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महिलाओं में क्‍यों बढ़ रहे हैं सर्वाइकल कैंसर के मामले? डॉक्टर से जानें कौन सी गलतियां बढ़ा रही हैं खतरा

सर्वाइकल कैंसर कम उम्र की महिलाओं को अपना शिकार बना रहा है खासकर भारत में इसकी संख्‍या बढ़ रही है। ऐसे में जरूरी है कि महिलाएं इसके प्रति जागरुक हों।
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महिलाओं में क्‍यों बढ़ रहे हैं सर्वाइकल कैंसर के मामले? डॉक्टर से जानें कौन सी गलतियां बढ़ा रही हैं खतरा


सर्वाइकल कैंसर इन दिनों महिलाओं में तेजी से फैल रही एक गंभीर बीमारी है। खराब लाइफस्‍टाइल और जंकफूड का अधिक सेवन इस खतरनाक बीमारी को बढ़ावा दे रहा है। भारत में लगातार सर्वाइकल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। हाल ही में हुए अध्‍ययनों में पाया गया है कि 30 की उम्र की महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर अधिक प्रभावित कर रहा है। पहले की तुलना में 35-40 साल की महिलाओं की अपेक्षा अब 25 साल की उम्र की महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के लक्षण देखने को मिल रहे हैं। जो महिलाएं शुरुआत से ही गर्भनिरोधक के बारे में सही जानकारी प्राप्‍त किए बिना इसका उपयोग करती हैं, उन्‍हें इसका जोखिम अधिक होता है। सर्वाइकल कैंसर वर्तमान में छोटी उम्र की महिलाओं को अधिक प्रभावित कर रहा है। चलिए जानते हैं सर्वाइकल कैंसर के बारे में विस्‍तार से। 

सर्वाइकल कैंसर का खतरा क्यों बढ़ रहा है

मदरहुड हॉस्पिटल की सीनियर ऑब्स्ट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉक्टर मनीषा रंजन के अनुसार पूरी दुनिया में सर्वाइकल कैंसर सबसे ज्यादा फैलने वाला चौथा आम कैंसर है। डॉक्टर के अनुसार एचपीवी लगभग 50% हाई ग्रेड सर्वाइकल प्रीकैंसरस के लिए जिम्मेदार है। सर्वाइकल कैंसर होने के पीछे कई कारण जिम्‍मेदार हो सकते हैं जिसमें एक से अधिक साथी के साथ संबंध बनाना, खराब हाइजीन और बार बार प्रेग्‍नेंट होना प्रमुख है। लंबे समय तक बर्थ कंट्रोल का उपयोग और धूम्रपान से जुड़े एचपीवी संक्रमण भी इसका कारण हो सकते हैं। सर्वाइकल कैंसर उन महिलाओं को अधिक हो सकता है, जो किसी फैक्‍ट्री, जेल या यौन संबंधी कार्यों से जुड़ी हैं। 

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नजरअंदाज करना हो सकता है खतरनाक

पीरियड्स के बीच या मेनोपॉज के बाद, असामान्‍य योनि स्‍त्राव यानी ब्‍लड आना खतरनाक हो सकता है। वहीं सेक्‍स के दौरान बेचैनी, पेट में जलन या खुजली, अत्‍यधिक थकान, बार-बार यूरिन जाना और सूजन जैसे लक्षणों को नजरअंदाज करना समस्‍या को बढ़ा सकता है। युवा महिलाओं में सर्वाइकल असामान्‍यताएं अधिक नजर आ रही हैं, जिस वजह से वह एचपीवी पॉजिटिव हो रही हैं। एचपीवी के कारण गर्भाशय ग्रीवा में घाव हो सकते हैं, जिसे अगर अनदेखा किया जाता है ,तो पांच से दस वर्षों के अंदर गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर विकसित हो सकता है। 

cervical cancer

महिलाएं बरतें ये सावधानियां

एचपीवी और इससे होने वाले खतरों के बारे में महिलाओं को जानकारी होना महत्‍वपूर्ण है। इस समस्‍या से बचने के लिए महिलाओं को नियमित रूप से सर्वाइकल कैंसर की जांच और एचपीवी वैक्‍सीन लगवाई जानी चाहिए। सर्वाइकल कैंसर 14 हाई रिस्‍क वाले मानव पेपिलोमावायरस में से एक के साथ लगातार संक्रमित होने के कारण होता है, जो कैंसर से जुड़े होते हैं और उसका कारण बनते हैं। 

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अगर समय समय पर स्क्रीनिंग कराई जाए और एचपीवी कि वैक्सीन ली जाए तो सर्वाइकल कैंसर को बढ़ने से रोका जा सकता है। यही नहीं, अगर पहली स्टेज पर ही इस कैंसर का पता चल जाए, तो भी समय से इलाज मिलने पर किसी भी खतरे से बचा जा सकता है।

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