
सर्दियों का मौसम शुरू होते ही हमारे खानपान में बड़ा बदलाव आ जाता है। शरीर को ठंड से बचाने और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए हम ऐसे भोजन की तलाश करते हैं जो शरीर को गर्म रखे और साथ ही पोषण भी दे, लेकिन इस मौसम में एक सवाल अक्सर लोगों के मन में आता है कि क्या सर्दियों में जौ का सेवन करना चाहिए? क्योंकि जौ (Barley) को आयुर्वेद में शीतल तासीर वाला अनाज बताया गया है, जो गर्मियों में शरीर को ठंडक देता है और पाचन सुधारने में मदद करता है। ऐसे में सर्दियों में इसका सेवन फायदेमंद है या नुकसानदायक, यह जानना जरूरी हो जाता है। इस बारे में सही जानकारी के लिए हमने, सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
क्या सर्दियों में जौ का सेवन कर सकते हैं? - Can We Eat Barley In Winter
आयुर्वेदिक डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं, ''आयुर्वेद के अनुसार हर ऋतु का अपना एक अलग आहार-विहार होता है। अगर हम मौसम के अनुसार भोजन नहीं करते, तो शरीर का दोष संतुलन (Vata-Pitta-Kapha balance) बिगड़ जाता है और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। जौ का सेवन सर्दियों में इसीलिए विचार करने योग्य विषय है क्योंकि इसकी तासीर ठंडी होती है।''
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आयुर्वेदाचार्य डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि हल्की ठंड के दिनों में यानी अक्टूबर के अंत से दिसंबर की शुरुआत तक जौ का सेवन किया जा सकता है, क्योंकि उस समय शरीर इसे सहज रूप से पचा सकता है, लेकिन जब कड़ाके की ठंड यानी दिसंबर के आखिरी सप्ताह से फरवरी तक मौसम बहुत ठंडा हो जाता है, तो जौ शरीर का तापमान और कम कर देता है, जिससे सर्दी-जुकाम, खांसी और पाचन संबंधी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
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जौ की तासीर क्या होती है? - Barley Nature Hot Or Cold
आयुर्वेद के अनुसार हर अनाज की अपनी तासीर होती है, कुछ शरीर में गर्मी बढ़ाते हैं तो कुछ ठंडक प्रदान करते हैं। जौ का गुण शीतल (Cooling) बताया गया है। इसका नियमित सेवन गर्मियों में शरीर को ठंडक देता है और पित्त दोष को संतुलित रखता है, लेकिन यही ठंडी तासीर सर्दियों में विपरीत प्रभाव डाल सकती है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें कफ दोष या कमजोर पाचन की समस्या होती है। ऐसे लोगों में जौ गैस, भारीपन, बलगम और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।

सर्दियों में कौन सा अनाज खाएं? - Which Grain To Eat In Winter
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, सर्दियों में जौ की जगह गर्म तासीर वाले अनाज लेना बेहतर विकल्प है।
रागी (Finger Millet): आयरन, कैल्शियम और फाइबर से भरपूर रागी शरीर को गर्म रखती है और हड्डियों को मजबूत बनाती है।
बाजरा (Pearl Millet): शरीर को प्राकृतिक गर्मी देती है और सर्दी-जुकाम से बचाव करती है।
ज्वार (Sorghum): एनर्जी से भरपूर और आसानी से पचने वाला अनाज, जो ठंड में शरीर को स्फूर्ति देता है।
इन अनाजों से बनी रोटियां, दलिया या खिचड़ी ठंड के मौसम में न केवल स्वादिष्ट होती हैं बल्कि शरीर को बैलेंस एनर्जी भी प्रदान करती हैं।
निष्कर्ष
आयुर्वेद में मौसम और शरीर के संतुलन के अनुसार आहार बदलने की सलाह दी गई है। जौ एक पौष्टिक अनाज है, लेकिन इसकी ठंडी तासीर सर्दियों के मध्य में शरीर पर नकारात्मक असर डाल सकती है। इसलिए हल्की ठंड में इसका सेवन सीमित मात्रा में किया जा सकता है, जबकि कड़ाके की ठंड (दिसंबर के अंत से फरवरी तक) में इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
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FAQ
जौ की तासीर ठंडी होती है या गर्म?
आयुर्वेद के अनुसार जौ की तासीर शीतल होती है, इसका सेवन गर्मियों में ज्यादा लाभकारी होता है।जौ किन लोगों के लिए फायदेमंद है?
जौ उन लोगों के लिए अच्छा है जिन्हें पित्त दोष की समस्या रहती है, जिन्हें वजन कंट्रोल रखना है या कोलेस्ट्रॉल घटाना है।क्या जौ वजन कम करने में मदद करता है?
जौ में फाइबर और प्रोटीन अच्छी मात्रा में होते हैं जो लंबे समय तक पेट भरा रखते हैं, जिससे कैलोरी सेवन कम होता है और वजन कंट्रोल में रहता है।
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Oct 27, 2025 13:05 IST
Published By : Akanksha Tiwari