आज के समय में डायबिटीज सबसे तेजी से फैलने वाली लाइफस्टाइल डिजीज बन चुकी है। लेकिन इससे पहले कि यह बीमारी पूरी तरह से जकड़े, शरीर हमें एक चेतावनी देता है जिसे प्रीडायबिटीज कहा जाता है। यह वह स्थिति होती है जब ब्लड शुगर सामान्य से थोड़ा अधिक होता है लेकिन इतना ज्यादा नहीं कि उसे डायबिटीज कहा जाए। सरल भाषा में कहें तो प्रीडायबिटीज डायबिटीज की तरफ बढ़ने का पहला कदम है। भारत जैसे देश में करोड़ों लोग आज के समय में प्रीडायबिटीज के शिकार हैं। प्रीडायबिटीज को लेकर लोगों के मन में सबसे बड़ा सवाल यही रहता है कि क्या इसे हमेशा के लिए रिवर्स किया जा सकता है? क्या लाइफस्टाइल बदलने के बाद यह दोबारा नहीं लौटेगा? या फिर यह केवल कुछ सालों तक कंट्रोल रहकर वापस डायबिटीज में बदल जाता है? इस लेख में आकाश हेल्थकेयर के एंडोक्रिनोलॉजी विभाग की वरिष्ठ सलाहकार, डॉ. मोनिका शर्मा (Dr. Monika Sharma, Senior Consultant, Endocrinology, Aakash Healthcare) से जानिए, क्या प्रीडायबिटीज रिवर्स हो सकती है?
क्या प्रीडायबिटीज रिवर्स हो सकती है? - Can Prediabetes Be Reversed Permanently
डॉ. मोनिका शर्मा बताती हैं कि प्रीडायबिटीज को गंभीर इसलिए माना जाता है क्योंकि यह भविष्य में डायबिटीज, हार्ट डिजीज और स्ट्रोक का खतरा कई गुना बढ़ा देता है। जिन लोगों को प्रीडायबिटीज होता है उनमें से लगभग 70 प्रतिशत लोग लाइफस्टाइल पर ध्यान न देने की वजह से टाइप-2 डायबिटीज के मरीज बन जाते हैं। हालांकि अच्छी बात यह है कि यह स्टेज एक चेतावनी है और अगर इस समय सावधानी बरती जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है।
प्रीडायबिटीज को पूरी तरह से डायबिटीज में बदलने से रोका जा सकता है। कई मेडिकल स्टडीज ने यह साबित किया है कि सही खानपान, नियमित एक्सरसाइज और वजन कम करने से ब्लड शुगर लेवल सामान्य स्थिति में लाया जा सकता है। हालांकि 'परमानेंट रिवर्सल' का दावा करना मुश्किल है क्योंकि यह काफी हद तक व्यक्ति की लाइफस्टाइल और जेनेटिक फैक्टर पर निर्भर करता है। जिन लोगों का परिवार में डायबिटीज का इतिहास है, उन्हें जीवनभर ज्यादा सावधानी रखनी होती है।
इसे भी पढ़ें: प्रीडायबिटीज और इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या को रिवर्स करने के लिए फॉलो करें ये टिप्स, मिलेगा फायदा
प्रीडायबिटीज को कैसे ठीक करें? - What is the fastest way to reverse prediabetes
- प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने का पहला और सबसे कारगर तरीका है वजन को कंट्रोल करना। खासकर पेट के आसपास जमी चर्बी इंसुलिन रेजिस्टेंस को बढ़ा देती है।
- यदि व्यक्ति अपने कुल शरीर के वजन का सिर्फ 5-7% तक कम कर ले तो डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है।
- प्रीडायबिटीज के मरीजों को रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट जैसे मैदा, सफेद ब्रेड, मिठाइयां और स्वीट ड्रिंक्स से परहेज करना चाहिए।
- छोटे-छोटे अंतराल में खाना और डिनर हल्का रखना ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
- शरीर को एक्टिव रखना प्रीडायबिटीज को रिवर्स करने के लिए जरूरी है। रोजाना कम से कम 30 मिनट पैदल चलना, योग करना या साइकल चलाना शरीर की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है।
- एक्सरसाइज करने वाले लोगों में डायबिटीज का रिस्क 50 प्रतिशत तक कम हो जाता है।
- तनाव की वजह से शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ जाता है जो ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा कर देता है। इसलिए रोजाना 7-8 घंटे की नींद और मेडिटेशन या प्राणायाम जैसी चीजें तनाव को कम करके ब्लड शुगर को संतुलित रखने में मदद करती हैं।
इसे भी पढ़ें: प्री-डायबिटीज रोगी फॉलो करें 7 दिनों का ये डाइट प्लान, नहीं बढ़ेगा ब्लड शुगर लेवल और डायबिटीज से होगा बचाव
डॉ. मोनिका शर्मा बताती हैं, ''प्रीडायबिटीज के ज्यादातर मामलों में लाइफस्टाइल सुधार ही काफी होता है। लेकिन अगर ब्लड शुगर लगातार हाई बना रहे और वजन ज्यादा हो तो डॉक्टर कभी-कभी दवाइयां भी लिख सकते हैं। हालांकि, दवा केवल सपोर्ट करती है, असली इलाज लाइफस्टाइल में बदलाव ही है।''
निष्कर्ष
प्रीडायबिटीज को हमेशा के लिए रिवर्स करना संभव तो है, लेकिन यह तभी होगा जब आप जीवनभर हेल्दी रूटीन को अपनाए रखें। हेल्दी डाइट, नियमित एक्सरसाइज, पर्याप्त नींद और तनाव पर कंट्रोल ही इसके लिए सबसे जरूरी हैं। जिन लोगों ने समय रहते ये कदम उठाए, उन्होंने न केवल डायबिटीज को टाला बल्कि खुद को कई अन्य बीमारियों से भी सुरक्षित किया।
All Images Credit- Freepik