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क्या एसिडिटी में छाछ पी सकते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें किन बातों का रखें ध्यान

Chach in acidity: हम सभी एसिडिटी की समस्या से परेशान रहते हैं। यह दिक्कत बेहद आम है और अक्सर खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से परेशान करती है। ऐसे में छाछ पीना एसिडिटी कम करने में कैसे मददगार है। जानते हैं विस्तार से।
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क्या एसिडिटी में छाछ पी सकते हैं? आयुर्वेदाचार्य से जानें किन बातों का रखें ध्यान

Chach in acidity: एसिडिटी की दिक्कत से अक्सर लोग परेशान रहते हैं। एसिडिटी की दिक्कत तब होती है जब शरीर में एसिड बाइल जूस का प्रोडक्शन बढ़ जाता है। ये खराब डाइट और लाइफस्टाइल दोनों की वजह से हो सकता है। इसके अलावा जो लोग तेजी से खाना खाते हैं या फिर ओवरईटिंग करते हैं उनमें भी एसिडिटी की दिक्कत ज्यादा देखी जा सकती है। इतना ही नहीं जो लोग खाना खाने के तुरंत बैठ जाते हैं या फिर खाने के बाद सोने चले जाते हैं उन्हें भी एसिडिटी की दिक्कत परेशान कर सकती है। इस स्थिति में डाइट से जुड़े कुछ बदलावों के साथ कुछ ड्रिंक्स को पीना एसिडिटी की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। जैसे कि छाछ। लेकिन, क्या सच में एसिडिटी में छाछ पीना फायदेमंद है। जानते हैं इस बारे में Dr. Partap Chauhan- World - renowned Ayurvedacharya and Author and Director of Jiva Ayurveda से।

क्या एसिडिटी में छाछ पी सकते हैं-Can We Drink Buttermilk in Acidity in Hindi

Dr. Partap Chauhan बताते हैं कि हां, एसिडिटी में छाछ पीना फायदेमंद है। एसिडिटी से निपटने के लिए छाछ एक सौम्य, प्रभावी सहयोगी हो सकता है, अगर इसे सही तरीके से लिया जाए। आयुर्वेद में, छाछ को सात्विक पेय माना जाता है जो पाचन में सुधार करता है, पित्त दोष को संतुलित करता है और जठरांत्र संबंधी मार्ग को शांत करता है। दूध के विपरीत, जो कभी-कभी पित्त-प्रधान व्यक्तियों में लक्षणों को बढ़ा सकता है, छाछ में हल्का और कसैला गुण होता है जो एसिड उत्पादन को बढ़ाए बिना पाचन अग्नि (अग्नि) का समर्थन करता है। यानी आपका खाना भी पच जाएगा और आपको एसिडिटी की दिक्कत भी नहीं होगी।

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एसिडिटी में छाछ पीने के फायदे-Chach benefits in acidity in Hindi

एसिड बाइल जूस कम करने में मददगार है

छाछ में कैसिइन होता है, एक प्रोटीन जो पेट के एसिड को बेअसर करने और एसिडिटी से तुरंत राहत दिलाने में मदद करता है। एसिडिटी कम करने में छाछ इसलिए भी कारगर है क्योंकि यह एसिड बाइल जूस को कम करने में मददगार है। दरअसल, छाछ पीने से शरीर का एसिड बाइल जूस न्यूट्रिलाइज होने लगता है और इससे पेट का पीएच बैलेंस रहता है। इसके एसिडिटी की दिक्कत नहीं होती और व्यक्ति हेल्दी रहता है।

पेट की परत को आराम देता है

छाछ में मौजूद प्रोबायोटिक्स और लैक्टिक एसिड पेट की परत को आराम देने में मदद कर सकते हैं, जिससे एसिडिटी से जुड़ी सूजन और परेशानी कम हो सकती है। इसके अलावा छाछ पाचन में सहायता करता है। छाछ में लैक्टोबैसिलस एसिडोफिलस जैसे लाभकारी बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन को विनियमित करने, एसिडिटी के लक्षणों को कम करने और समग्र आंत स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।

ठंडक प्रदान करता है

छाछ के ठंडे गुण पेट को शांत करने और सीने में जलन और एसिडिटी से राहत दिलाने में मदद कर सकता है। इसके अलावा छाछ पीने से डिहाइड्रेशन से बचाव होता है, शरीर हाइड्रेटेड रहता है और फिर पेट की जलन व समस्या में कमी आती है। इससे पाचन क्रिया तेज रहता है और एसिडिटी की समस्या से राहत मिलती है।

एसिडिटी के लिए छाछ का सेवन कैसे करें-How to consume buttermilk for acidity

  • -एसिडिटी में हमेशा सादा छाछ पिएं। इसमें कोई मसाला न मिलाएं बल्कि इसे सादे तरीके से पी लें।
  • -मसाले या जड़ी-बूटियां मिलाएं। आप स्वाद और फायदे बढ़ाने के लिए छाछ में जीरा, धनिया या अदरक जैसे मसाले या पुदीना या धनिया जैसी जड़ी-बूटियां मिला सकते हैं।
  • -खाने के बाद छाछ पीने से एसिडिटी कम करने और पाचन में मदद मिल सकती है।

लेकिन संयम और विधि मायने रखती है। छाछ को हमेशा पानी के साथ पतला करें, और इसके पाचन लाभों को बढ़ाने और सूजन या भारीपन को कम करने के लिए इसमें एक चुटकी भुना जीरा पाउडर या सूखी अदरक मिलाएं। इसे ठंडा या भारी, तैलीय या तले हुए खाद्य पदार्थों वाले भोजन के साथ पीने से बचें, क्योंकि इससे इसके लाभ कम हो सकते हैं। हालांकि, अगर आपकी एसिडिटी गंभीर सूजन, अल्सर या पुरानी हाइपरएसिडिटी के कारण होती है, तो इसे अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाने से पहले किसी योग्य आयुर्वेदिक डॉक्टर से सलाह लें। आयुर्वेद हमेशा व्यक्तिगतकरण की सलाह देता है क्योंकि जो एक व्यक्ति के पेट को आराम देता है, वह दूसरे के पेट को परेशान कर सकता है। लेकिन एसिडिटी के ज़्यादातर हल्के मामलों में एक गिलास छाछ पीना फायदेमंद है।

FAQ

  • एसिड रिफ्लक्स में क्या नहीं खाना चाहिए?

    एसिड रिफ्लक्स की समस्या में दूध से बनी चीजों के सेवन से बचें। मिठाई, ज्यादा तेल मसाले वाले फूड्स और मीट मछली खाने से बचें। इसके अलावा इस दौरान ज्यादा चटपटा या प्रोटीन से भरपूर भारी चीजों को खाने से बचें। क्योंकि इससे एसिडिटी की समस्या बढ़ सकती है। 
  • पेट में एसिड ज्यादा बनने से क्या होता है? 

    पेट में एसिड ज्यादा बनने से छाले हो सकते हैं और मेटाबॉलिज्म प्रभावित हो सकता है। इसके अलावा ज्यादा एसिडिटी की वजह से आपका पेट गर्म हो सकता है और पाचन से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है। 
  • पेट के एसिड को ठीक करने का सबसे तेज तरीका क्या है?

    पेट के एसिड को कम करने का सबसे तेज तरीका यह है कि आप पुदीने की पत्तियों को चबा-चबाकर खाएं। इसके अलावा हींग और अजवाइन को तवे पर भून लें और इसमें नमक मिलाकर चबा-चबाकर खाएं। साथ ही नींबू शिकंजी भी एसिडिटी कम करने में मददगार हो सकती है। 

 

 

 

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