मानसिक स्वास्थ्य के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। इसे पढ़ाई के दौरान तनाव कम करने, दिमाग को शांत रखने और सीखने की क्षमता बढ़ाने के लिए भी जाना जाता है। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, क्या ब्राह्मी से युवा वयस्कों की याददाश्त तेज होती है?
क्या ब्राह्मी याददाश्त बढ़ाती है? - Does Brahmi Improve Memory In Young Adults
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद में ब्राह्मी (जिसका वैज्ञानिक नाम Bacopa monnieri है) को शीत वीर्य, रसायन, मधुर आदि गुणों वाला माना गया है। कहा जाता है कि यह मस्तिष्क की शक्ति बढ़ाती है, बुद्धि और याददाश्त में सुधार करती है तथा एजिंग की प्रक्रिया को धीमा कर सकती है। युवा उम्र वह दौर है जब पढ़ाई और करियर की दौड़ में दिमाग पर सबसे ज्यादा दबाव पड़ता है। लगातार स्क्रीन टाइम, देर रात तक जागना और असंतुलित लाइफस्टाइल मानसिक थकान और मेमोरी लॉस का कारण बनते हैं। ब्राह्मी कोई मैजिक दवा नहीं है। इसका असर धीरे-धीरे और लंबे समय तक सेवन करने पर दिखता है। नियमित 2-3 महीने सेवन करने से ही मेमोरी और फोकस पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि ब्राह्मी का सेवन करने से-
इसे भी पढ़ें: लिवर से लेकर ब्रेन तक के लिए फायदेमंद है ब्राह्मी, जानें इसके फायदे, नुकसान और सेवन का तरीका
- ब्रेन सेल्स को पोषण मिलता है।
- न्यूरोट्रांसमीटर का संतुलन सुधरता है।
- तनाव और चिंता कम होती है।
- फोकस और सीखने की क्षमता बेहतर होती है।
इसे भी पढ़ें: सिर की मालिश के लिए ब्राह्मी तेल फायदेमंद क्यों होता है? जानें आयुर्वेदिक एक्सपर्ट से
मॉडर्न रिसर्च क्या कहती हैं?
कई वैज्ञानिक रिसर्च में पाया गया है कि ब्राह्मी में बाकोसाइड (Bacosides) नामक सक्रिय तत्व होते हैं, जो ब्रेन में सिग्नलिंग प्रोसेस को सुधारते हैं। इससे सीखने और जानकारी याद रखने की क्षमता बढ़ सकती है। कुछ क्लिनिकल ट्रायल्स में यह भी पाया गया कि 3 से 6 महीने तक नियमित ब्राह्मी सप्लीमेंट लेने वाले छात्रों की मेमोरी और एकाग्रता बेहतर हुई।
सावधानियां
- प्रेग्नेंट और स्तनपान कराने वाली महिलाएं इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।
- जिनको थायराइड या हार्मोन से जुड़ी समस्या है, उन्हें भी डॉक्टरक की सलाह के बाद सेवन करना चाहिए।
- जो पहले से किसी दवा (जैसे एंटीडिप्रेसेंट या सेडेटिव) का सेवन कर रहे हैं, वे डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, ब्राह्मी युवाओं की याददाश्त और मानसिक क्षमता को सुधारने में मदद कर सकती है। यह दिमागी तनाव कम करती है और एकाग्रता बढ़ाती है। हालांकि, इसका सेवन शुरू करने से पहले किसी आयुर्वेदिक विशेषज्ञ या डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है
All Images Credit- Freepik
FAQ
ब्राह्मी का असर कितने दिन में होता है?
ब्राह्मी का नियमित सेवन मानसिक थकान को कम करता है और फोकस बढ़ाने में मदद कर सकता है, जिससे पढ़ाई और काम पर ध्यान केंद्रित करना आसान होता है। इसका असर 1 से 2 महीने में हल्का नजर आने लगता है।ब्राह्मी किसे नहीं लेना चाहिए?
आम तौर पर ब्राह्मी सुरक्षित है, लेकिन प्रेग्नेंसी, स्तनपान, पेट खराब, जी मिचलाना या हार्मोनल समस्याओं में इसके सेवन से परहेज करें या डॉक्टर से सलाह लें।ब्राह्मी की तासीर क्या है?
आयुर्वेद में ब्राह्मी की तासीर शीत यानी ठंडी बताई गई है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version
Oct 03, 2025 15:13 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 03, 2025 15:13 IST
Published By : Akanksha Tiwari