समय के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। इन बदलावों का असर शरीर की हिस्सों पर सकारात्मक और नकारात्मक दोनों तरह से हो सकता है। इस तरह के कुछ नकारात्मक बदलावों की वजह से शरीर में आटोइम्यून डिसऑर्डर होने की संभावना भी बढ़ जाती है। गठिया को भी ऑटोइम्यून डिसऑर्डर की लिस्ट में शामिल किया जाता है। इसमें व्यक्ति को जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न की समस्या होती है। यह बीमारी बढ़ती उम्र, असंतुलित जीवनशैली और पोषण की कमी के कारण होती है। ऐसे में खानपान में क्या शामिल किया जाए और क्या नहीं, यह जानना बहुत जरूरी हो जाता है। एक आम सवाल जो अक्सर गठिया से पीड़ित लोगों के मन में आता है, कि "क्या छाछ पीना गठिया रोगियों के लिए फायदेमंद है?" आइए इस लेख मुरैना के सरकारी अस्पताल की आयुर्वेदाचार्य डॉ सोनल गर्ग से जानते हैं कि गठिया में छाछ पीनी चाहिए या नहीं, और इसके फायदे व सावधानियां क्या हैं।
क्या गठिया के रोगी छाछ पी सकते हैं? - Can Arthritis Patient Drink Buttermilk In Hindi
छाछ (Buttermilk) दही से तैयार की जाने वाली एक पारंपरिक भारतीय पेय है, जिसे मथ कर पानी मिलाकर बनाया जाता है। इसमें फैट कम होता है और यह पाचन के लिए बहुत फायदेमंद मानी जाती है। इसमें प्रोबायोटिक्स, कैल्शियम, पोटैशियम, और विटामिन B12 जैसे कई पोषक तत्व होते हैं। हालांकि, कुछ बीमारी से पीड़ित लोगों को छाछ पीने के लिए माना किया जाता है। फिलहाल आगे जानते हैं कि गठिया होने पर छाछ का सेवन किया जा सकता है।
सूजन को कम करने में सहायक
छाछ में प्राकृतिक रूप से मौजूद प्रोबायोटिक तत्व आंतों की सेहत सुधारते हैं और इससे शरीर में सूजन को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है। कई प्रकार के गठिया जैसे रूमेटॉइड अर्थराइटिस(RA) में आंत की सेहत बिगड़ने से सूजन और इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी होती है। ऐसे में छाछ शरीर के इम्यून रिस्पॉन्स को संतुलित कर सकती है।
पाचन में सुधार
गठिया के मरीजों को कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याएं ज्यादा होती हैं। छाछ का सेवन पाचन एंजाइम्स को सक्रिय करता है, जिससे भोजन जल्दी पचता है और शरीर हल्का महसूस करता है।
हड्डियों के लिए लाभकारी
छाछ में कैल्शियम की मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत करने में मदद करता है। गठिया के मरीजों को हड्डियों में दर्द और कमजोरी की समस्या रहती है, ऐसे में यह एक नैचुरल सपोर्ट देता है।
वजन नियंत्रण में सहायक
गठिया में वजन बढ़ना एक बड़ी समस्या हो सकती है, क्योंकि ज्यादा वजन जोड़ों पर दबाव बढ़ाता है। छाछ में फैट कम होता है और यह भूख को नियंत्रित करने में मदद करता है, जिससे वजन घटाने में सहायता मिलती है।
गठिया में कैसे और कब पिएं छाछ? - How To Drink Buttermilk In Hindi
- दोपहर के समय छाछ का सेवन सबसे उपयुक्त होता है। यह समय पाचन के लिए सबसे अच्छा होता है।
- छाछ में हींग, भुना जीरा, पुदीना और काली नमक मिलाकर पीना गठिया के मरीजों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद होता है। यह गैस और सूजन से राहत देता है।
- बहुत ज्यादा ठंडी या फ्रिज से निकाली हुई छाछ से बचें।
- रोजाना 1 गिलास (200-250 ml) छाछ पर्याप्त होती है।
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गठिया के रोगियों को नियमति रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए, इससे हाथ पैरों का मूवमेंट बना रहता है। छाछ एक स्वास्थ्यवर्धक पेय है जो सही तरीके से और सीमित मात्रा में लिया जाए तो गठिया के मरीजों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। यह पाचन सुधारता है, सूजन को कम कर सकता है और शरीर को ठंडक देता है। हालांकि, हर व्यक्ति की स्थिति अलग होती है इसलिए अगर किसी को छाछ से दिक्कत होती है तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लेना चाहिए।
FAQ
गठिया किसकी कमी से होता है?
कुछ पोषक तत्वों की कमी, जैसे कि विटामिन डी और कैल्शियम, हड्डियों और जोड़ों के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है, जिससे गठिया का खतरा बढ़ सकता है।गठिया में क्या परहेज करना चाहिए?
गठिया (Arthritis) में, कुछ खाद्य पदार्थों और आदतों से परहेज करना महत्वपूर्ण है जो जोड़ों में सूजन और दर्द को बढ़ा सकते हैं। इसमें ज्यादा शराब पीने, तला भूना आहार, चीनी, प्रोसेस्ड फूड, ठंडी चीजों को खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है।गठिया के रोगी के लिए कौन सी एक्सरसाइज करनी चाहिए?
गठिया होने पर व्यक्ति को घुटनों और हाथों से जुड़ी एक्सरसाइज करनी चाहिए। इस दौरान साइकिलिंग, तैराकी और प्राणायाम करने से फायदा होता है।