Cervical Cancer Awareness Month 2025: सर्वाइकल कैंसर को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर भी कहा जाता है, जो महिलाओं के गर्भाशय के निचले हिस्से में होता है। यह कैंसर महिलाओं में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस नाम के इंफेक्शन के कारण होता है। भारत में महिलाओं में होने वाला ये सबसे आम कैंसर है, जो काफी खतरनाक होता है और हर साल कई महिलाओं की मौत इस कैंसर के कारण होती है। नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में एसोसिएट कंसल्टेंट और रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. नीतू पांडे (Dr. Neetu Pandey, Associate Consultant, Radiation Oncology, Fortis Hospital, Noida) ने बताया कि HPV, एक सेक्सुअल ट्रांसमिटेड वायरस है, जो लंबे समय तक शरीर में रहने के कारण कैंसर का रूप ले सकता है। इस कैंसर की रोकथाम के लिए समय-समय पर जांच करवाना और HPV वैक्सीन लगवाना जरूरी है। हालांकि, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले शहर में रहने वाली महिलाओं की तुलना में ज्यादा होते हैं। ऐसे में आइए रेडिएशन ऑन्कोलॉजी डॉ. नीतू पांडे से जानते हैं कि ग्रामीण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के मामले ज्यादा क्यों होते हैं?
ग्रामीण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम - Cervical Cancer Risk Among Rural Women in Hindi
शहर के मुकाबले गांव में रहने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर का जोखिम ज्यादा रहता है। दरअसल, इलाज और जागरुकता की कमी के कारण महिलाएं सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती लक्षणों को नजरअंदाज कर देती हैं, जिस कारण महिलाओं का समय पर इलाज नहीं हो पाता है और यह उनकी मौत का कारण बनता है। साइंसडायरेक्ट पर भारत में हरियाणा की ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर से जुड़े जागरूकता डाटा के अनुसार, "दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के कारण होने वाली मौतों में से लगभग एक-चौथाई हिस्सा भारतीयों का है, जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाएं और आर्थिक रूप से कमजोर महिलाएं शामिल हैं। भारत में सर्वाइकल कैंसर के लक्षणों, जागरुकता की कमी और बचाव के तरीकों की कमी के कारण ग्रामीण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की मृत्यु दर ज्यादा है।" सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए एचपीवी वैक्सीन काफी फायदेमंद है।
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाइकल कैंसर होने का कारण - What is The Main Cause Of Cervical Cancer in Rural Areas in Hindi
- ग्रामीण क्षेत्रों में अस्पताल दूर होने के कारण और ट्रांसपोर्स की सुविधा न होने के कारण महिलाएं नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच नहीं करवा पाती हैं, जिस कारण उनमें सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा ज्यादा होता है।
- गांव-देहात जैसे इलाकों में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर को लेकर कम जागरुकता होती है, इस कारण वे इसके लक्षणों या एचपीवी टेस्टिंग समय पर नहीं करवा पाती हैं।
- ग्रामीण क्षेत्रों में कम उम्र में ही लड़कियों की शादी कर दी जाती है। ऐसे में कम उम्र में यौन संबंध (Which woman is at highest risk for cervical cancer) बनाने से सर्वाइकल कैंसर का जोखिम बढ़ सकता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं कई बच्चों को जन्म देती है, ऐसे में बार-बार होने वाली प्रेग्नेंसी के कारण भी महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने का खतरा
- ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं अपने हाइजीन का सही से ध्यान नहीं रख पाती हैं, जो सर्वाइकल कैंसर के बढ़ने का कारण बन सकता है।
- देहात में रहने वाली महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर को लेकर कम जानकारी होती है, जिस कारण उनमें सर्वाइकल कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है।
- रहता है।
- कई लोगों के साथ यौन संबंध बनाने से एचपीवी इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है, जो सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है।
ग्रामीण महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण - What Are The Symptoms of Cervical Cancer in Women in Hindi?
- योनि में बहुत ज्यादा खुजली
- थकान महसूस होना
- पेशाब के दौरान असुविधा होना
- पीठ में दर्द होना
- पैर में दर्द होना
- पेट दर्द से परेशान रहना
- व्हाइट डिस्चार्ज होना

ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाइकल कैंसर से बाचव के उपाय - How To Prevent Cervical Cancer in Rural Areas in Hindi?
ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वाइकल कैंसर को लेकर महिलाओं में जागरुकता ही कमी होती है। ऐसे में अलग-अलग तरह के कार्यक्रमों को आयोजित करके महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के जोखिम और बचाव के उपायों के बारे में बताया जा सकता है। महिलाओं को एचपीवी वैक्सीन और नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच के महत्व के बारे में जागरुक किया जा सकता है, जिससे इस कैंसर को बढ़ने या इसके कारण होने वाले मौतों को रोकने में मदद मिल सकती है।
इसे भी पढ़ें: क्या HPV वैक्सीन से सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है? जानें डॉक्टर से
निष्कर्ष
ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर के कारण मौत होने के मामले ज्यादा है। ग्रामीण इलाकों में महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के बारे में कम जानकारी और एचपीवी वैक्सीन न लगवाना इस बीमारी के बढ़ने का अहम कारण है, जिसे वहां की महिलाओं को जागरुक करके और एचपीवी वैक्सीन का महत्व बताकर होने वाले मौतों की दर को कम किया जा सकता है।