
Scented Candles Effect On Health: सर्दियों की शाम हो या घर में किसी खास मौके की तैयारी, सेंटेड कैंडल्स आजकल लगभग हर घर में जलने लगी हैं। लैवेंडर, वनिला, गुलाब, जैस्मिन इनकी महक जैसे ही हवा में फैलती है, माहौल एकदम रिलैक्सिंग हो जाता है। कई लोग तो स्ट्रेस कम करने और नींद सुधारने के लिए भी इन कैंडल्स का इस्तेमाल करते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि जिसकी खुशबू आपको सुकून देती है, वही आपके फेफड़ों के लिए खतरा भी बन सकती है? इस लेख में यशोदा हॉस्पिटल, हैदराबाद के कंसल्टेंट इंटरवेंशनल पल्मोनोलॉजिस्ट डॉक्टर प्रणय साई चंद्रागिरि (Dr. Pranay Sai Chandragiri, Consultant Interventional Pulmonologist, Yashoda Hospitals, Hyderabad) से जानिए, क्या सुगंधित मोमबत्ती फेफड़ों के लिए हानिकारक है?
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क्या सुगंधित मोमबत्ती फेफड़ों के लिए हानिकारक है? - Can using scented candles harm your lung
डॉक्टर प्रणय साई चंद्रागिरि बताते हैं कि सुगंधित मोमबत्तियां जितनी आकर्षक दिखती हैं, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती हैं। डॉ. प्रणय बताते हैं कि जब सुगंधित मोमबत्ती यानी सेंटेड कैंडल्स जलती है, तो वह अल्ट्राफाइन पार्टिकल्स (UFPs) और कई केमिकल्स हवा में छोड़ती है। ये छोटे-छोटे कण इतने सूक्ष्म होते हैं कि सीधे फेफड़ों के अंदर तक पहुंच सकते हैं। खासतौर पर पैराफिन वैक्स से बनी मोमबत्तियां, बेंजीन और फॉर्मलडिहाइड जैसे केमिकल्स उत्सर्जित करती हैं। ये सभी पदार्थ वायुमार्ग (airways) को नुकसान पहुंचा सकते हैं, जिससे खांसी, जलन और सांस लेने में दिक्कत जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
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अस्थमा, COPD और साइनस के मरीजों पर असर
डॉ. प्रणय बताते हैं कि अस्थमा, COPD और साइनस जैसी समस्याओं से पीड़ित मरीजों में इन मोमबत्तियों के इस्तेमाल के बाद खांसी, घरघराहट और सांस फूलने की शिकायतें बढ़ जाती हैं। कई बार यह एक्सपोजर बीमारी के फ्लेयर-अप का कारण बन सकता है। यानी जो मरीज पहले ठीक थे, वे फिर से परेशानी में आ सकते हैं।
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- सिर्फ मरीज ही नहीं, बल्कि पूरी तरह स्वस्थ लोग भी सुगंधित मोमबत्तियों से प्रभावित हो सकते हैं।
- लंबे समय तक खराब वेंटिलेशन वाली जगह में ये मोमबत्तियां जलती रहें तो इससे एयरवे इंफ्लेमेशन यानी वायुमार्ग में सूजन हो सकती है।
- भले ही यह नुकसान स्थायी न हो, लेकिन बार-बार ऐसा होने से फेफड़ों पर तनाव बढ़ता है और सांस लेने की क्षमता पर असर पड़ सकता है।
डॉ. प्रणय बताते हैं कि इंटरस्टिशियल लंग डिजीज (ILD), खासकर हाइपरसेंसिटिविटी न्यूमोनाइटिस वाले मरीज अक्सर बताते हैं कि उनके लक्षण सुगंधित मोमबत्तियों या अगरबत्तियों/सुगंधित स्टिक के लगातार इस्तेमाल के बाद शुरू हुए। यानी ऐसे रोग संवेदनशील लोगों में सुगंधित पदार्थों से ट्रिगर हो सकते हैं।

डॉक्टर की सलाह
- कम मात्रा में इस्तेमाल करें, हर दिन या घंटों तक मोमबत्ती जलाना बंद करें।
- सोया या Beeswax चुनें, ये ज्यादा प्राकृतिक और कम हानिकारक विकल्प हैं।
- Synthetic fragrances से बचें, भारी, तीखी या लंबे समय तक रहने वाली खुशबू फेफड़ों के लिए खराब होती हैं।
- कमरे की वेंटिलेशन बेहतर रखें, पंखा, खिड़की या एग्जॉस्ट चालू रखें ताकि हवा बदली जा सके।
निष्कर्ष
सुगंधित मोमबत्तियां बेशक आपके माहौल को खूबसूरती और सुगंध से भर दें, लेकिन उनमें छिपे रसायन आपके फेफड़ों को धीरे-धीरे नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए इन्हें सीमित मात्रा में, सुरक्षित विकल्पों के साथ और खुली हवा वाले कमरे में इस्तेमाल करें। खासकर यदि आपके परिवार में कोई अस्थमा, COPD या एलर्जी का मरीज है तो इनके उपयोग पर विशेष ध्यान दें।
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FAQ
क्या सेंटेड कैंडल्स से घर की इनडोर एयर क्वालिटी खराब होती है?
लगातार जलाने से इनडोर पॉल्यूशन बढ़ता है और घर के अंदर हवा में केमिकल और धुएं के कणों की मात्रा बढ़ जाती है।कमजोर फेफड़ों को मजबूत कैसे करें?
डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज, रोज 30 मिनट की वॉक, धूम्रपान से दूरी, और हेल्दी डाइट फेफड़ों को मजबूत बनाते हैं।लगातार खांसी कब गंभीर मानी जाती है?
अगर खांसी 2 सप्ताह से अधिक चले, सांस फूलने लगे, खून आए, सीने में दर्द हो या अचानक वजन घटने लगे, तो तुरंत पल्मोनोलॉजिस्ट से चेकअप करवाना चाहिए।
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Nov 27, 2025 16:29 IST
Published By : Akanksha Tiwari