मानसून का मौसम जहां एक ओर हरियाली, ताजगी और राहत लेकर आता है, वहीं दूसरी ओर यह कुछ बीमारियों, खासकर जोड़ों से जुड़ी समस्याओं के लिए चुनौती बन जाता है। बारिश के दौरान गठिया यानी Arthritis के मरीजों को अक्सर जोड़ों में दर्द, सूजन और जकड़न की परेशानी बढ़ जाती है। ऐसे में भोजन का चयन और परहेज बहुत अहम हो जाता है। यदि, इस मौसम में वात बढ़ाने वाले आहार का सेवन किया जाए तो यह जोड़ों में दर्द की बड़ी वजह बन सकता है। इस लेख में एसेंट्रिक्स डाइट क्लीनिक की डाइटिशियन शिवाली गुप्ता से जानते हैं कि क्या मानसून में गठिया के मरीज अरबी खा सकते हैं।
अरबी एक जड़ वाली सब्जी है जिसे अंग्रेजी में Taro Root कहा जाता है। यह भारत के कई हिस्सों में मानसून और बरसात के मौसम में खूब खाई जाती है। अरबी में कई जरूरी पोषक तत्व पाए जाते हैं। इसमें मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर करता है। वहीं विटामिन सी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता है। साथ ही अरबी में पोटैशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स पाएं जाते हैं। लेकिन साथ ही, अरबी की प्रकृति भारी और चिकनाई युक्त होती है, जो पाचन में कठिनाई पैदा कर सकती है, खासकर उन लोगों के लिए जिनकी पाचन शक्ति कमजोर होती है। साथ ही अर्थराइटिस यानी गठिया के मरीजों के लिए यह जोड़ों के दर्द को बढ़ाने में मदद कर सकती है। ऐसे में गठिया रोगी को गठिया खाने से दूरी बनाने की सलाह दी जाती है।
गठिया रोगियों के लिए मानसून में सावधानियां - Monsoon precautions for arthritis patients
- गठिया रोगियों को बरसात के मौसम में कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है:
- वातावरण की नमी जोड़ों में सूजन बढ़ा सकती है
- पाचन शक्ति कमजोर हो सकती है
- भारी और तली-भुनी चीजें जोड़ों की सूजन को बढ़ा सकती हैं
- वात (Vata) दोष बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए
- गठिया मुख्यतः वात विकार होता है और मानसून में वात बढ़ने की प्रवृत्ति रहती है। ऐसे में वातकारक चीजें जैसे अधिक तैलीय, खट्टी और भारी चीजें परेशानी का कारण बन सकती हैं।
क्या अरबी गठिया रोगियों को खानी चाहिए? - Should arthritis patients eat Arbi?
अरबी एक पोषक तत्वों से भरपूर सब्जी है, लेकिन इसकी प्रकृति वातवर्धक और भारी मानी जाती है। इसलिए गठिया (विशेषकर अर्थराइटिस) से पीड़ित लोगों को इसे खाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि, स्वस्थ लोगों में यह सूजन को कम करने में मदद कर सकती है। लेकिन, जिन लोगों को जोड़ों में दर्द या अकड़न है उनको इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
किन परिस्थितियों में अरबी बिल्कुल नहीं खानी चाहिए?
- यदि आपको बार-बार गैस, एसिडिटी या कब्ज की शिकायत रहती है
- अगर जोड़ों में पहले से सूजन और तेज दर्द हो रहा हो
- अगर आपने अरबी खाने पर पहले भी परेशानी महसूस की हो
- यदि आप बहुत कम शारीरिक गतिविधि करते हैं
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अरबी एक पौष्टिक सब्जी है, लेकिन गठिया के मरीजों के लिए यह एक सतर्कता से खाने वाली चीज है। अगर सही मात्रा में, सही विधि से और कुछ संतुलन के साथ खाई जाए तो यह नुकसान नहीं करती। लेकिन अगर आप अरबी को तली हुई, मसालेदार या खट्टी चीजों के साथ खाते हैं, तो यह निश्चित रूप से गठिया के लक्षणों को बढ़ा सकती है।
FAQ
गठिया के मरीज को क्या नहीं खाना चाहिए?
प्रोसेसड फूड, अधिक नमक वाले खाद्य पदार्थ, तले हुई चीजें, अधिक चीनी और कुछ प्रकार की सब्जियां जैसे कि टमाटर, बैंगन, और आलू आदि का सीमित मात्रा में सेवन करना चाहिए।गठिया में चावल खाना चाहिए या नहीं?
गठिया की सूजन को खराब होने से बचाने के लिए रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट की जगह पौष्टिक जटिल कार्बोहाइड्रेट जैसे साबुत अनाज, जई या भूरे चावल का सेवन करने पर विचार करें। इस रोग में चावल कम खाने की सलाह दी जाती है।गठिया रोग में कौन सा जूस पीना चाहिए?
अनानास और गाजर के जूस में एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, जो सूजन पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स को बेअसर कर सकता है।
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