Doctor Verified

क्या सावन में दूध पीना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे-नुकसान

अक्सर यह सवाल सामने आता है कि क्या सावन के महीने में दूध पीना चाहिए या नहीं? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर श्रेय शर्मा से बात की-
  • SHARE
  • FOLLOW
क्या सावन में दूध पीना चाहिए? आयुर्वेदाचार्य से जानें फायदे-नुकसान


सावन का महीना न केवल धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टिकोण से विशेष होता है, बल्कि इसका प्रभाव हमारे शरीर और स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। यह वह समय होता है जब मौसम में आर्द्रता (नमी) बढ़ जाती है और पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है। ऐसे में आयुर्वेद यह सलाह देता है कि खान-पान में कुछ जरूरी बदलाव किए जाएं, ताकि मौसमी बीमारियों से बचा जा सके। इस मौसम में अक्सर यह कहा जाता है कि हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए। ऐसा इसिलए, क्योंकि उनमें कीटाणु और बैक्टीरिया की संभावना अधिक होती है। इसके अलावा ऑयली और भारी भोजन से भी परहेज करना चाहिए। इन्हीं बदलावों के बीच एक आम सवाल लोगों के मन में उठता है कि क्या सावन के महीने में दूध पीना चाहिए? (sawan mein dudh pina chahie ya nahin)। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल, सिरसा के आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा (Ayurvedacharya Shrey Sharma of Ramhans Charitable Hospital, Sirsa) से जानिए, क्या सावन में दूध पीना चाहिए?

क्या सावन में दूध पीना चाहिए? - Should You Drink Milk In Sawan Month

आयुर्वेद में गाय के दूध को सात्त्विक आहार का हिस्सा माना गया है। यह न केवल शरीर को पोषण देता है, बल्कि मन और मस्तिष्क को भी शांत करता है। दूध वात और पित्त दोष को संतुलित करता है और इसे ऊर्जावर्धक, बलवर्धक और रसायन (एंटी-एजिंग) गुणों से भरपूर माना गया है। विशेष रूप से जब इसे रात में सही मात्रा में लिया जाए, तो यह नींद सुधारने, इम्यूनिटी बढ़ाने और मानसिक तनाव को कम करने में मदद करता है।

इसे भी पढ़ें: अर्थराइटिस में हल्‍दी दूध पीने से सेहत को म‍िलते हैं ये 7 फायदे, जानें कब और कैसे करें सेवन

डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, सावन में दूध का सेवन किया जा सकता है, लेकिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी है। सावन का मौसम नमी और वात-प्रकृति को बढ़ाने वाला होता है। इसलिए यदि पाचन कमजोर है या व्यक्ति को बलगम, खांसी, टॉन्सिल या एलर्जी की प्रवृत्ति है, तो ऐसे में दूध को हल्दी या अदरक जैसे वात-कफ शमन करने वाले तत्वों के साथ लेना बेहतर होता है।

दूध पीने का सबसे सही समय क्या है? - doodh pine ka sahi samay kya hai

डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार रात में दूध पीना सर्वोत्तम (doodh pine ka sahi time kya hai) माना गया है। यह शरीर को दिनभर के तनाव से मुक्ति देता है और नींद को बेहतर बनाता है।

  • दूध को कभी भी नमक, खटाई या खिचड़ी के साथ नहीं लेना चाहिए। इससे पाचन में समस्या आ सकती है।
  • दूध को उबालकर और हल्का गुनगुना कर पीना सबसे अच्छा रहता है।

इसे भी पढ़ें: क्या गठिया के रोगी छाछ पी सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें

can we drink milk in sawan month

सावन में दूध पीने के फायदे - Benefits of drinking milk

  1. सावन में वातावरण में जीवाणु और विषाणु ज्यादा एक्टिव होते हैं। दूध में मौजूद विटामिन D, B12 और कैल्शियम शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली यानी इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं।
  2. दूध में मौजूद तत्व सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के निर्माण में मदद करता है। ये दोनों हार्मोन मानसिक स्वास्थ्य और नींद के लिए जरूरी हैं।
  3. बारिश के मौसम में जोड़ों का दर्द और मांसपेशियों की अकड़न आम समस्या होती है। दूध में मौजूद कैल्शियम और फॉस्फोरस हड्डियों को मजबूत बनाते हैं और इन समस्याओं से राहत देते हैं।

किन लोगों को दूध नहीं पीना चाहिए? - kin logo ko dudh nahi peena chahiye

  • जिन्हें लैक्टोज इन्टॉलरेंस है, वे दूध न लें या लैक्टोज-फ्री विकल्प चुनें।
  • जिन्हें बलगम की समस्या होती है, वे दूध में थोड़ा अदरक पाउडर, हल्दी या सोंठ मिलाकर लें।
  • डायरिया या पेट खराब होने की स्थिति में दूध कुछ समय के लिए टाल देना बेहतर होता है।

निष्कर्ष

सावन में दूध पीना आयुर्वेद के अनुसार सुरक्षित और लाभकारी है, बशर्ते कि उसका सेवन सही मात्रा, सही समय और सही तरीके से किया जाए। दूध को कभी भी ठंडा या फ्रिज से निकालकर सीधे नहीं पीना चाहिए। यह न केवल पाचन को नुकसान पहुंचाता है बल्कि शरीर में कफ दोष भी बढ़ा सकता है। रात्रि में गर्म दूध शरीर को आराम और एनर्जी दोनों प्रदान करता है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • दूध को किसके साथ नहीं लेना चाहिए?

    आयुर्वेद के अनुसार, दूध को कुछ चीजों के साथ नहीं मिलाना चाहिए, क्योंकि ये विषाक्त मिश्रण (विरुद्ध आहार) बनाते हैं। जैसे कि दूध और नमक, दूध और खट्टी चीजें (जैसे दही, नींबू), दूध और मछली या मांसाहार, दूध और फल (विशेषकर संतरा, अमरूद)। इनका एक साथ सेवन करने से पाचनतंत्र पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
  • दूध से कब परहेज करना चाहिए?

    दूध का सेवन सभी के लिए फायदेमंद नहीं होता। जिन लोगों को लैक्टोज इन्टॉलरेंस है, उन्हें दूध से परहेज करना चाहिए क्योंकि इससे गैस, पेट दर्द या दस्त हो सकते हैं। साथ ही, अगर किसी को बलगम, खांसी, साइनस या जुकाम की समस्या है, तो दूध कफ बढ़ा सकता है। दूध को खट्टी या नमकीन चीजों के साथ नहीं लेना चाहिए, वरना यह विषाक्त प्रभाव दे सकता है। 
  • रात के खाने और दूध के बीच कितना समय गैप होना चाहिए?

    आयुर्वेद के अनुसार, रात के खाने और दूध पीने के बीच कम से कम 1 से 1.5 घंटे का अंतर होना चाहिए। यह गैप इसलिए जरूरी है ताकि खाना सही से पच सके और दूध पेट में जाकर कफ या अपच न बढ़ाए। दूध को भोजन के तुरंत बाद लेने से पाचन क्रिया धीमी हो सकती है और गैस, भारीपन या एसिडिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए पहले हल्का भोजन करें और फिर थोड़ा समय देकर गुनगुना दूध पीना स्वास्थ्य के लिए अधिक लाभकारी होता है।

 

 

 

Read Next

मोरिंगा पाउडर कितनी मात्रा में लें? आयुर्वेदाचार्य से जानें सही डोज और फायदे

Disclaimer

TAGS