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कैंसर की गांठ और फोड़े-फुंसी में अंतर कैसे समझें? डॉक्‍टर से जानें

कैंसर की गांठ दर्द रहित, सख्त और धीरे बढ़ती है जबकि फोड़ा दर्दनाक, लाल और पस से भरा होता है जो तेजी से आकार लेता है और पककर फूट सकता है।
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कैंसर की गांठ और फोड़े-फुंसी में अंतर कैसे समझें? डॉक्‍टर से जानें


अक्सर लोग शरीर पर किसी भी गांठ या सूजन को देखकर डर जाते हैं और उसे कैंसर से जोड़ने लगते हैं। यह डर स्वाभाविक है क्योंकि कैंसर की गांठ और फोड़े-फुंसी दोनों ही दिखने में एक जैसी प्रतीत हो सकती हैं। लेकिन इनके बीच कई बड़े अंतर होते हैं जो समय रहते पहचाने जाने जरूरी हैं। लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हॉस्‍प‍िटल मैनेजमेंट के एचओडी डॉ राजेश हर्षवर्धन ने बताया क‍ि कैंसर की गांठ पहले दर्द रहित होती है और धीरे-धीरे बढ़ती रहती है, जबकि फोड़े-फुंसी आमतौर पर दर्द, रेडनेस और पस के साथ आते हैं। लोग अक्सर शुरुआती लक्षणों को अनदेखा कर देते हैं जिससे स्थिति बिगड़ सकती है। शरीर की किसी भी नई गांठ को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए क्योंकि समय पर इलाज ही सबसे बड़ा बचाव है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि आप कैसे इनके लक्षणों से अंतर पहचान सकते हैं और कब डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है।

कैंसर की गांठ के लक्षण- Symptoms of a Cancer Lump

  • कैंसर की गांठ सामान्य तौर पर त्वचा के नीचे सख्त महसूस होती है और इसका आकार असमान हो सकता है।
  • यह गांठ धीरे-धीरे बढ़ती रहती है और शुरुआत में कोई दर्द नहीं होता।
  • इसे दबाने पर गांठ अपनी जगह पर बनी रहती है और हिलती नहीं है।
  • कई बार गांठ के आसपास की त्वचा का रंग बदल सकता है या वहां हल्की खुजली या जलन महसूस हो सकती है।
  • यह गांठ शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है, जैसे गर्दन, बगल या स्तन।
  • अगर समय पर जांच न हो, तो यह गांठ आसपास के ट‍िशूज में फैल सकती है।

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फोड़े-फुंसी के लक्षण- Symptoms of Boils or Abscesses

  • फोड़े-फुंसी आमतौर पर बैक्टीरियल इंफेक्‍शन के कारण होते हैं और ये लाल, दर्दनाक और स्पर्श पर गर्म महसूस होते हैं।
  • इनके अंदर पस भरता है जो पकने पर बाहर निकल सकता है।
  • अक्सर इसके आसपास की त्वचा में सूजन और तेज दर्द होता है।
  • कई बार फोड़े-फुंसी के साथ हल्का बुखार, थकान और कमजोरी भी महसूस हो सकती है।
  • यह इंफेक्‍शन, त्वचा पर कहीं भी हो सकता है लेकिन ज्‍यादातर गर्दन, जांघों, कमर या चेहरे पर होता है।

सही इलाज न हो, तो इंफेक्‍शन और बढ़ सकता है और आसपास की त्वचा को भी प्रभावित कर सकता है।

कैंसर की गांठ और फोड़े-फुंसी में अंतर- Difference Between Cancer Lump and Boil

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  1. कैंसर की गांठ में आमतौर पर कोई दर्द नहीं होता या बहुत हल्का दर्द होता है। फोड़ा या फुंसी तेज दर्द देता है, खासकर जब वह पकने लगता है।
  2. कैंसर की गांठ धीरे-धीरे कई हफ्तों या महीनों में बढ़ती है। फोड़ा-फुंसी कुछ ही दिनों में आकार में बढ़ जाता है।
  3. कैंसर की गांठ में पस नहीं होता। फोड़े-फुंसी के अंदर पस भरा होता है, जो पकने पर बाहर निकल सकता है।
  4. कैंसर की गांठ असमान आकार की और कठोर होती है। फोड़ा आमतौर पर गोल और मुलायम किनारों वाला होता है।
  5. कैंसर की गांठ पर त्वचा का रंग सामान्य रहता है या थोड़ा बदरंग हो सकता है। फोड़े-फुंसी पर त्वचा लाल और सूजी हुई नजर आती है।
  6. कैंसर की गांठ त्वचा या अंदरूनी ट‍िशूज से जुड़ी होती है और हिलती नहीं है। फोड़ा दबाने पर हल्का हिल सकता है और उसमें पस भरे होने का एहसास होता है।

डॉक्टर से तुरंत सलाह कब लें?- When to Consult a Doctor Immediately

  • अगर कोई गांठ 2-3 हफ्ते से ज्‍यादा समय तक बनी रहे और आकार में बढ़े।
  • अगर गांठ कठोर हो और उसमें कोई दर्द न हो, या वह त्वचा से जुड़ी महसूस हो।
  • अगर फोड़ा ठीक न हो रहा हो, उसमें पस बढ़ता जा रहा हो या इंफेक्‍शन फैलता नजर आए।
  • अगर गांठ के साथ वजन कम होना, रात में पसीना आना या कमजोरी महसूस हो।
  • अगर फोड़ा बार-बार हो रहा हो या बहुत बड़ा आकार ले रहा हो।
  • कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का समय रहते पता लगाना इलाज को सफल बनाने में मदद करता है। इसलिए किसी भी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

खुद से इलाज करने से बचें- Avoid Self Treatment

फोड़े-फुंसी को घर पर फोड़ना या निचोड़ना, इंफेक्‍शन को और बढ़ा सकता है। इससे आसपास की त्वचा और ट‍िशूज भी प्रभावित हो सकते हैं। कैंसर की गांठ को घरेलू नुस्खों से ठीक करने की कोशिश करना खतरनाक हो सकता है क्योंकि यह समय बर्बाद करता है। बिना डॉक्टर की सलाह लिए किसी भी प्रकार की दवा या क्रीम का इस्तेमाल न करें। डॉक्टर की सलाह पर जांच कराना और समय पर इलाज शुरू करना ही सुरक्षित उपाय है। समय पर की गई बायोप्सी या अल्ट्रासाउंड जांच से सटीक जानकारी मिलती है।

शरीर में किसी भी तरह की गांठ को हल्के में न लें और समय इसका इलाज कराएं। फोड़े-फुंसी आमतौर पर साधारण इंफेक्‍शन होते हैं लेकिन अगर वे बार-बार हों या ठीक न हो रहे हों, तो यह किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है।

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image credit: patientpop.com, alpinesurgical.sg

FAQ

  • गांठ और ट्यूमर में क्या अंतर है?

    गांठ किसी भी प्रकार की उभार या सूजन हो सकती है जबकि ट्यूमर विशेष रूप से असामान्य सेल की ग्रोथ होती है, जो सामान्‍य या घातक हो सकती है।
  • फोड़ा-फुंसी होने का क्या कारण है?

    फोड़ा-फुंसी ज्यादातर बैक्टीरिया के इंफेक्‍शन से होते हैं। यह गंदगी, पसीने या छोटे घावों से बैक्टीरिया प्रवेश करने पर बनते हैं और त्वचा में पस भर जाता है।
  • फोड़े जल्दी कैसे ठीक होते हैं?

    फोड़े को जल्दी ठीक करने के लिए गर्म पानी की सि‍ंकाई करें, सफाई रखें और डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक दवा लें। फोड़े को खुद से न फोड़ें, इससे इंफेक्‍शन बढ़ सकता है।

 

 

 

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