
भारत में पीढ़ियों से यह परंपरा रही है कि बच्चे से लेकर बुज़ुर्ग तक हर कोई सुबह-सुबह भीगे बादाम खाता है। अक्सर दादी-नानी यह कहती थीं कि अगर दिमाग तेज करना है तो रोज सुबह भीगे बादाम खाओ। यह सुनकर बड़े होने वाली पीढ़ी ने भी इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लिया। लेकिन आधुनिक दौर में जब हर चीज को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखा जाने लगा है, तो यह सवाल भी उठता है कि क्या वाकई भीगे हुए बादाम खाने से दिमाग की शक्ति और याददाश्त में सुधार होता है? दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा (Rakshita Mehra, Clinical Dietitian and Nutritionist, Delhi) बताती हैं कि बादाम को भिगोकर खाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे फाइटिक एसिड निकल जाता है। इस लेख में दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा से जानिए, क्या भीगे बादाम खाने से याददाश्त तेज होती है?
क्या भीगे बादाम खाने से याददाश्त तेज होती है? - Can Soaked Almonds Improve Brain Memory
डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा के अनुसार, बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है। यह फैटी एसिड दिमाग की कोशिकाओं को मजबूत बनाने में अहम भूमिका निभाता है। रिसर्च भी यह साबित करती है कि ओमेगा-3 का सेवन न्यूरॉन्स के बीच बेहतर कनेक्शन बनाने में सहायक होता है, जिससे याददाश्त, फोकस और मानसिक कार्यक्षमता बेहतर होती है। यही कारण है कि बच्चों और बड़ों दोनों को ही नियमित रूप से भीगे बादाम खाने की सलाह दी जाती है।
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बादाम में विटामिन E और मैग्नीशियम भरपूर होता है। विटामिन E एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। यह दिमाग को समय से पहले बूढ़ा होने से रोकता है और अल्जाइमर जैसी समस्याओं का खतरा कम करता है। वहीं, मैग्नीशियम नर्वस सिस्टम को शांत रखने और ब्रेन फंक्शनिंग को सपोर्ट करने में मदद करता है।
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बादाम भिगोने के फायदे
डाइटिशियन रक्षिता मेहरा बताती हैं कि बादाम की ऊपरी परत में फाइटिक एसिड पाया जाता है। यह तत्व आयरन, जिंक और कैल्शियम जैसे मिनरल्स के अवशोषण (Absorption) में रुकावट डालता है। लेकिन जब बादाम को रातभर भिगोकर सुबह छिलके उतारकर खाया जाता है, तो यह फाइटिक एसिड निकल जाता है। इससे शरीर को पोषक तत्व बेहतर तरीके से मिलते हैं और दिमाग़ की कोशिकाओं को भरपूर एनर्जी मिल पाती है।
भीगे बादाम न केवल स्मरण शक्ति (Memory Power) को बढ़ाते हैं बल्कि नर्व फंक्शनिंग यानी तंत्रिकाओं के कामकाज में भी सुधार लाते हैं। उनमें मौजूद हेल्दी फैट्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स न्यूरॉन्स की हेल्थ को सपोर्ट करते हैं।
निष्कर्ष
रक्षिता मेहरा कहती हैं कि यदि आप दिमाग की सेहत और याददाश्त को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो रोजाना सुबह खाली पेट 4–6 भीगे हुए बादाम खाना शुरू करें। यह एक छोटा-सा लेकिन प्रभावशाली हेल्थ हेबिट है, जो आपकी मानसिक क्षमता, नर्व हेल्थ और समग्र स्वास्थ्य को बेहतर बना सकता है।
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FAQ
कितने भीगे बादाम रोज खाने चाहिए?
रोजाना 4 से 6 भीगे हुए बादाम पर्याप्त होते हैं। इससे शरीर को पर्याप्त पोषण मिलता है और ज्यादा कैलोरी का बोझ भी नहीं पड़ता।क्या बिना भिगोए बादाम खाने से भी फायदा मिलता है?
बिना भिगोए बादाम भी फायदेमंद होते हैं, लेकिन उनमें मौजूद फाइटिक एसिड मिनरल्स के अवशोषण में बाधा डाल सकता है। भिगोने के बाद यह समस्या कम हो जाती है और पोषक तत्व शरीर में बेहतर तरीके से अवशोषित होते हैं।भीगे बादाम खाने का सही समय क्या है?
सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट भीगे बादाम खाना है। इससे एनर्जी लेवल पूरे दिन बना रहता है।
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