Difference Between Ovarian And Cervical Cancer: महिलाओं को प्रजनन स्वास्थ्य से जुड़ी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसमें कई महिलाओं को गंभीर रोग होने की संभावना भी होती है। महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर के बाद ओवेरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर की संभावना अधिक होती है। यह दोनों ही तरह के कैंसर महिला की प्रजनन प्रणाली से जुड़े होते हैं। इसमें महिलाओं को वजाइना से ब्लीडिंग और पेल्विक पेन आदि लक्षण महसूस हो सकते हैं। कुछ महिलाएं ओवेरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर को एक ही तरह का रोग समझ लेती हैं। लेकिन, यह दो अलग-अलग तरह के कैंसर होते हैं। इस लेख में साईं पॉलीक्लीनिक की सीनियर गाइनाक्लॉजिस्ट डॉक्टर विभा बंसल से जानते हैं कि महिलाओं को होने वाले ओवेरियन और सर्वाइकल कैंसर में क्या अंतर होता है।
ओवेरियन कैंसर क्या है? - What is Ovarian Cancer in Hindi
ओवेरियन कैंसर अंडाशय यानी ओवरी (Ovaries) में विकसित होता है। ओवरी महिलाओं के प्रजनन तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो एग्स (Eggs) बनाने और हार्मोन (एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन) का उत्पादन करने का काम करती है। ओवेरियन कैंसर को अक्सर "साइलेंट किलर" कहा जाता है क्योंकि इसके शुरुआती लक्षण बहुत हल्के होते हैं और ध्यान नहीं दिए जाने पर यह गंभीर रूप ले सकता है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है? - What is Cervical Cancer in Hindi
सर्वाइकल कैंसर, महिलाओं के सर्विक्स (Cervix) में विकसित होता है। सर्विक्स वह हिस्सा है जो गर्भाशय और वजाइना को जोड़ता है। यह कैंसर ज्यादातर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) संक्रमण के कारण होता है। सर्वाइकल कैंसर को शुरुआती चरण में पहचान कर इलाज करना आसान होता है।
ओवेरियन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के बीच अंतर - Difference Between Ovarian And Cervical Cancer In Hindi
- ओवेरियन कैंसर महिलाओं की ओवरी यानी अंडाशय में शुरू होता है, जबकि सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स में शुरू होता है। ओवेरियन कैंसर के कारण में अनुवांशिकता, महिलाओं की उम्र और हार्मोनल अंसुतलन को शामिल किया जाता है। जबकि, सर्वाइकल कैंसर, एचपीवी इंफेक्शन और असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने की वजह से होता है।
- इन दोनों ही कैंसर के लक्षण भी अलग-अलग होते हैं। ओवेरियन कैंसर में पेट में सूजन, दर्द और भूख में कमी लगती है। जबकि, सर्वाइकल कैंसर में महिलाओं को वजाइनल डिसचार्ज और शारीरिक संबंध बनाते समय ब्लीडिंग महसूस हो सकती है।
- इसके अलावा, ओवेरियन कैंसर 50 से अधिक आयु की महिलाओं में ज्यादा देखने को मिलता है। वहीं, सर्वाइकल कैंसर के मामले युवा और मीडिल एज की महिलाओं में देखने को मिलता है।
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डॉक्टर का कहना है कि किसी तरह के लक्षण को नजरअंदाज किया जाए तो इसका प्रभाव महिला के प्रजनन स्वास्थ्य पर पड़ता है। इस दौरान महिला को शुरूआती लक्षण बेहद कम दिखाई या महसूस होते हैं। लेकिन, बाद में यह स्थिति गंभीर रूप धारण करते हुए कैंसर बन सकती है। ऐसे में आप शुरूआती दौर में ही कैंसर का पता लगाकर इलाज शुरू कर दें। दोनों कैंसर की शुरुआती पहचान और समय पर इलाज से इन्हें नियंत्रित किया जा सकता है।महिलाओं को नियमित स्वास्थ्य जांच करवानी चाहिए और स्वस्थ जीवनशैली अपनानी चाहिए। साथ ही, सर्वाइकल कैंसर से बचने के लिए HPV वैक्सीन और पैप स्मीयर टेस्ट को प्राथमिकता देनी चाहिए। सही जानकारी और जागरूकता ही कैंसर से बचाव किया जा सकता है।