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यूरिन के रंग से जानें डिहाइड्रेशन की स्थिति, जानें कब सतर्क होना जरूरी?

डिहाइड्रेशन गर्मियों के समय में एक आम समस्या है लेकिन कई बार लोगों को लंबे समय तक इसका पता भी नहीं चल पाता है। यहां जानिए, यूरिन के रंग और डिहाइड्रेशन के बीच कनेक्शन क्या है?
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यूरिन के रंग से जानें डिहाइड्रेशन की स्थिति, जानें कब सतर्क होना जरूरी?


गर्मी के मौसम में शरीर को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है, क्योंकि तेज धूप, ज्यादा पसीना और गर्मी के कारण शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है। इसका सीधा असर हमारे शरीर की हाइड्रेशन लेवल पर पड़ता है। जब शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है, तो उसे डिहाइड्रेशन कहा जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें शरीर अपने सामान्य कार्य करने में असमर्थ होने लगता है। लेकिन समस्या यह है कि अधिकतर लोगों को यह पता ही नहीं चलता कि वे डिहाइड्रेटेड हैं। डिहाइड्रेशन के लक्षण जैसे थकावट, सिरदर्द, चक्कर आना या मुंह सूखना तो आम हैं, लेकिन एक सबसे आसान और शुरुआती संकेत है यूरिन का रंग। जी हां, पेशाब का रंग देखकर आप यह समझ सकते हैं कि आपके शरीर में पानी की कमी हो रही है या नहीं।

इस लेख में हम एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से विस्तार से जानेंगे कि यूरिन के रंग और डिहाइड्रेशन के बीच कनेक्शन क्या है? डिहाइड्रेशन को कैसे समय रहते पहचाना जाए और गर्मी के मौसम में शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

यूरिन के रंग और डिहाइड्रेशन के बीच कनेक्शन क्या है? - Link Between Urine And Dehydration

डिहाइड्रेशन तब होता है जब शरीर को उतना पानी नहीं मिल पाता जितना उसे सामान्य कार्यों के लिए चाहिए होता है। हमारी बॉडी में एक बड़ा हिस्सा पानी का होता है और यह पसीने, सांस, मूत्र और मल के जरिए बाहर निकलता रहता है। जब हम पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं पीते या अधिक पसीना आता है, उल्टी-दस्त या बुखार जैसी समस्याएं होती हैं, तो शरीर में पानी की कमी हो जाती है। यह स्थिति कई बार गंभीर हो सकती है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और बीमार व्यक्तियों के लिए।

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मूत्र का रंग डिहाइड्रेशन का सबसे पहला और अहम संकेत होता है। आमतौर पर जब शरीर हाइड्रेटेड होता है, तो पेशाब का रंग हल्का पीला या पानी जैसा पारदर्शी होता है। लेकिन जैसे-जैसे शरीर में पानी की कमी होती है, मूत्र का रंग गाढ़ा पीला, शहद जैसा या कभी-कभी भूरे रंग का हो जाता है।

  • पारदर्शी या हल्का पीला रंग संकेत देता है कि शरीर अच्छी तरह हाइड्रेटेड है।
  • गहरा पीला या ऐंबर रंग का मतलब है कि आपको ज्यादा पानी पीने की जरूरत है। यह हल्के डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है।
  • नारंगी या गाढ़ा भूरा रंग स्पष्ट संकेत है कि शरीर में पानी की गंभीर कमी हो रही है। साथ ही यह किडनी संबंधी समस्या या लिवर डिजीज का भी लक्षण हो सकता है।
  • शरीर जब बहुत अधिक डिहाइड्रेटेड होता है तो पेशाब में तीखी गंध और गाढ़ापन आ जाता है। डिहाइड्रेशन की स्थिति में पेशाब की गंध तीखी या अमोनिया जैसी हो सकती है। शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा रहने पर यूरिन की गंध हल्की या लगभग न के बराबर होती है।

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link between urine and dehydration

डिहाइड्रेशन से बचाव के उपाय - How can you prevent dehydration

  • दिन में कम से कम 8 से 10 गिलास पानी पिएं
  • शरीर की जरूरत के अनुसार पानी की मात्रा बढ़ाएं, जैसे गर्मी में या एक्सरसाइज के दौरान
  • नारियल पानी, छाछ, नींबू पानी जैसे नेचुरल इलेक्ट्रोलाइट्स लें
  • शराब, चाय-कॉफी की अधिकता से बचें। ऐसा इसलिए, क्योंकि ये डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं
  • फलों और सब्जियों जैसे खीरा, तरबूज, संतरा, पपीता को डाइट में शामिल करें

निष्कर्ष

यूरिन यानी हमारे शरीर की स्वास्थ्य स्थिति का आईना होता है। इसके रंग, मात्रा और गंध से यह जाना जा सकता है कि हमारा शरीर पर्याप्त पानी प्राप्त कर रहा है या नहीं। डिहाइड्रेशन से बचने के लिए जरूरी है कि हम समय-समय पर पानी पिएं, शरीर की जरूरत समझें और अपने यूरिन की स्थिति पर ध्यान दें। सही समय पर सावधानी बरतकर हम कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं।

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FAQ

  • पेशाब का कौन सा रंग अच्छा होता है?

    हेल्दी व्यक्ति का पेशाब हल्के पीले या हल्के भूरे रंग का होना सामान्य और अच्छा माना जाता है। यह रंग शरीर में पर्याप्त पानी की मौजूदगी और सही मेटाबॉलिज्म को दर्शाता है। बहुत गाढ़ा पीला, नारंगी या भूरा रंग डिहाइड्रेशन या लिवर संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है, जबकि पारदर्शी पेशाब ज्यादा पानी पीने का संकेत हो सकता है। यदि पेशाब में खून, बदबू या झाग नजर आए, तो यह इंफेक्शन या किसी अन्य रोग का लक्षण हो सकता है। ऐसे में डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। 
  • खतरनाक पेशाब का रंग किस रंग का होता है?

    खतरनाक पेशाब का रंग आमतौर पर गाढ़ा भूरा, गुलाबी, लाल हो सकता है। गाढ़ा भूरा या नारंगी रंग लिवर या पित्त की समस्या का संकेत हो सकता है, जबकि गुलाबी या लाल रंग पेशाब में खून की उपस्थिति के कारण हो सकता है, जो किडनी स्टोन, इंफेक्शन या गंभीर रोग का लक्षण हो सकता है। हरे या नीले रंग का पेशाब दुर्लभ दवाओं या बैक्टीरियल इंफेक्शन से हो सकता है। यदि पेशाब का रंग सामान्य से अलग दिखे, उसमें झाग हो या बदबू आए, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
  • पेशाब खुल के ना आए तो क्या करें?

    अगर पेशाब खुलकर नहीं आ रहा है, तो यह यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI), पथरी, प्रोस्टेट की समस्या या डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकता है। ऐसे में सबसे पहले खूब पानी पिएं ताकि मूत्र मार्ग साफ रहे। अजवाइन का पानी, नारियल पानी या नींबू पानी फायदेमंद हो सकते हैं। गर्म पानी से स्नान या पेट पर हल्की गरम सिकाई भी पेशाब की रुकावट को दूर करने में मदद कर सकती है। ज्यादा परेशानी, दर्द, जलन या बार-बार पेशाब की इच्छा हो लेकिन पेशाब न हो तो तुरंत डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है। 

 

 

 

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