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क्या मेनोपॉज से माइग्रेन बढ़ सकता है? जानें कारण और बचाव

मेनोपॉज का समय कुछ महिलाओं के लिए बेहद कठिन होता है और इस दौरान महिलाओं को कई समस्याओं का सामना भी करना पड़ता है। यहां जानिए, क्या मेनोपॉज से माइग्रेन बढ़ सकता है?
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क्या मेनोपॉज से माइग्रेन बढ़ सकता है? जानें कारण और बचाव


मेनोपॉज महिलाओं के जीवन में आने वाला एक ऐसा समय होता है, जब शरीर में कई हार्मोनल परिवर्तन शुरू हो जाते हैं। यह समय आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच आता है, जब महिला की मासिक धर्म यानी पीरियड्स की प्रक्रिया स्थायी रूप से बंद हो जाती है। इस चरण में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रमुख हार्मोन तेजी से घटने लगते हैं, जिससे न केवल फर्टिलिटी पर असर पड़ता है, बल्कि संपूर्ण शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है। कुछ महिलाओं के लिए यह समय बेहद कठिन होता है। उन्हें हॉट फ्लैश, मूड स्विंग्स, नींद की कमी, थकावट और सिरदर्द जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई महिलाओं को इस दौरान सिरदर्द भी रहता है जो कि माइग्रेन भी हो सकता है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है, जिसमें सिर के एक हिस्से में तेज धड़कन जैसा दर्द होता है, और यह कई बार उल्टी, मतली, चक्कर की समस्या भी हो सकती है। अब सवाल उठता है कि क्या मेनोपॉज के दौरान माइग्रेन की समस्या बढ़ सकती है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल (Dr. Tanima Singhal, Pregnancy educator and Lactation Consultant at Maa-Si Care Clinic, Lucknow) से बात की-

क्या मेनोपॉज के दौरान माइग्रेन बढ़ता है? - Can Menopause Make Migraines Worse

मेनोपॉज वह अवस्था होती है जब महिला की माहवारी स्थायी रूप से बंद हो जाती है, आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की उम्र के बीच। इस दौरान शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हार्मोन्स का स्तर तेजी से घटने लगता है, जिससे कई प्रकार के शारीरिक और मानसिक बदलाव होते हैं। माइग्रेन को हार्मोन-संवेदनशील सिरदर्द माना जाता है और एस्ट्रोजेन में होने वाले उतार-चढ़ाव से यह और ज्यादा खराब हो सकता है। विशेष रूप से पेरिमेनोपॉज के दौरान हार्मोनल अस्थिरता माइग्रेन को ट्रिगर कर सकती है। पेरिमेनोपॉज के समय हार्मोनल उतार-चढ़ाव सबसे ज्यादा होता है। कई महिलाओं को इस दौरान माइग्रेन के अटैक पहले से ज्यादा बार और तीव्रता के साथ होते हैं। लेकिन कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के बाद माइग्रेन से राहत मिल जाती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि हार्मोन स्तर स्थिर हो जाता है। लेकिन जो महिलाएं पहले से menstrual migraine से पीड़ित हैं, उन्हें मेनोपॉज में यह ज्यादा परेशान कर सकता है।

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माइग्रेन के लक्षण

  • सिर के एक तरफ तेज धड़कन जैसा दर्द
  • उल्टी या मतली
  • तेज रोशनी और आवाज से संवेदनशीलता
  • आंखों के आगे चमकदार लाइट्स दिखना
  • थकान और चिड़चिड़ापन
  • बोलने या सोचने में कठिनाई

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Can Menopause Make Migraines Worse

माइग्रेन को मेनोपॉज में कैसे करें मैनेज?

  • यदि हार्मोनल असंतुलन माइग्रेन को ट्रिगर कर रहा है, तो डाइट का रखें ध्यान और कैफीन, चॉकलेट, अधिक नमक और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें।
  • विटामिन B2, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त डाइट लें।
  • रोजाना पर्याप्त पानी पिएं।
  • नींद और तनाव को कंट्रोल करें और रोजाना 7–8 घंटे की नींद लें।
  • तनाव कम करने के लिए योग, ध्यान और प्राणायाम करें।
  • स्क्रीन टाइम सीमित करें, खासकर रात में।

डॉक्टर से परामर्श कर माइग्रेन की दवाएं लें। अगर माइग्रेन बार-बार हो रहा हो, तो डॉक्टर की सलाह अनुसार उचित टेस्ट जरूर करवाएं।

माइग्रेन के आयुर्वेदिक और घरेलू उपाय

  • ब्राम्ही और शंखपुष्पी, मानसिक शांति और सिरदर्द में राहत देती हैं।
  • त्रिफला चूर्ण शरीर के विषैले तत्वों को निकालता है और पाचन सुधारता है।
  • अश्वगंधा तनाव कम करने और हार्मोन संतुलन में सहायक होता है।
  • सिर पर ठंडी पट्टी या नारियल तेल से मालिश करें।
  • अदरक की चाय माइग्रेन को शांत करने में सहायक हो सकती है।

निष्कर्ष

मेनोपॉज महिलाओं के जीवन में एक बड़ा बदलाव होता है और इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल उतार-चढ़ाव होते हैं, जो माइग्रेन को ट्रिगर या बिगाड़ सकते हैं। हालांकि हर महिला का अनुभव अलग होता है कुछ को राहत मिलती है तो कुछ को ज्यादा परेशानी होती है। ऐसे में जरूरी है कि आप अपने शरीर के संकेतों को पहचानें, बैलेंस लाइफस्टाइल अपनाएं और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लें।

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FAQ

  • क्या मेनोपॉज से सिरदर्द होता है?

    मेनोपॉज के दौरान सिरदर्द होना आम समस्या है। इस समय शरीर में हार्मोन, खासकर एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन का लेवल तेजी से घटता है, जिससे सिरदर्द या माइग्रेन ट्रिगर हो सकता है। कुछ महिलाओं को पेरिमेनोपॉज में बार-बार सिरदर्द, भारीपन या धड़कन जैसे लक्षण महसूस होते हैं। लाइफस्टाइल में सुधार, पर्याप्त नींद और योग-प्राणायाम से इस समस्या में राहत मिल सकती है। जरूरत पड़ने पर डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
  • माइग्रेन का मुख्य कारण क्या है?

    माइग्रेन का मुख्य कारण अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन डॉक्टर के अनुसार यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो मस्तिष्क में होने वाले रासायनिक और हार्मोनल बदलावों से जुड़ा होता है। ट्रिगर फैक्टर्स जैसे अत्यधिक तनाव, नींद की कमी, हार्मोनल बदलाव, तेज रोशनी, तेज आवाज, कुछ खास फूड्स, अनियमित भोजन और मौसम में अचानक बदलाव माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा जेनेटिक कारण भी माइग्रेन के लिए जिम्मेदार हो सकते हैं। 
  • महिलाओं में मेनोपॉज के क्या लक्षण हैं?

    महिलाओं में मेनोपॉज के दौरान कई शारीरिक और मानसिक लक्षण देखने को मिलते हैं, जो हार्मोनल बदलावों के कारण होते हैं। इसके सामान्य लक्षणों में मासिक धर्म यानी पीरियड्स का अनियमित होना या पूरी तरह बंद हो जाना, हॉट फ्लैश यानी अचानक गर्माहट महसूस होना, रात को पसीना आना, नींद न आना, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, थकान, सिरदर्द, वजन बढ़ना, बाल झड़ना और ड्राई स्किन शामिल हैं। इसके अलावा यौन इच्छा में कमी, योनि में ड्राईनेस और पेशाब से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। मेनोपॉज का प्रभाव हर महिला पर अलग-अलग होता है और इसके लक्षण हल्के से लेकर गंभीर तक हो सकते हैं।

 

 

 

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  • Nov 05, 2025 16:52 IST

    Published By : Anurag Gupta