बारिश हो या ठंड, अर्थराइटिस (गठिया) के मरीजों को जोड़ों के दर्द, सूजन और जकड़न से अक्सर परेशानी होती है। दवाओं के साथ अगर कोई घरेलू नुस्खा राहत दे, तो वह है हल्दी वाला दूध, जिसे आयुर्वेद में गोल्डन मिल्क के नाम से जाना जाता है। लखनऊ के विकास नगर में स्थित न्यूट्रिवाइज क्लीनिक की न्यूट्रिशनिस्ट नेहा सिन्हा ने बताया कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन (Curcumin) एक शक्तिशाली एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व है, जो जोड़ों की सूजन को कम करने में मदद करता है। वहीं दूध, कैल्शियम और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है। इन दोनों का मेल, गठिया के दर्द को कम करने के साथ-साथ शरीर की इम्यूनिटी को बढ़ाने में भी मदद करता है। यह नुस्खा सिर्फ जोड़ों के लिए ही नहीं, बल्कि नींद सुधारने, शरीर को डिटॉक्स करने और स्किन हेल्थ तक में फायदेमंद माना जाता है। खासकर अगर हल्दी को दूध में पकाकर सोने से पहले पिया जाए, तो इसके फायदे और बढ़ जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि अर्थराइटिस में हल्दी दूध किस तरह फायदा पहुंचाता है, इसे कब और कैसे सेवन करना चाहिए, और किन सावधानियों का रखना जरूरी है।
1. हल्दी दूध पीने से सूजन और दर्द से राहत मिलती है- Relief from Inflammation and Pain
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन तत्व प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी होता है। यह जोड़ों में बनी सूजन को कम करता है और दर्द से राहत देता है। नियमित सेवन से जोड़ों की कठोरता में भी सुधार देखा गया है।
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2. जोड़ों की गति और लचीलापन बढ़ाता है हल्दी का दूध- Haldi Milk Improves Joint Mobility and Flexibility
हल्दी दूध जोड़ों के मूवमेंट को बढ़ाता है। करक्यूमिन हड्डियों के आसपास के टिशूज को पोषण देकर उन्हें लचीला बनाता है, जिससे चलने-फिरने में आसानी होती है।
3. हड्डियों को मजबूत बनाता है हल्दी का दूध- Haldi Milk Strengthens Bones
दूध में मौजूद कैल्शियम और विटामिन-डी, हल्दी के साथ मिलकर हड्डियों को मजबूती देता है। यह गठिया से जुड़ी हड्डियों की कमजोरी को धीरे-धीरे कम करता है।
4. इंफेक्शन से बचाता है हल्दी का दूध- Haldi Milk Protects from Infections
हल्दी में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण होते हैं। यह शरीर को अंदर से साफ करता है और अर्थराइटिस के मरीजों में इंफेक्शन के खतरे को कम करता है, जो अक्सर इम्यून सिस्टम कमजोर होने से होता है।
5. बेहतर नींद के लिए फायदेमंद है हल्दी का दूध- Haldi Milk Promotes Better Sleep
अर्थराइटिस में नींद की कमी एक आम समस्या होती है। हल्दी वाले दूध का सेवन रात में करने से नींद की गुणवत्ता बेहतर होती है। यह शरीर को रिलैक्स करता है और दिमाग को शांत करता है।
6. इम्यूनिटी बूस्ट करता है हल्दी का दूध- Haldi Milk Boosts Immunity
हल्दी दूध का नियमित सेवन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है। गठिया एक ऑटोइम्यून बीमारी है, ऐसे में मजबूत इम्यून सिस्टम, अर्थराइटिस के लक्षणों को अचानक से बढ़ने से रोकने में मदद करता है।
7. आंतरिक सूजन को कम करता है हल्दी का दूध- Haldi Milk Reduces Internal Inflammation
हल्दी का दूध सिर्फ जोड़ों की नहीं, बल्कि शरीर के अन्य अंगों में होने वाली सूजन को भी कम करता है। यह आंत, लिवर और स्किन से जुड़ी सूजन में भी राहत देता है, जिससे पूरे शरीर को आराम मिलता है।
अर्थराइटिस में हल्दी के दूध का सेवन कब और कैसे करें?- How to Consume Haldi Milk in Arthritis
- सोने से 30 मिनट पहले पिएं हल्दी का दूध।
- गुनगुना दूध लें, ज्यादा गर्म दूध न पिएं।
- 1 कप दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर का सेवन करें।
- हल्दी के दूध में काली मिर्च जरूर मिलाएं। इससे फायदे दोगुना हो जाएंगे।
- हल्दी वाले दूध को चीनी, शहद या गुड़ के बिना ही पिएं।
- हल्दी का दूध हमेशा रात के खाने के कम से कम 1 घंटे बाद लें, ताकि पाचन पर दबाव न पड़े।
- पहले हफ्ते में 3-4 बार ही लें। जब शरीर को आदत हो जाए तब इसे रोजाना पी सकते हैं।
- हल्दी के साथ दूध में लौंग, दालचीनी जैसे मसाले भी मिलाए जा सकते हैं। इन मसालों में भी एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो अर्थराइटिस में दर्द और सूजन को कम करने में मदद करते हैं।
अर्थराइटिस जैसी पुरानी जोड़ों की बीमारी में हल्दी का दूध पीना फायदेमंद साबित हो सकता है। इसमें मौजूद करक्यूमिन और दूध के पोषक तत्व मिलकर सूजन, दर्द और जकड़न को कम करने में मदद करते हैं।
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FAQ
हल्दी वाला दूध किसे नहीं पीना चाहिए?
जिन लोगों को दूध से एलर्जी है, लैक्टोज इनटॉलरेंस है या खून पतला करने की दवा ले रहे हैं, उन्हें हल्दी वाला दूध नहीं पीना चाहिए। पित्त बढ़ाने वाली समस्याओं में भी इससे परहेज करें।हल्दी और दूध गठिया के लिए अच्छा है?
जी हां, हल्दी और दूध का मिश्रण, गठिया में बहुत फायदेमंद है। यह सूजन, दर्द और जकड़न को कम करता है, हड्डियों को मजबूत बनाता है और इम्यूनिटी को बढ़ाता है।अर्थराइटिस में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए?
खाने में ओमेगा-3 युक्त फूड्स, हल्दी, हरी सब्जियां और फल को शामिल करें। तली-भुनी चीजें, शुगर, रेड मीट और प्रोसेस्ड फूड से बचें, ये सूजन को बढ़ा सकते हैं।