Is it safe to drink milk during arthritis: गठिया एक गंभीर रोग होता है। कुछ लोगों को इस रोग की वजह से रोजाना के काम करने में भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। गठिया (Arthritis) एक ऐसी स्थिति है जिसमें मरीज के जोड़ों में सूजन (Inflammation in Joints) और तेज दर्द होता है। यह बीमारी मुख्य रूप से वृद्धावस्था में अधिक होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र में हो सकती है। यह एक तरह का ऑटोइम्यून डिजीज है, जो अनुवांशिक व अन्य कारणों की वजह से होते हैं। गठिया के रोगियों के लिए आहार का विशेष ध्यान रखना आवश्यक होता है क्योंकि कुछ खाद्य पदार्थ इस स्थिति को और भी बिगाड़ सकते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या गठिया के दौरान दूध पीना सुरक्षित है या नहीं। इस लेख में डाइटिशियन लवनीत गुप्ता से जानते हैं कि क्या गठिया होने पर दूध का सेवन किया जा सकता है।
क्या गठिया होने पर दूध का सेवन किया जा सकता है? - Is It Safe To Drink Milk During Arthritis In Hindi
गठिया के दौरान व्यक्ति की डाइट का पूरी तरह से ध्यान रखना आवश्यक होता है। दरअसल, बाय बादी वाली चीजों को खाने से व्यक्ति को हाथ-पैरों में तेज दर्द की शिकायत हो सकती है। वहीं, इस समस्या में दूध पीने को लेकर भी अलग-अलग तरह के मत हैं। कुछ लोग गठिया में दूध पीना बेहतर मानते हैं, जबकि कुछ लोग इससे न पीने क सलाह देते हैं। लेकिन, इस विषय पर कोई एक निश्चित रिसर्च नहीं की गई। कुछ लोग दूध को यूरिक एसिड को बढ़ाने वाला मानकर इसे न पीने की सलाह देते हैं। लेकिन कुछ लोग दूध के हड्डियों को मजबूत होने वाले तत्वों की बात करते हैं। आगे जानते हैं दूध किस तरह गठिया वालों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
हड्डियों के लिए दूध से मिलने वाले पोषक तत्व
दूध हमारे आहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसमें कई पोषक तत्व होते हैं जो हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं। इसमें कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी, राइबोफ्लेविन, फॉस्फोरस, और अन्य मिनरल्स होते हैं। कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होते हैं, और प्रोटीन हमारे शरीर की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
गठिया और कैल्शियम का महत्व
गठिया के मरीजों के लिए हड्डियों का स्वास्थ्य बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस बीमारी में हड्डियों की कमजोरी भी हो सकती है। कैल्शियम (Calcium) हड्डियों को मजबूत बनाए रखने में मदद करता है, जिससे यह गठिया के मरीजों के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो हड्डियों की कमजोरी और गठिया के लक्षणों में बढ़ोतरी हो सकती है।
गठिया के प्रकार और दूध का सेवन - Types Of Arthritis And Drink Milk
गठिया के विभिन्न प्रकार होते हैं, जैसे ऑस्टियोआर्थराइटिस (Osteoarthritis) और रूमेटॉइड आर्थराइटिस (Rheumatoid Arthritis )। ऑस्टियोआर्थराइटिस में हड्डियों के बीच की कार्टिलेज धीरे-धीरे खराब हो जाती है, जिससे दर्द और अकड़न होती है। वहीं, रूमेटॉइड आर्थराइटिस में इम्यून सिस्टम हड्डियों पर हमला करता है, जिससे सूजन और दर्द होता है।
ऑस्टियोआर्थराइटिस के मरीजों के लिए दूध का सेवन फायदेमंद हो सकता है क्योंकि इसमें मौजूद कैल्शियम और विटामिन डी हड्डियों को मजबूत बनाते हैं। लेकिन रूमेटॉइड आर्थराइटिस के मरीजों के लिए दूध का सेवन सूजन को बढ़ा सकता है, इसलिए उन्हें इसका सेवन करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
दूध के विकल्प
अगर किसी व्यक्ति को दूध से एलर्जी है या फिर वह रूमेटॉइड आर्थराइटिस से पीड़ित है, तो वह दूध के अन्य विकल्प जैसे सोया मिल्क, बादाम मिल्क, या नारियल मिल्क का सेवन कर सकता है। इन विकल्पों में भी कैल्शियम और अन्य पोषक तत्व होते हैं, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
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हर व्यक्ति का शरीर अलग होता है, इसलिए किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी होता है। गठिया के मरीजों को खासतौर पर अपने डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए कि उनके लिए दूध का सेवन सुरक्षित है या नहीं। डॉक्टर आपके शरीर की स्थिति और गठिया के प्रकार के अनुसार सही सुझाव दे सकते हैं।