
मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक दिमागी बीमारी है जिसमें सही डाइट देकर मरीजों को तकलीफ से बचाया जा सकता है, आप भी जानिए ऐसे मरीजों की खास डाइट
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों की डाइट कैसी होनी चाहिए? साल के तीसरे महीने मार्च को मल्टीपल स्क्लेरोसिस अवेयरनेस माह के रूप में मनाया जाता है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस को एक दिमागी बीमारी कहा जाता है क्योंकि इस बीामारी का असर सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर होता है। सेंट्रल नर्वस सिस्टम में हमारा दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड, ऑप्टिक नर्व शामिल होती हैं। जिन लोगों को मल्टीपल स्क्लेरोसिस होता है उनका इम्यून सिस्टम नर्वस सिस्टम में मौजूद एक फैटी सब्सटेंस पर अटैक करता है जो कि हमारे नर्वस सिस्टम के लिए जरूरी है इसके चलते इंसान की याद्दाश, उसके देखने की क्षमता आदि पर असर पड़ने लगता है। इसके साथ ही हड्डियां भी कमजोर हो जाती हैं। दिमाग की इस बीमारी के लक्षण को कम रखने का तरीका है कि व्यक्ति एक्टिव रहे। व्यक्ति को एक्टिव रखने के लिए डाइट मदद कर सकती है। कुछ आहार हैं जिन्हें मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों की डाइट में शामिल करना चाहिए और कुछ फूड्स को अवॉइड करना चाहिए। मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यक्तियों के डाइट प्लान पर ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के वेलनेस डाइट क्लीनिक की डाइटीशियन डॉ स्मिता सिंह से बात की।
मल्टीपल स्क्लेरोसिस में क्या खाना चाहिए? (Foods for multiple sclerosis patients)
डॉक्टर ये मानते हैं कि डाइट का असर मल्टीपल स्क्लेरोसिस पर पड़ता है। खाने से ये बीमारी पूरी तरह ठीक तो नहीं हो सकती पर कुछ हद तक इसके लक्षण कम जरूर हो सकते हैं। मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित व्यक्ति की डाइट में विटामिन डी, लो-फैट, प्लांट बेस्ड फूड्स शामिल होने चाहिए। ऐसे मरीजों की डाइट में फाइबर एड करें।
1. विटामिन डी रिच फूड (Vitamin D rich food for multiple sclerosis patients)
अगर आप किसी को जानते हैं जिसे मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी है तो उसे विटामिन डी को डाइट में शामिल करने की सलाह दें। ऑरेंज जूस विटामिन डी का अच्छा स्रोत है। मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों को ऑरेंज जूस दे सकते हैं। एग योक भी विटामिन डी का अच्छा स्रोत है।
2. हल्दी (Turmeric is beneficial in multiple sclerosis)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस में कुछ मरीजों को पेट में जलन की शिकायत होती है। आपको ऐसे फूड्स खाने चाहिए जिससे जलन कम हो। हल्दी के सेवन से जलन कम होती है। हल्दी में एंटी-इंफ्लामेट्ररी गुण होते हैं। इसलिए इस बीमारी में हल्दी का दूध पी सकते हैं।
3. ताजे फल और सब्जियां (Fruits and vegetables)
जिन लोगों को मल्टीपल स्क्लेरोसिस है उनकी डाइट में फल और सब्जियां होनी चाहिए। फल और सब्जियों में मौजूद पोषक तत्व इस बीमारी को बढ़ने नहीं देते। जिन लोगों को ये बीमारी है उन्हें कीवी, केला, पपीता आदि खाना चाहिए इसमें मैग्निशियम की अच्छी मात्रा होती है इसके साथ ही ऐसे मरीजों को कब्ज की शिकायत भी रहती है इसलिए फाइबर रिच फूड को डाइट में शामिल करना चाहिए। सब्जियों में ब्रोकली, पालक, पत्तागोभी आदि फायदेमंद होगी।
4. होल ग्रेन फूड (Whole grain food for multiple sclerosis patients)
जिन फूड्स में रिफाइंड्स कॉर्ब्स की अच्छी मात्रा होती है वो इंसुलीन लेवल बढ़ाते हैं इससे मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण बढ़ जाते हैं। इसलिए प्रोसेस्ड कॉर्ब्स की जगह होल ग्रेन खाना चाहिए। होल ग्रेन खाने से फाइबर की मात्रा बढ़ेगी, ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा। होल ग्रेन फूड्स में ओट्स, ब्राउन राइस आदि शामिल हैं।
5. ओमेगा 3 फैटी एसिड (Omega 3 fatty acid)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित लोगों की डाइट में ओमेगा 3 फैटी एसिड एड करें। मछल में ओमेगा की अच्छी मात्रा होती है अगर वेजिटेरियन हैं तो फ्लेक्स सीड्स खा सकते हैं। इसके अलावा इन मरीजों को प्लांट बेस्ड ऑयल का सेवन करना चाहिए। सैचुरेटेड फैट की जगह ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए। इनके सेवन से कोलेस्ट्रॉल कम होगा।
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मल्टीपल स्क्लेरोसिस में क्या नहीं खाना चाहिए? (Foods to be avoided while suffering from multiple sclerosis)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस से पीड़ित लोग मोटापे का शिकार भी जल्दी होते हैं इसलिए उनकी डाइट में मीठा या सैचुरेटेड फैट एड न होने दें। एल्कोहॉल और कैफीन के सेवन से भी मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों को दूर रखना है नहीं तो परेशानी और बढ़ सकती है। इसके अलावा कोशिश करें कि सोडियम इंटेक कम से कम हो।
1. मीठा और रिफाइंड ग्रेन (Avoid sweets and refined grain in multiple sclerosis)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के दौरान मीठी चीजों से परहेज करना है। इससे ब्लड ग्लूकोज में संतुलन बिगड़ जाता है। कई शोध में मल्टीपल स्क्लेरोसिस में शुगर का नेगेटिव असर होता देखा गया है। चीनी की तरह रिफाइंड ग्रेन से भी दूर रहना चाहिए। इससे भी ब्लड ग्लूकोज बढ़ता है। इन दिनों गाजर का हलवा हर घर में बन रहा है, इसे मरीजों को नहीं देना चाहिए। मल्टीपल स्क्लेरोसिस एक दिमागी बीमारी है इसलिए ऐसे फूड्स अवॉइड करने हैं जसिसे सेल्स डैमेज हों। रिफाइंड ग्रेन में चावल, आलू, सफेद ब्रेड आदि शामिल है।
2. सैचुरेटेड फैट (Avoid saturated fat in multiple sclerosis)
आपको या आपके घर में किसी को मल्टीपल स्क्लेरोसिस की बीमारी है तो आपको सैचुरेटेड फैट अवॉइड करना चाहिए। एक शोध के अनुसार अगर आप लो-सैचुरेटेड फैट खाएंगे तो मल्टीपल स्क्लेरोसिस का रिस्क कम होगा। जिन लोगों को ये बीमारी है उन्हें दिन में 10 से 15 ग्राम से भी कम सैचुरेटेड फैट कंज्यूम करना है।
3. एल्कोहॉल (Multiple sclerosis patients should avoid alcohol)
एल्कोहॉल का नेगेटिव असर सेंट्रल नर्वस सिस्टम पर पड़ता है इसलिए अगर किसी को दिमागी बीमारी या मल्टीपल स्क्लेरोसिस है तो उसे शराब का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए। इस बीमारी के साथ अगर आप शराब का सेवन करेंगे तो डिप्रेशन के चांस बढ़ सकते हैं।
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4. कैफीन और ग्लूटन फूड (Avoid caffeine and gluten rich food)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों को कैफीन युक्त चीजें जैसे चाय, कॉफी को अवॉइड करना है। इससे ब्लैडर में दिक्कत आ सकती है। इसके अलावा मल्टीपल स्क्लेरोसिस में ग्लूटन फूड से भी दूरी बनानी है जैसे आपको सफेद आटा या बार्ले नहीं खाना है उसमें ग्लूटन होता है। ग्लूटन से मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों को एलर्जी भी हो सकती है इसलिए इसे अवॉइड करना चाहिए।
5. फुल फैट दूध और नमक (Multiple sclerosis patients should avoid full fat milk and salt)
मल्टीपल स्क्लेरोसिस के मरीजों के लिए दूध विटामिन डी का अच्छा स्रोत होता है पर ऐसे मरीजों को फुल क्रीम दूध की जगह स्कीम्ड मिल्क देना चाहिए। फुल क्रीम दूध देने से फैट बढ़ सकता है। इसलिए लो-फैट फूड ही दें। इसके अलावा फैट कम करने के लिए ज्यादा नमक को भी अवॉइड करना है। नमक के ज्यादा इंटेक से मल्टीपल स्क्लेरोसिस के लक्षण बढ़ने लगते हैं। फ्रोजन सब्जियां, पैकेज फूड में सोडियम की उच्च मात्रा होती है इसलिए ऐसी चीजों को नहीं खाना चाहिए।
अगर मरीज को किसी चीज से परहेज या कोई मेडिकेशन पर हैं तो डॉक्टर से सलाह लेकर ही डाइट तय करें।
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