
भारतीय स्नैक्स में दाल के वड़े हमेशा एक खास जगह रखते हैं, त्योहारों, खास मौकों या सुबह के हल्के नाश्ते में लोग इन्हें पसंद करते हैं। यह स्वाद में लाजवाब होने के साथ-साथ प्रोटीन और पोषण का भी अच्छा सोर्स होते हैं, लेकिन आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि हर प्रकार के दाल के वड़े समान नहीं होते और इन्हें खाने का सही तरीका और मात्रा जानना बेहद जरूरी है। इसलिए दाल के वड़े सिर्फ स्वादिष्ट स्नैक नहीं हैं, बल्कि सही तरीके से खाने पर यह स्वास्थ्य और पाचन दोनों के लिए लाभकारी होते हैं। इस लेख में हम सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि किस प्रकार के दाल के वड़े कब और कैसे खाने चाहिए ताकि स्वाद के साथ सेहत भी बनी रहे।
दाल के वड़े खाने के फायदे और नुकसान - Dal Vada Benefits And Side Effects
उड़द दाल के वड़े - Urad Dal Vada
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि उड़द दाल के वड़े प्रोटीन का अच्छा सोर्स होते हैं। ये शरीर को एनर्जी प्रदान करते हैं और मांसपेशियों के निर्माण में मददगार होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, उड़द दाल बल्य यानी शरीर में ताकत बढ़ाने वाले गुण वाली मानी जाती है। इसके सेवन से शरीर को ताकत और शक्ति मिलती है।
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उड़द दाल के वड़ों के नुकसान
उड़द दाल के वड़े पचाने में भारी होते हैं, अगर इन्हें ज्यादा खाया जाए या इनका सेवन दही के साथ किया जाए, तो यह एसिडिटी और अपच जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह वात और कफ वायु को बढ़ाकर पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकते हैं। इसलिए उड़द दाल के वड़े हमेशा संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। दाल के वड़े स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इन्हें हमेशा संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। एक-दो वड़े हल्के नाश्ते के लिए ठीक हैं, लेकिन ज्यादा खाने से पेट भारी हो सकता है।
मूंग दाल के वड़े - Moong Dal Vada
उड़द दाल के वड़े के विपरीत, मूंग दाल के वड़े पचाने में हल्के होते हैं और इन्हें लगभग हर कोई आसानी से खा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार मूंग दाल त्रिदोष शामक होती है, यानी यह वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को संतुलित करने में मदद करती है। मूंग दाल के वड़े दिल, पाचन और शरीर के इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी माने जाते हैं।
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आयुर्वेद के अनुसार, हल्की एक्सरसाइज करना और भोजन के बाद थोड़ी देर टहलना भी पेट के लिए फायदेमंद होता है। उड़द दाल के वड़े खाने के बाद अगर एसिडिटी या अपच की समस्या हो, तो अजवाइन या सौंफ का सेवन लाभकारी साबित होता है। दाल के वड़े स्वादिष्ट होते हैं, लेकिन इन्हें हमेशा संतुलित मात्रा में खाना चाहिए। एक-दो वड़े हल्के नाश्ते के लिए ठीक हैं, लेकिन ज्यादा खाने से पेट भारी हो सकता है। मूंग दाल के वड़े बच्चों, बुजुर्गों और व्यस्त वयस्कों के लिए हेल्दी विकल्प होते हैं।
निष्कर्ष
दाल के वड़े भारतीय खाने का स्वाद बढ़ाने वाला स्नैक हैं, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर प्रकार के वड़े की अपनी विशेषता और सावधानी होती है। उड़द दाल के वड़े बल्य और प्रोटीन से भरपूर हैं, लेकिन पचाने में भारी हैं और दही के साथ खाने से एसिडिटी हो सकती है। वहीं मूंग दाल के वड़े हल्के, पचाने में आसान और त्रिदोष शामक हैं। इसलिए यदि आप अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहते हैं, तो दाल के वड़े खाने के सही तरीके और संतुलित मात्रा का पालन करना जरूरी है।
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FAQ
क्या मूंग दाल पचाने में आसान होती है?
मूंग दाल आयुर्वेद के अनुसार सबसे हल्की और पचाने में आसान दाल मानी जाती है। इसे कमजोर पाचन वाले लोग भी खा सकते हैं।क्या मूंग दाल वजन घटाने में मदद करती है?
मूंग दाल में फाइबर और प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और भूख कंट्रोल होती है, जो वजन घटाने में सहायक है।मूंग दाल कब खाना सबसे अच्छा होता है?
मूंग दाल दिन में या शाम के हल्के भोजन में खाना बेहतर होता है। रात में भी हल्का मूंग दाल सूप या खिचड़ी लेना पाचन के लिए फायदेमंद है।
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Oct 21, 2025 17:31 IST
Published By : Akanksha Tiwari