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पेट के अल्सर में छाछ पीना फायदेमंद है या नहीं? आयुर्वेदाचार्य से जानें

तेजी से बदलती लाइफस्टाइल, अनियमित खानपान, ज्यादा मसालेदार भोजन, धूम्रपान, शराब और तनाव जैसी आदतों के कारण आज पेट की बीमारियां बहुत आम हो गई हैं। यहां जानिए, पेट के अल्सर में छाछ पी सकते हैं क्या?
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पेट के अल्सर में छाछ पीना फायदेमंद है या नहीं? आयुर्वेदाचार्य से जानें


आज के समय में खराब खानपान, देर रात खाना, जंक फूड का ज्यादा सेवन, ज्यादा मात्रा में चाय-कॉफी पीना और तनाव से भरी लाइफस्टाइल लोगों के पाचन तंत्र पर सीधा असर डाल रही है। इसी वजह से पेट से जुड़ी समस्याएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जिनमें गैस, अपच, एसिडिटी और पेट का अल्सर (Stomach Ulcer) आम हो गया है। खासकर गर्मी के मौसम में जब शरीर में गर्मी और अम्लता (Acidity) बढ़ जाती है, तब पेट की भीतरी परत पर घाव यानी अल्सर बनने की संभावना ज्यादा होती है। पेट में अल्सर की समस्या में जलन, सीने में दर्द, खट्टी डकार, भूख में कमी और कभी-कभी खून की उल्टी जैसे गंभीर लक्षण भी देखने को मिलते हैं। ऐसी स्थिति में खानपान बहुत सोच-समझकर करने की जरूरत होती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि गलत भोजन अल्सर की तकलीफ को बढ़ा सकता है।

ऐसे में लोगों के मन में यह सवाल अक्सर उठता है कि क्या पेट के अल्सर की समस्या में छाछ (Buttermilk) का सेवन करना सुरक्षित है या नहीं? इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि पेट के अल्सर में छाछ पीना कितना फायदेमंद है, इसे कैसे और कब लेना चाहिए, साथ ही इसके फायदे और सावधानियों को भी विस्तार से समझेंगे।

क्या अल्सर में छाछ पी सकते हैं? - Can We Drink Buttermilk In Stomach Ulcer

आयुर्वेद के अनुसार छाछ (तक्र) पाचन के लिए अत्यंत हितकारी होती है। यह पाचन शक्ति को मजबूत करती है और शरीर को ठंडक देती है। डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, 'अगर अल्सर हल्का है, जैसे कि पेट में हल्की जलन, भूख न लगना, खट्टी डकारें या गैस की समस्या है, तो ऐसे में सादी छाछ का सेवन लाभकारी हो सकता है। लेकिन अगर किसी को अल्सर की वजह से खूनी उल्टी, पेट में तीव्र सूजन या तेज दर्द हो रहा है, तो छाछ पीने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।' छाछ में नमक, भुना जीरा, मिर्च या मसाले न डालें और फ्रिज से निकली छाछ तुरंत न लें। कमरे के तापमान पर थोड़ी देर रखें। छाछ को मुख्य भोजन के बाद या दोपहर में लिया जाए तो ज्यादा फायदेमंद होता है।

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पेट के हल्के अल्सर में छाछ पीने के फायदे - Benefits of drinking buttermilk in mild stomach ulcers

1. पाचन में मददगार

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स आंतों के लिए लाभकारी होते हैं और यह पाचन को बेहतर बनाते हैं, जिससे पेट की जलन और गैस की समस्या कम होती है।

2. गर्मी को शांत करे

छाछ शरीर को ठंडक देती है, जिससे गर्मी के कारण होने वाले एसिडिटी और जलन जैसे लक्षणों से राहत मिलती है।

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3. अल्सर में सूजन कम करे

सादा छाछ हल्के अल्सर की स्थिति में पेट की सूजन को कम कर सकती है और पेट की परत को शांत कर सकती है।

4. डिहाइड्रेशन से बचाए

अल्सर की स्थिति में कई बार पसीना ज्यादा आता है या डिहाइड्रेशन की संभावना रहती है, ऐसे में छाछ शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखती है।

Can We Drink Buttermilk In Stomach Ulcer

किन हालातों में छाछ नहीं पीनी चाहिए

  • खूनी उल्टी या मल में खून आने की स्थिति में छाछ नहीं पीनी चाहिए। यह गंभीर अल्सर का संकेत है। ऐसे में छाछ नुकसान कर सकती है।
  • पेट में तेज सूजन या जलन हो तो इसका सेवन न करें। जब पेट का अल्सर बढ़ चुका हो, उस स्थिति में किसी भी ठंडी ड्रिंक से पहले डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
  • एंटीबायोटिक दवाइयों के साथ इसका सेवन करने से बचें। कई बार छाछ दवाओं के असर को कम कर सकती है, खासकर एंटीबायोटिक्स के साथ।

निष्कर्ष

पेट के हल्के अल्सर में छाछ का सेवन सुरक्षित और फायदेमंद हो सकता है, बशर्ते वह सादी, ताजा और सीमित मात्रा में ली जाए। आयुर्वेद के अनुसार, छाछ पाचन को सुधारने में सहायक होती है और शरीर की गर्मी को शांत करती है। लेकिन यदि अल्सर गंभीर है, तो बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी चीज, यहां तक कि छाछ का सेवन नहीं करना चाहिए।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • पेट में अल्सर की क्या पहचान है?

    पेट में अल्सर होने पर व्यक्ति को पेट के ऊपरी हिस्से में जलन या दर्द महसूस होता है, जो आमतौर पर खाली पेट में ज्यादा होता है। इसके अलावा पेट में भारीपन, खट्टी डकारें, मतली, उल्टी, भूख में कमी, ब्लोटिंग और भूख लगने के बावजूद जल्दी पेट भरने का एहसास हो सकता है। गंभीर मामलों में मल या उल्टी में खून आ सकता है, जो कि खतरनाक संकेत हैं। 
  • पेट का अल्सर ठीक होने में कितना दिन लगता है?

    पेट के अल्सर के प्रकार और गंभीरता के आधार पर इसके ठीक होने में अलग-अलग समय लग सकता है। सामान्यतौर पर यदि अल्सर हल्का हो और समय पर इलाज शुरू हो जाए तो यह 2 से 6 सप्ताह में ठीक हो सकता है। डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं, उचित खानपान और स्ट्रेस मैनेजमेंट से यह प्रक्रिया तेज होती है। लेकिन अगर अल्सर ज्यादा पुराना या गंभीर हो, तो इसे ठीक होने में कई महीने भी लग सकते हैं।
  • मुंह में अल्सर क्यों होता है?

    मुंह में अल्सर यानी छाले कई कारणों से हो सकते हैं। सबसे आम कारण है पोषण की कमी, खासकर विटामिन B12, आयरन और फोलिक एसिड की कमी। इसके अलावा तेज मसालेदार खाना, ज्यादा गर्म चीजें या मुंह काट जाना भी अल्सर का कारण बन सकता है। तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव और दांतों की सफाई में लापरवाही भी इसका कारण बन सकते हैं। यदि अल्सर बार-बार हो रहे हों तो डॉक्टर से जांच करवाना जरूरी है।

 

 

 

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