
क्या आपने कभी सोचा है कि जब आप झुकते हैं, उठते हैं, बैठते हैं या चलते हैं, तब असल में कौन सी चीज आपका पूरा शरीर संभाल रही होती है? जवाब है आपकी रीढ़ की हड्डी (Spine)। यह सिर्फ हड्डियों का ढांचा नहीं, बल्कि हमारे पूरे शरीर की मुख्य धुरी है, जो दिमाग से निकलने वाले हर संदेश को शरीर के हिस्सों तक पहुंचाती है। यानी अगर स्पाइन स्वस्थ है तो शरीर और मन, दोनों संतुलित रहते हैं। हर साल 16 अक्टूबर को विश्व रीढ़ दिवस (World Spine Day) मनाया जाता है और इसका मकसद है लोगों को याद दिलाना कि रीढ़ की सेहत भी उतनी ही जरूरी है जितनी दिल या दिमाग की। इस लेख में सीके बिड़ला हॉस्पिटल, जयपुर के डायरेक्टर न्यूरोसर्जरी डॉ. अमित चक्रवर्ती (Dr.Amit Chakrabarty, Director Neurosurgery , CK Birla Hospitals, Jaipur) से जानिए, रीढ़ को मजबूत रखने की आदतें कौन सी हैं?
रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाने के लिए क्या करना चाहिए? - Daily Habits For Healthy Spine
डॉ. अमित चक्रवर्ती बताते हैं कि आज डिजिटल लाइफस्टाइल और लंबे समय तक बैठने की आदत ने स्पाइन डिसऑर्डर को बहुत बढ़ा दिया है। डॉ. अमित चक्रवर्ती कहते हैं, ''रीढ़ की देखभाल केवल तब न करें जब दर्द हो, बल्कि उसे रोजमर्रा की आदतों में शामिल करें।'' यह बात हमें सिखाती है कि अगर हम रोजमर्रा की जिंदगी में थोड़ी सजगता बरतें, तो रीढ़ को कमजोर करने वाली कई बीमारियों से बचा जा सकता है।
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1. एक्टिव
रीढ़ की मजबूती के लिए शरीर को एक्टिव रखना सबसे जरूरी है। रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे तेज चलना, योग या स्ट्रेचिंग आपकी पीठ के मसल्स को मजबूत करती है और लचीलापन बढ़ाती है। डॉ. चक्रवर्ती के अनुसार, ''जो लोग दिनभर बैठकर काम करते हैं, उन्हें हर 45 मिनट में कम से कम 5 मिनट के लिए उठकर टहलना चाहिए।'' यह छोटा बदलाव पीठ के तनाव को काफी कम कर देता है।
2. सही पॉश्चर अपनाएं
लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठना स्पाइनल डिस्क पर दबाव डालता है, जिससे दर्द और सुन्नता हो सकती है। कंप्यूटर पर काम करते समय मॉनिटर आंखों की सीध में होना चाहिए, पीठ सीधी रखनी चाहिए (Best sitting position for spine) और कुर्सी पर कमर को सहारा देना चाहिए। नींद के दौरान भी ध्यान रखें कि तकिया बहुत ऊंचा या नीचा न हो। रीढ़ सीधी स्थिति में रहे, यह जरूरी है।
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3. सजग रहें
हमारा शरीर किसी मशीन की तरह है और उसका सही उपयोग जरूरी है। चाहे आप ऑफिस में हों या घर पर, सही बॉडी मैकेनिक्स का ध्यान रखें। भारी सामान उठाते समय घुटनों को मोड़ें, सीधे झुककर वजन उठाने से बचें।
4. समय पर जांच और इलाज कराएं
पीठ में दर्द, झनझनाहट या पैरों में सुन्नता जैसे लक्षणों को नजरअंदाज न करें। यह स्लिप डिस्क, नर्व कंप्रेशन या स्पाइनल इंफ्लेमेशन का संकेत हो सकता है। डॉ. चक्रवर्ती कहते हैं, ''स्पाइन की समस्याओं में समय पर जांच कराना बेहद जरूरी है। शुरुआती पहचान से सर्जरी की नौबत अक्सर टल सकती है।'' इसलिए नियमित हेल्थ चेकअप और फिजियोथेरपी सलाह बहुत उपयोगी होती है।
5. बचपन से स्पाइन एजुकेशन
रीढ़ की देखभाल की शिक्षा स्कूल से शुरू होनी चाहिए। बच्चों में भारी बैग उठाने की आदत, गलत बैठने का तरीका और मोबाइल का ज्यादा उपयोग, स्पाइन के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
निष्कर्ष
रोजाना की छोटी-छोटी आदतें जैसे एक्टिव रहना, सही पॉश्चर, सावधानी, समय पर जांच और बचपन से शिक्षा, ये पांच बातें आपकी स्पाइन को मजबूत, लचीला बनाए रख सकती हैं। आजकल आधुनिक तकनीक जैसे मिनिमली इनवेसिव सर्जरी, रोबोटिक तकनीक और इन्ट्राऑपरेटिव न्यूरो मॉनिटरिंग ने सर्जरी के रिजल्ट में सुधार लाया है, लेकिन डॉक्टरों का मानना है कि रोकथाम ही सबसे बेहतर इलाज है।
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FAQ
रीढ़ की हड्डी कमजोर होने के कारण क्या हैं?
लंबे समय तक गलत पॉश्चर में बैठना, मोबाइल या लैपटॉप पर झुककर काम करना, एक्सरसाइज की कमी, कैल्शियम और विटामिन D की कमी और मोटापा, ये सभी रीढ़ को कमजोर बनाते हैं।क्या रोजाना एक्सरसाइज करने से रीढ़ मजबूत हो सकती है?
रोजाना 30 मिनट की फिजिकल एक्टिविटी जैसे योग, वॉकिंग या स्ट्रेचिंग करने से स्पाइन के मसल्स मजबूत होते हैं और पीठ दर्द का खतरा कम होता है।क्या गलत तकिया या बेड पर सोने से भी स्पाइन पर असर पड़ता है?
बहुत ऊंचा या बहुत नीचा तकिया गर्दन और रीढ़ के नेचुरल कर्व को बिगाड़ देता है, जिससे दर्द और अकड़न होती है। मीडियम-फर्म गद्दा और पतला तकिया बेहतर विकल्प हैं।
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Oct 16, 2025 13:23 IST
Modified By : Akanksha TiwariOct 16, 2025 13:23 IST
Published By : Akanksha Tiwari