
जब शरीर में कोई गांठ या सूजन उभरती है, तो लोगों में घबराहट होना आम बात है। हर गांठ कैंसर नहीं होती, लेकिन इसके बावजूद लोग सबसे पहले कैंसर की आशंका से डरने लगते हैं। खासकर जब यह गांठ त्वचा के नीचे या गर्दन, बगल या कमर में दिखाई देती है। ऐसे में लिपोमा और लिंफोमा जैसे शब्द सामने आते हैं, जिनके नाम मिलते-जुलते होने की वजह से कई लोग कंफ्यूज हो जाते हैं। यह कंफ्यूजन, कई बार अनावश्यक घबराहट या देरी से इलाज की वजह बन सकता है। दरअसल, लिपोमा एक बेहद सामान्य स्थिति है जिसमें फैट कोशिकाओं की एक छोटी गांठ बनती है, जो न दर्द देती है न जानलेवा होती है। वहीं, लिंफोमा एक प्रकार का कैंसर होता है जो लिम्फ नोड्स या लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है। लेकिन सिर्फ नामों के आधार पर अंतर समझना काफी नहीं है। इसलिए यह जानना जरूरी है कि इन दोनों स्थितियों में क्या अंतर होता है, इनके लक्षण क्या हैं, इलाज के तरीके क्या हैं और कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस लेख में हम डॉक्टरों की सलाह के आधार पर विस्तार से समझेंगे कि लिपोमा और लिंफोमा में असली अंतर क्या है। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
लिपोमा क्या है?- What is Lipoma
लिपोमा त्वचा के नीचे बनने वाली एक सामान्य (Benign) गांठ होती है जो मुख्य रूप से फैट कोशिकाओं से बनी होती है। यह धीमी गति से बढ़ती है और आमतौर पर दर्द रहित होती है। यह आमतौर पर पीठ, कंधे, गर्दन, बाजू या जांघों पर दिखाई देती है। लिपोमा को कैंसर नहीं माना जाता और अक्सर इसे इलाज की जरूरत भी नहीं होती जब तक यह दर्द न दे या आकार में बहुत बड़ा न हो जाए।
लिपोमा के लक्षण:
- त्वचा के नीचे गांठ होना
- सामान्यतः दर्द नहीं होता
- धीरे-धीरे आकार बढ़ता है
- त्वचा के रंग में कोई बदलाव नहीं होता
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लिंफोमा क्या है?- What is Lymphoma
लिंफोमा, लिम्फेटिक सिस्टम का कैंसर है, जो शरीर की इम्यूनिटी से जुड़ा होता है। इसमें लिम्फ नोड्स (Lymph Nodes), तिल्ली (Spleen), बोन मैरो (Bone Marrow) या अन्य अंग शामिल हो सकते हैं। यह दो प्रमुख प्रकार का होता है: हॉजकिन लिंफोमा और नॉन-हॉजकिन लिंफोमा। यह स्थिति गंभीर होती है और इलाज के बिना तेजी से शरीर में फैल सकती है।
लिंफोमा के लक्षण:
- गर्दन, बगल या कमर में सूजी हुई लिम्फ नोड्स
- बुखार और रात को पसीना आना
- वजन अचानक कम होना
- थकान और कमजोरी
- लगातार खुजली या इंफेक्शन होना
लिपोमा और लिंफोमा में अंतर- Lipoma and Lymphoma Difference

- लिपोमा की प्रकृति सामान्य होती है, तो वहीं लिंफोमा कैंसरजनक होता है।
- सामान्यतः लिपोमा में दर्द नहीं होता है और लिंफोमा में हो सकता है।
- लिपोमा की ग्रोथ धीरे-धीरे होती है और वहीं लिंफोमा की ग्रोथ तेजी से होती है।
- लिपोमा की ग्रोथ ज्यादा कठोर नहीं होती है, लिंफोमा की ग्रोथ कठोर होती है।
- लिपोमा का इलाज, दवाओं से संभव है वहीं लिंफोमा का इलाज कीमो, रेडिएशन और दवाओं से किया जाता है।
डॉक्टर से संपर्क कब करें?- When to Consult Doctor
- अगर कोई गांठ 2-3 हफ्तों में नहीं घट रही हो।
- गांठ में दर्द, तेजी से ग्रोथ या त्वचा में बदलाव नजर आए।
- बुखार, वजन गिरना, रात को पसीना जैसे लक्षण नजर आएं।
- लिपोमा के आकार से असुविधा हो रही हो।
लिपोमा और लिंफोमा दोनों ही अलग-अलग स्थितियां हैं जिनकी पहचान सही समय पर होनी बहुत जरूरी है। जहां लिपोमा अक्सर साधारण होता है और बिना किसी गंभीरता के रहता है, वहीं लिंफोमा गंभीर स्थिति है जो शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित करती है। इसलिए किसी भी गांठ या सूजन को नजरअंदाज न करें।
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FAQ
लिंफोमा और लिपोमा में क्या अंतर है?
लिंफोमा एक कैंसर होता है जो लिम्फेटिक सिस्टम को प्रभावित करता है, जबकि लिपोमा फैट कोशिकाओं की एक नॉन-कैंसरस गांठ होती है। लिंफोमा गंभीर होता है, जबकि लिपोमा नहीं।क्या लिंफोमा एक गंभीर कैंसर है?
हां, लिंफोमा एक गंभीर कैंसर है जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करता है। लेकिन अगर समय पर पता चल जाए, तो इलाज से इसे कंट्रोल किया जा सकता है और इलाज भी संभव होता है।लिम्फ नोड की गांठ कितने दिन में ठीक हो जाती है?
अगर इंफेक्शन के कारण लिम्फ नोड सूजे हैं, तो वे कुछ दिनों से हफ्तों में ठीक हो सकते हैं। लेकिन अगर कारण गंभीर हो, तो जांच और इलाज जरूरी है।
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Oct 25, 2025 16:47 IST
Published By : Yashaswi Mathur